यूनानी कला एवं रोमन मूर्ति-कला |Greek art and Roman sculpture
यूनानी तथा रोमन शैली के मध्य कुछ अंतर है। गांधार शैली इन दोनों शैलियों का एकीकरण करती है। यूनानियों की शैली आदर्शवादी है। यह भगवान तथा अन्य मनुष्यों के पेशी चित्रण पर बल देती है। यह इस चित्रण पर सौंदर्य दर्शाते हुए परिलक्षित होती है। यूनानी पार्थेनन की अनेक यूनानी पौराणिक आकृतियों की मूर्तियाँ संगमरमर से निर्मित की गई हैं। वही रोमन कला इस कला से अलग है। रोमवासी अलंकरण तथा सजावट हेतु कला का प्रयोग करते थे। वे यूनानी आदर्शवाद के विपरीत प्रकृति में यथार्थवादी थे। रोमन कला वास्तविक लोगों और प्रमुख ऐतिहासिक घटनाओं का चित्रण करती है। यह कला यथार्थवाद को प्रदर्शित करती है। रोमन कला में मूर्तियों के निर्माण के लिए कंक्रीट का प्रयोग किया जाता था। यह कला अपने भित्ति चित्रों के लिए भी प्रसिद्ध है।
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There is some difference between the Greek and Roman styles. The Gandhara style is an amalgamation of both these styles. The style of the Greeks is idealistic. It emphasizes the muscular depiction of God and other human beings. This is reflected in the beauty depicting on this illustration. Many Greek mythological figures of the Greek Parthenon have been carved from marble. The same Roman art is different from this art. The Romans used art for ornamentation and decoration. He was realist in nature in contrast to Greek idealism. Roman art depicts real people and major historical events. This art displays realism. In Roman art, concrete was used to make sculptures. This art is also famous for its murals.
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R F Temre
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