जीएनपी- निजी प्रेषण, विदेशी ऋणों का ब्याज, विदेशी अनुदान | GNP- Private Remittances, Interest on Foreign Loans, Foreign Grants
किसी भी देश की अर्थव्यवस्था का सकल राष्ट्रीय उत्पाद या जीएनपी उसके जीडीपी में विदेशों से होने वाली आय को जोड़कर प्राप्त किया जाता है। इसके अंतर्गत देश की सीमा से बाहर अर्थ से संबंधित होने वाली गतिविधियों को भी सम्मिलित किया जाता है। जीएनपी में विदेशों से होने वाली आय में निम्नलिखित विषयों को सम्मिलित किया जाता है-
1. निजी प्रेषण
2. विदेशी ऋणों का ब्याज
3. विदेशी अनुदान
The Gross National Product or GNP of any country's economy is obtained by adding the income from abroad to its GDP. Under this, activities related to the meaning outside the border of the country are also included. The following subjects are included in GNP income from abroad-
1. Private Remittance
2. Interest on Foreign Debts
3. Foreign Grant
निजी प्रेषण- भारत में निवास करने वाले लोग (भारतीय नागरिक) विश्व के अन्य महत्वपूर्ण देशों में अर्थ से संबंधित कार्य करते हैं। इसके साथ-साथ विश्व के अन्य देशों के लोग भारत में कार्य करते हैं। इस आर्थिक गतिविधि के अंतर्गत इन लोगों के निजी लेन-देन से आमदनी होती है। इस आमदनी को निजी प्रेषण से होने वाली आमदनी कहा जाता है। इस विषय पर भारत सदैव लाभ की स्थिति में रहता है। इसका प्रमुख कारण यह है कि भारतीय के लोग आर्थिक उद्देश्य से बड़ी संख्या में अमेरिका, खाड़ी तथा अन्य यूरोपीय देशों में कार्य करने हेतु जाते हैं।
Private remittance- People residing in India (Indian citizens) do economics related work in other important countries of the world. Along with this, people from other countries of the world work in India. Under this economic activity, income comes from the personal transactions of these people. This income is called income from personal remittances. India has always been in a position of advantage on this subject. The main reason for this is that Indian people go to America, Gulf and other European countries in large numbers to work for economic purpose.
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विश्व बैंक के विवरण के अनुसार, साल 2019 में भी भारत निजी प्रेषण के विषय में संसार में अग्रणी देश रहा है। 2019 में इस विषय पर अग्रणी देशों की सूची इस प्रकार है-
1. भारत- इस सूची में भारत का प्रथम स्थान है। भारत को इस विषय में 80 अरब अमेरिकी डॉलर का लाभ हुआ था।
2. चीन- इस सूची में चीन का द्वितीय स्थान है। इसके अंतर्गत देश को 67 अरब अमेरिकी डॉलर का लाभ प्राप्त हुआ था।
3. मैक्सिको- इस सूची में मैक्सिको का तृतीय स्थान है। इस आर्थिक गतिविधि से देश की राष्ट्रीय आय में 34 अरब अमेरिकी डॉलर का योगदान हुआ था।
4. फिलीपीन्स- इस सूची में फिलीपीन्स का चतुर्थ स्थान है। इसके अंतर्गत देश को 26 अरब अमेरिकी डॉलर लाभ प्राप्त हुआ था।
According to the World Bank statement, in the year 2019 also, India has been the leading country in the world in terms of private remittances. The list of leading countries on this topic in 2019 is as follows-
1. India- India ranks first in this list. India had made a profit of 80 billion US dollars in this matter.
2. China- China ranks second in this list. Under this, the country had received a profit of 67 billion US dollars.
3. Mexico- Mexico ranks third in this list. This economic activity contributed US$ 34 billion to the national income of the country.
4. Philippines- The Philippines ranks fourth in this list. Under this, the country had received 26 billion US dollars.
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विदेशी ऋणों का ब्याज- यह विदेशी ऋणों के ब्याज से प्राप्त राशि के अंत: प्रवाह तथा बहिर्प्रवाह का परिणाम है। भारत के संबंध में इससे होने वाली आय ऋणात्मक है। इसका कारण यह है कि इसके द्वारा लिया गया विदेशी कर्ज इसके द्वारा दिए गए ऐसे कर्ज से ज्यादा है।
Interest on Foreign Debts- It is the result of inflow and outflow of amount derived from interest on foreign loans. The income from this is negative in respect of India. The reason for this is that the foreign debt taken by it is more than such loan given by it.
विदेशी अनुदान- इसके अंतर्गत भारत द्वारा प्राप्त किए गए तथा अन्य देशों को दिए गए अनुदान के शेष को सम्मिलित किया जाता है। काफी निम्न ही सही किन्तु भारत को अन्यान्य विदेशी क्षेत्रों से अनुदान प्राप्त होता है। यह अनुदान मुख्य रूप से UNDP व राष्ट्रों से प्राप्त होता है। यह मूल रुप से मानवीय आधारों पर ही दिए जाते हैं। वैश्वीकरण के आरंभ होने के पश्चात् भारत का अनुदान व्यय में वृद्धि होती गयी है। यह भारत की राजनयिक प्रक्रिया का एक महत्वपूर्ण अंग है। यह भारत के अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर उच्च भूमिका निभाने की कोशिशों से संबद्ध है।
Foreign Grant- Under this, the balance of the grant received by India and given to other countries is included. Very little, but India receives grants from other foreign regions. This grant is mainly received from UNDP and nations. These are basically given on humanitarian grounds only. After the onset of globalization, India's grant expenditure has increased. It is an important part of India's diplomatic process. It is associated with India's efforts to play a higher role in international fora.
