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पर्यावरण और इसके घटक- जल, मिट्टी, खनिज | हरित गृह प्रभाव | Environment and its components- water, soil, minerals | Green house effect

पर्यावरण किसे कहते हैं? (What is Environment?)

पर्यावरण- पर्यावरण परि (आस-पास) आवरण (घेरे हुए) वह आवरण जो हमें चारों ओर से घेरे हुए है या हमारे चारों ओर का वातावरण या परिषेश जिसमें हम रहते हैं, पर्यावरण कहलाता है।
पर्यावरण के घटक– पर्यावरण के घटक पृथ्वी, जल अग्नि, वायु और आकाश को पर्यावरण के प्रमुख घटक माना गया है।

Environment- Environment The environment in which we live is called.
Components of the environment – Components of the environment Earth, water, fire, air and sky have been considered as the major components of the environment.

टीप- प्रतिवर्ष 5 जून को हम विश्व पर्यावरण दिवस मनाकर पर्यावरण सुरक्षा का संकल्प लेते है।

Note- Every year on 5th June we take a pledge to protect the environment by celebrating World Environment Day.

पर्यावरण के भाग (Parts of the Environment)–

पर्यावरण को 2 भागों में बाँटा गया है।
1. सामाजिक पर्यावरण- माता - पिता, दादा-दादी, नाना नानी, चाचा-चाची, दुकानदार, मित्र, किसान, शिक्षक आदि से मिलकर हमारा समाज बना है और इसमें रहन-सहन, विवाह, उत्सव, खेलकूद, मेले आदि का आयोजन सामाजिक गतिविधियाँ कहलाती है। ये गतिविधियाँ एवं सामाजिक आयोजन आपसी मेलजोल और भाई चारे को बढ़ाते है। स्वस्थ सामाजिक पर्यावरण को रखने के लिए निम्न कारको महत्वपूर्ण भूमिका है।
1. शांति
2. भाईचारा और आपसी सामंजस्य।
3. पड़ौसी धर्म
4. सार्वजनिक सम्पत्ति की सुरक्षा।

Environment is divided into 2 parts.
1. Social Environment- Our society is made up of parents, grandparents, maternal grandparents, uncle-aunts, shopkeepers, friends, farmers, teachers etc. and it includes living, marriage, festivals, sports, fairs etc. Organizing social activities is called. These activities and social events increase mutual interaction and brotherhood. The following factors play an important role in maintaining a healthy social environment.
1. Peace
2. Brotherhood and mutual harmony.
3. Neighboring Religion
4. Protection of public property.

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2. जैव प्रौद्योगिकी एवं इसके प्रयोग
3. सब्जियों एवं फलों के रंगों एवं स्वाद के कारण
4. मधुमक्खी पालन एवं शहद उत्पादन

2. प्राकृतिक पर्यावरण– हवा, पानी, सूर्य प्रकाश मिट्टी आदि हमारे चारों ओर के प्राकृतिक पर्यावरण को निर्मित करते है, क्योंकि होते हैं। सभी हमें प्रकृति से प्राप्त होते हैं। या हमारे आसपास उपस्थित वे समस्त वस्तुएँ जो प्रकृति से प्राप्त होती है, प्राकृतिक पर्यावरण कहलाता हैं।

2. Natural Environment– Air, water, sunlight, soil etc. create the natural environment around us, because there are. We all get it from nature. Or all those things present around us which are obtained from nature, is called natural environment.

प्राकृतिक पर्यावरण के घटक (Components of the natural environment)–

प्राकृतिक पर्यावरण के दो घटक हैं।
1. जैविक घटक
2. अजैविक घटक
1. जैविक घटक– प्रकृति के पे घटक जिनमें जीवन है, जैविक घटक कहलाते हैं। जैसे- पशु-पक्षी, जन्तु, पेड़-पौधे, सूक्ष्मजीव आदि।

Natural environment has two components.
1. Organic Component
2. Abiotic components
1. Biological components – The components of nature in which there is life are called biological components. Such as- birds, animals, plants, microorganisms etc.

