किसी देश की अर्थव्यवस्था के संदर्भ में जीडीपी एवं इसके प्रयोग | GDP and its uses in the context of a Country's Economy
किसी भी देश की अर्थव्यवस्था के अंतर्गत एक वर्ष में उत्पादित होने वाली सभी वस्तुओं तथा सेवाओं का अंतिम मौद्रिक मूल्य, सकल घरेलू उत्पाद या GDP कहलाता है। इसके लिए भारत में एक वर्ष 1 अप्रैल से 31 मार्च तक निर्धारित किया गया है। इसका आकलन सकल निवेश, राष्ट्रीय निजी उपभोग, सरकारी तथा व्यापार शेष या निर्यात-आयात के योगफल से भी किया जाता है। इस विधि में देश से बाहर उत्पादित होने वाले आयातों के व्यय को एवं उन देश-निर्मित वस्तुओं तथा सेवाओं का मूल्य जुड़ा होता है, जिनका विक्रय देश में नहीं किया जाता।
इस दृष्टि से प्रयोग किए गए पदों को समझना जरूरी है। वाणिज्य व अर्थव्यवस्था में 'ग्रॉस' से वही तात्पर्य होता है जो गणित में 'कुल' से तात्पर्य होता है। 'डोमेस्टिक' से तात्पर्य देश तथा उसकी पूँजी से होने वाली आर्थिक गतिविधि से है। 'प्रॉडक्ट' का तात्पर्य वस्तु व सेवा से है। इसके अलावा 'फाइनल' से तात्पर्य है कि किसी भी उत्पाद में अब वैल्यू एडिशन का कोई मौका नहीं है।
The final monetary value of all the goods and services produced in a country's economy in a year is called Gross Domestic Product or GDP. For this, one year in India has been fixed from 1st April to 31st March. It is also measured by the sum of gross investment, national private consumption, government and trade balances or export-import. In this method, the cost of imports to be produced outside the country and the value of those country-made goods and services is added, which are not sold in the country.
It is important to understand the terms used from this point of view. In commerce and economy, 'gross' has the same meaning as 'total' in mathematics. 'domestic' refers to the economic activity of the country and its capital. 'Product' means Goods and Services. Furthermore, 'final' means that there is no longer any scope for value addition to any product.
इन 👇 प्रकरणों को भी पढ़िये।
1. मूल्य ह्रास क्या है?
2. व्यष्टि एवं समष्टि अर्थशास्त्र में अंतर
3. केंद्रीय बैंक और वाणिज्यिक बैंक के कार्य
4. मांग एवं पूर्ति वक्र का एक साथ शिफ्ट होना
5. चेक के प्रकार
किसी देश की अर्थव्यवस्था में जीडीपी के विभिन्न प्रयोग निम्नलिखित हैं-
The following are the various uses of GDP in the economy of a country-
1. GDP एक परिमाणात्मक दृष्टिकोण है। इसके आकार से संबंधित देश की आंतरिक शक्ति का ज्ञान होता है। किन्तु इसके माध्यम से देश के अंदर उत्पादों तथा सेवाओं की गुणवत्ता के स्तर का ज्ञान नहीं होता है।
1. GDP is a quantitative approach. Its size is related to the knowledge of the internal strength of the country. But through this the level of quality of products and services within the country is not known.
2. किसी देश की अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर GDP में होने वाला वार्षिक प्रतिशत परिवर्तन ही है। उदाहरण के लिए माना किसी देश की GDP 105 रुपया है तथा यह बीते साल से 5 रुपया अधिक है तो उस देश की अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 5 प्रतिशत है। जब किसी देश की अर्थव्यवस्था को 'ग्रोइंग' इकॉनमी कहा जाता है तो इससे यह तात्पर्य होता है कि देश की आय में परिमाणात्मक रूप से वृद्धि हो रही है।
2. The growth rate of a country's economy is the annual percentage change in GDP. For example, suppose the GDP of a country is Rs 105 and it is Rs 5 more than the previous year, then the growth rate of that country's economy is 5 percent. When a country's economy is said to be 'Growing' economy, it means that the country's income is increasing quantitatively.
3. तुलनात्मक अर्थशास्त्र में इन आँकड़ों का सबसे अधिक प्रयोग होता है। आई.एम.एफ. ने विश्व के विभिन्न देशों की अर्थव्यवस्थाओं के जी.डी.पी. को क्रय शक्ति की तुल्यता के आधार पर श्रेणीबद्ध भी किया है। वर्तमान में पी.पी.पी. के आधार पर भारत का जीडीपी दुनिया में तीसरे स्थान पर है। इस सूची में प्रथम स्थान पर संयुक्त राज्य अमेरिका और दूसरे स्थान पर चीन है। वैसे प्रचलित विनिमय दर के आधार पर यू.एस. डॉलर में भारत विश्व का पाँचवाँ सबसे बड़ा देश है।
3. These data are most commonly used in comparative economics. IMF GDP of the economies of different countries of the world. It is also classified on the basis of equivalence of purchasing power. Currently PPP On the basis of GDP, India's GDP is third in the world. The United States is in the first place in this list and China is in the second place. However, based on the prevailing exchange rate, the U.S. India is the fifth largest country in the world in dollars.
इन 👇 प्रकरणों को भी पढ़िये।
1. भारतीय रिजर्व बैंक और इसके कार्य
2. मुद्रास्फीति का अर्थ, परिभाषा एवं महत्वपूर्ण तथ्य
3. अर्थशास्त्र की समझ- आर्थिक गतिविधियाँ, व्यष्टि और समष्टि, अर्थमिति
4. अर्थव्यवस्था एवं इसके प्राथमिक, द्वितीयक एवं तृतीयक क्षेत्र
5. आर्थिक प्रणालियाँ- बाजार अर्थव्यवस्था, गैर-बाजार अर्थव्यवस्था और मिश्रित अर्थव्यवस्था
6. आर्थिक सुधार से संबद्ध- वॉशिंगटन सहमति
7. चीनी आर्थिक विकास का मॉडल- बीजिंग सहमति
8. अर्थव्यवस्था से संबद्ध सैंटियागो सहमति
आशा है, उपरोक्त जानकारी परीक्षार्थियों / विद्यार्थियों के लिए ज्ञानवर्धक एवं परीक्षापयोगी होगी।
धन्यवाद।
R F Temre
rfcompetition.com
I hope the above information will be useful and important.
(आशा है, उपरोक्त जानकारी उपयोगी एवं महत्वपूर्ण होगी।)
Thank you.
R F Temre
pragyaab.com
Comments