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महत्वपूर्ण विषय यह है कि इन तीनों अलग-अलग मतों से होने वाली आमदनी धनात्मक अथवा ऋणात्मक हो सकती है। भारत के विषय में यह सदैव हानि वाली स्थिति में होती है। इसका प्रमुख कारण यह है कि भारत पर बहुत ज्यादा विदेशी कर्ज है तथा अनुदान की प्राप्ति कम होती गयी है। इससे तात्पर्य यह है कि भारत के GNP को आकलित करने हेतु GDP में विदेशों से होने वाली आमदनी जुड़ने के बजाए कम होगी।
The important point is that the income from these three different views can be positive or negative. In the case of India it is always in a disadvantageous position. The main reason for this is that India has a lot of foreign debt and the receipt of grants has been decreasing. This means that to calculate India's GNP, the income from abroad will be less instead of adding to the GDP.
सामान्य फॉर्मूले के अनुसार GNP, GDP+ विदेशों से प्राप्त होने वाली आय के समान है। किन्तु भारत को विदेशों से ऋणात्मक आय होती है। भारत का GNP सदैव GDP से कम होता है।
GNP by the general formula is equal to GDP+ foreign income. But India has negative income from abroad. India's GNP is always less than GDP.
आर्थिक क्षेत्र में GNP के विभिन्न उपयोग इस प्रकार हैं-
The various uses of GNP in the economic sector are as follows-
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1. इसके आधार पर आईएमएफ विश्व के विभिन्न देशों को उनकी क्रय शक्ति तुल्यता अर्थात् पीपीपी के अनुसार रैंक करता है। पीपीपी के विषय में विस्तृत रूप से शब्दकोष से अध्ययन किया जा सकता है। इस आधार पर भारत विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। चीन एवं यू.एस.ए. के पश्चात् भारत का स्थान है। किन्तु भारत की मुद्रा के विनिमय दर के आधार पर भारत विश्व की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। यह रिपोर्ट आई.एम.एफ. द्वारा अप्रैल 2019 में दी गई थी। वर्तमान में यह तुलना GDP के आधार पर भी की जाती है।
1. Based on this, the IMF ranks different countries of the world according to their purchasing power parity i.e. PPP. The subject of PPP can be studied in detail from the glossary. On this basis, India is the third largest economy in the world. China and USA India is followed by. But on the basis of the exchange rate of Indian currency, India is the sixth largest economy in the world. This report is from I.M.F. was given in April 2019. Currently this comparison is also done on the basis of GDP.
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2. राष्ट्रीय आय को आकलन के अंतर्गत GNP, GDP की तुलना में अधिक विस्तृत पैमाना है। इसका कारण यह है कि यह देश की अर्थव्यवस्था की परिमाणात्मक के साथ-साथ गुणात्मक तस्वीर को भी प्रस्तुत करता है। यह किसी भी देश की अर्थव्यवस्था की अंतरिम के साथ-साथ बाहरी ताकत के विषय में भी बताता है।
2. GNP is a more comprehensive measure of national income than GDP. The reason for this is that it presents a quantitative as well as a qualitative picture of the economy of the country. It tells about the interim as well as external power of the economy of any country.
3. यह किसी भी देश की अर्थव्यवस्था के पैटर्न तथा उसके उत्पादन के व्यवहार को समझने हेतु बहुत सहयोग करता है। इससे जानकारी प्राप्त है कि बाहर की दुनिया किसी देश के महत्वपूर्ण उत्पाद पर कितना निर्भर करता है तथा वह विश्व के देशों पर कितना निर्भर है। यह अंतर्राष्ट्रीय परिदृश्य में किसी भी देश की अर्थव्यवस्था को अपने मानवीय संसाधनों के विषय में उनकी संख्या तथा उनसे होने वाली आमदनी के विषय में वर्णन करता है। इसके अतिरिक्त यह किसी भी देश की अर्थव्यवस्था के विश्व की दूसरी अर्थव्यवस्थाओं के साथ रिश्ते पर भी रोशनी डालता है। यह विश्व के देशों से लिए गए ऋणों अथवा दूसरे देशों को दिए गए ऋणों से ज्ञात होता है।
3. It helps a lot to understand the pattern of economy of any country and its production behavior. It gives information about how much the outside world depends on the important product of a country and how much it is dependent on the countries of the world. It describes the economy of any country in terms of its human resources in terms of their number and income from them. Apart from this, it also throws light on the relationship of any country's economy with other economies of the world. It is known from the loans taken from the countries of the world or loans given to other countries.
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आशा है, उपरोक्त जानकारी परीक्षार्थियों / विद्यार्थियों के लिए ज्ञानवर्धक एवं परीक्षापयोगी होगी।
धन्यवाद।
R F Temre
rfcompetition.com
I hope the above information will be useful and important.
(आशा है, उपरोक्त जानकारी उपयोगी एवं महत्वपूर्ण होगी।)
Thank you.
R F Temre
pragyaab.com
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