2. अजैविक घटक– प्रकृति के वे घटक जिनमें जीवन नहीं है, किन्तु को आधार प्रदान करते हैं, अजैविक घटक कहलाते हैं। ये घटक मुख्य रूप से पंच तत्वों से मिलकर बने हैं, पृथ्वी, अग्नि, आकाश, जल एवं वायु।

2. Abiotic Components – Those components of nature which do not have life, but provide support, are called abiotic components. These components are mainly made up of five elements, earth, fire, sky, water and air.

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2. भारत के मसाले एवं उनकी खेती
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प्राकृतिक संसाधन पर्यावरणीय संघटन में उपस्थित गैसों का महत्व– प्राकृतिक संसाधन प्रकृति द्वारा प्रदत्त वे वस्तुएँ जो हमारे जीवन के लिए उपयोगी एवं आवश्यक होती हैं, प्राकृतिक संसाधन कहलाती हैं।

Natural Resources Importance of Gases Present in Environmental Composition– Natural Resources The things provided by nature which are useful and necessary for our life, are called natural resources .

प्राकृतिक संसाधन (Natural resources)–

वायु– यह हमारे चारों ओर फैली हुई है. जिसे वायुमण्डल कहते हैं।
संघटन में उपस्थित गैसों का पर्यावरणीय महत्व–
(अ) वायु में उपस्थित ऑक्सीजन हमारे श्वसन के लिए आवश्यक है।
(ब) नाइट्रोजन– यह पेड़-पौधों की वृद्धि के लिए आवश्यक है।
(स) कार्बन डाइऑक्साइड– वायु में उपस्थित कार्बन डाई ऑक्साइड का उपयोग पेड़़-पौधे अपना भोजन बनाने करते हैं।

Air– It extends all around us. Which is called atmosphere.
Environmental importance of gases present in the composition–
(a) Oxygen present in the air is essential for our respiration.
(b) Nitrogen– It is essential for the growth of plants.
(c) Carbon dioxide– The carbon dioxide present in the air is used by plants to make their food.

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1. पादपों में पोषण- प्रकाश संश्लेषण
2. जैविक कृषि– कृषि की एक प्रमुख विधि
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वायु में गैसों का अनुपात (Ratio of gases in air)–

1. आक्सीजन में 21%
2. नाइट्रोजन में 78% होती है।
3. अन्य गैसें– आर्गन, कबिनडाई ऑक्साइड, जलवाष्प 1%

1. 21% in oxygen
2. Nitrogen contains 78%.
3. Other gases – argon, cobindioxide, water vapor 1%

जल– जल जीवन का महत्वपूर्ण प्राकृतिक संसाधन है। हमारी पृथ्वी में तीन चौथाई जल है। पृथ्वी पर लगभग 70% जल एवं 30% जमीन है, किन्तु पीने योग्य जल अत्यधिक कम मात्रा में है। पृथ्वी पर जल का सबसे बड़ा स्रोत समुद्र हैं। इसके अलावा नदी, तालाब, झील कुएँ. आदि अन्य जल स्त्रोत है। जल तीन अवस्थाओं में पाया जाता है- ठोस, द्रवगैस। इन अवस्थाओं के एक- दूसरे में परिवर्तित होने में तापमान की मुख्य भूमिका होती है। तापमान कम होने पर जल ठोस अवस्था में रहता है। तापमान में वृद्धि होने से ठोस द्रव अवस्था (जल) में परिवर्तित हो जाता है। अत्याधिक गर्म होने पर जल गैस (वाष्प) में बदल जाता है। यह परिवर्तन लगातार चलता रहता है। उष्मा जल से वाष्प बनाकर बादलों का निर्माण करती है जो वर्षा के समय पुन: पृथ्वी पर आ जाती है और और इसका उपयोग पेड़-पौधे जीव- जन्तु करते हैं। जल की अवस्थाओं का प्रकृति इस प्रकार का परिवर्तन जल-चक्र कहलाता है। प्रकृति में जल-चक्र चलते रहने से वर्षा होना प्राकृतिक प्रक्रिया है। किन्तु जब जल में अनावश्यक हानिकारक पदार्थ मिल जाते तो वह प्रदूषित हो जाता है। प्रदुषित जल पीने से पेचिश, डायरिया, पीलिया आदि रोग हो सकते हैं।

Water– Water is an important natural resource of life. Three quarters of our earth is water. The earth is about 70% water and 30% land, but potable water is very less. The largest source of water on Earth is the sea. Apart from this river, pond, lake well. There are other water sources etc. Water is found in three states – solid, liquid and gas. Temperature plays a major role in the conversion of these states to each other. Water remains in a solid state when the temperature is low. With an increase in temperature, the solid changes to the liquid state (water). Water turns into gas (vapour) when heated excessively. This change goes on continuously. The heat forms clouds by making water vapor, which again comes to the earth during the rains and is used by plants and animals. This type of change in the state of water is called the water cycle. Rainfall is a natural process in nature due to the ongoing water cycle. But when unnecessary harmful substances are mixed in the water then it becomes polluted. Drinking polluted water can cause diseases like dysentery, diarrhea, jaundice etc.

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सूर्य का प्रकाश– सूर्य ब्रह्मांड में स्थित एक महत्वपूर्ण तारा है, जो ऊर्जा का प्रमुख स्रोत हैं, इससे प्राप्त, होने वाली ऊर्जा को सौर ऊर्जा कहते है। सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में पौधे कार्बन डाई-ऑक्साइड तथा जल को ग्रहण कर अपना भोजन बनाते हैं। यह प्रक्रिया प्रकाश संश्लेषण कहलाती है।

Sunlight– Sun is an important star located in the universe, which is the main source of energy, the energy obtained from it is called solar energy. Plants make their own food by taking in carbon dioxide and water in the presence of sunlight. This process is called photosynthesis.

भूमि- पृथ्वी का वह भाग जहाँ जल नहीं होता है, स्थल मण्डल कहलाता है। भूमि पर पेड़-पौधे तथा जन्तु रहते हैं। यह ऐसा प्राकृतिक संसाधन है जो हमें आश्रय देता है एवं समस्त जावों विकास के लिए आधार प्रदान करता है। भूमि में मुख्यत: निम्नलिखित पदार्थ होते है।
(i) मिट्टी
(ii) जल
(iii) खनिज।
मिट्टी– मिट्टी एक प्रमुख प्राकृतिक संसाधन है जो बहुत सारे जीवधारियों का आवास होती है। प्राकृतिक रूप से मिट्टी बहुत लम्बी अवधि के बाद निरन्तर चट्टानों के क्षरण से बनती रहती है।

Land- The part of the earth where there is no water is called the lithosphere. Plants and animals live on the land. It is such a natural resource that gives shelter to us and provides the basis for the development of all animals. The soil mainly consists of the following substances.
(i) Soil
(ii) Water
(iii) Minerals.
Soil– Soil is a major natural resource which is home to many living organisms. Naturally, soil is formed by continuous erosion of rocks over a long period of time.

खनिज पदार्थ– वे पदार्थ जो जमीन अथवा धरातल से खोदकर निकाले जाते हैं, खनिज पदार्थ कहलाते हैं। जिन स्थानों से इन्हें खोदकर निकाला जाता है यह स्थान खदान कहते हैं। पृथ्वी के नीचे से निकलने वाले कुछ खनिज पदार्थ ईंधन के रूप में प्रयोग किए जाते हैं, जिन्हें खनिज ईंधन कहते हैं। जैसे- कोयला, पेट्रोलियम पदार्थ आदि।

Mineral Substances– The substances which are dug out from the ground or surface are called minerals. The places from where they are dug out are called mines. Some minerals that come out from under the earth are used as fuel, which are called mineral fuels. Like- coal, petroleum etc.

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कोयला– कोयला पृथ्वी से प्राप्त एक उपयोगी खनिज है। इसका उपयोग विभिन्न क्रियाकलापों में किया जाता है।
जैसे - (1) ईंधन के रूप में (पत्थर का कोयला, लकड़ी का कोयला, लकड़ी)
(2) रेल के इंजन में।
(3) जलयान में।

Coal– Coal is a useful mineral obtained from the earth. It is used in various activities.
Such as - (1) as fuel (stone charcoal, charcoal, wood)
(2) In railway engine.
(3) In the ship.

टीप– पेट्रोलियम पृथ्वी के गर्भ में पाया जानेवाला गाढ़े रंग का तरल खनिज पदार्थ होता है। इससे पेट्रोल, डीजल, मिट्टी का तेल (केरोसिन) तथा ग्रीस, कोलतार आदि मिलता है।

Note– Petroleum is a dark colored liquid mineral found in the Earth's core. It gives petrol, diesel, kerosene (kerosene) and grease, bitumen etc.

टीप– जल का लगभग प्रतिशत (भार के अनुसार)
1. मनुष्य में – 70 प्रतिशत
2. वृक्ष में – 40 प्रतिशत
3. जलीय पौधों में – 90 प्रतिशत
4. जलीय जीव (जैली फिश) में – 95%
5. अण्डे में – 75 प्रतिशत
6. ककड़ी में - 95 प्रतिशत

Note– Approximate percentage of water (by weight)
1. In humans – 70 percent
2. Tree – 40 percent
3. In aquatic plants – 90 percent
4. In aquatic life (Jelly fish) – 95%
5. In eggs – 75 percent
6. In Cucumber - 95 percent

टीप – (1) भोपाल में यूनियन कार्बाइड कम्पनी के प्लान्ट में बेहद खतरनाक गैस का रिसाव 3 दिसम्बर 1984 की मध्य रात्रि को हुआ था। जिसमें भारी जनहानि हुई थी। उस गैस का नाम मिथाइल आइसो सायनेट था।
(2) वायु प्रदूषण को दूर करने में पौधों का विशेष महत्व होता है हिना की पत्तियाँ हानिकारक प्रदूषक को सोखकर वातावरण में इनकी मात्रा को निरन्तर कम करते रहती हैं। इसलिए प्रदूषित क्षेत्रों, नगरों, मार्गो आदि के किनारे वृक्षारोपण करना लाभदायी होता है।
(3) कोयले के धुएँ धूल से उत्पन्न प्रदूषण को रोकने के लिए जंगल-जलेबी नामक वृक्ष का सघन रोपण लाभकारी सिद्ध हुआ है।

Note – (1) Extremely dangerous gas leak at Union Carbide Company plant in Bhopal 3 December 1984 happened at midnight. In which there was heavy casualties. The name of that gas was Methyl Isocyanate.
(2) Plants have special importance in removing air pollution, henna leaves absorb harmful pollutants and keep reducing their quantity in the environment continuously. Therefore it is beneficial to do plantation along the polluted areas, cities, roads etc.
(3) In order to prevent pollution caused by coal fumes, dust, intensive planting of a tree named Jungle-Jalebi has proved beneficial.

वायु प्रदूषित करने वाले कारक और उसका मानव स्वास्थ्य पर प्रभाव (Air polluting factors and their impact on human health)–

(1) प्रदूषक कारक– सल्फर डाइऑक्साइड।
प्रदूषक स्रोत– तेल और कोयला उपयोग करने वाले उद्योगों से।
मानव स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव– आँखों में तेज जलन, आँखें लाल होना, खाँसी का आना एवं श्वशन पर दुष्प्रभाव।

(1) Polluting Factors– Sulfur Dioxide.
Pollutant sources– from industries using oil and coal.
Effects on human health– severe burning in eyes, red eyes, coughing and side effects on respiration.

(2) प्रदूषक कारक– कार्बन मोनोऑक्साइड।
प्रदूषक स्त्रोत– मोटर वाहनों और उद्योगों के धुएँ से।
मानव स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव– रक्त में ऑक्सीजन ग्रहण करने की क्षमता में कमी से घातक परिणाम।

(2) Polluting Factors– Carbon Monoxide.
Pollutant Sources– from the smoke of motor vehicles and industries.
Effects on human health– Fatal consequences due to reduced oxygen carrying capacity in the blood.

(3) प्रदूषक कारक– नाइट्रोजन के ऑक्साइड एवं हाइड्रोजन कार्बन।
प्रदूषक स्त्रोत– कार, पेट्रोल से चलने वाले मोटर वाहनों के धुएँ से।
मानव स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव- फेफड़ों की कार्य-क्षमता में कमी एवं स्वास्थ्य की बीमारी।

भौतिकी विज्ञान के इन 👇 प्रकरणों को भी पढ़ें।
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(3) Polluting Factors– Oxides of Nitrogen and Hydrogen Carbon.
Polluting Sources– Cars, Petrol driven motor vehicles from smoke.
Effects on human health- Decreased lung function and health disease.

(4) प्रदूषण कारक– धूल के कण।
प्रदूषक स्त्रोत– मोटर वाहन (डीजल चलित)
मानव स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव– आँख, नाक, कान गले में जलन संबंधी रोग।

(4) Pollution Factors– Dust Particles.
Pollution Source– Motor Vehicles (Diesel Powered)
side effects on human health– Irritation diseases of eyes, nose, ear throat.

हरित गृह प्रभाव (Green House Rffect)–

कार्बन डाई ऑक्साइड वायु का एक सामान्य अवयव है। वायुमंडल में इसकी मात्रा अधिक हो जाने से इसे प्रदूषक माना जाता है। कार्बन डाइऑक्साइड की अधिक मात्रा कोयला लकड़ी तेल पेट्रोलियम पदार्थ और गैस ईंधन को जलाने से बढ़ती है। कार्बन डाइऑक्साइड की अधिक मात्रा पृथ्वी के चारों ओर आवरण बना लेती है। सूर्य से आने वाली किरणें कार्बन डाईऑक्साइड के आवरण में प्रवेश तो कर लेती हैं किंतु पृथ्वी से वापस कार्बन डाइऑक्साइड के इस सघन आवरण को भेद न पाने के कारण परावर्तित नहीं हो पाती, जिसके कारण पृथ्वी का वातावरण अत्यधिक गर्म होकर जीवन को प्रभावित करता है। इससे आज ध्रुवों पर जमी हुई बर्फ के पिघलने से समुद्र तटीय क्षेत्रों में बाढ़ का खतरा बढ़ा है तथा पर्यावरण असंतुलन की स्थिति बन रही है जो कि हरित ग्रह प्रभाव (ग्लोबल वार्मिंग) का परिणाम है।

Carbon dioxide is a common component of air. It is considered a pollutant due to its excess in the atmosphere. The excess amount of carbon dioxide is increased by burning coal, wood, oil, petroleum and gas fuel. A large amount of carbon dioxide forms a cover around the earth. The rays coming from the sun enter the cover of carbon dioxide, but are not reflected back from the earth due to not being able to penetrate this dense cover of carbon dioxide, due to which the earth's atmosphere becomes very hot and affects life. This has increased the risk of flooding in coastal areas due to the melting of frozen ice at the poles today and is creating a situation of environmental imbalance which is a result of Green Planet Effect (Global Warming).

रसायन विज्ञान के इन 👇 प्रकरणों को भी पढ़ें।
1. रसायन विज्ञान की प्रमुख शाखाएँ, विभिन्न क्षेत्रों में योगदान और शोध व अध्ययन के संस्थान
2. रसायनज्ञ- डॉ. प्रफुल चंद राय, डॉ. हरगोविंद सिंह खुराना, लेवोजिए
3. डाल्टन का परमाणु वाद एवं इसकी अवधारणाएँ
4. आधुनिक परमाणुवाद तथा अणु और परमाणु में अंतर
5. रासायनिक संयोग के नियम

आशा है, उपरोक्त जानकारी परीक्षार्थियों / विद्यार्थियों के लिए ज्ञानवर्धक एवं परीक्षापयोगी होगी।
धन्यवाद।
R F Temre
rfcompetition.com

I hope the above information will be useful and important.
(आशा है, उपरोक्त जानकारी उपयोगी एवं महत्वपूर्ण होगी।)
Thank you.
R F Temre
pragyaab.com

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