Part- 2. भगवान शिव और विष्णु को समर्पित भारत के हिन्दू धर्म के महत्वपूर्ण मंदिर || List of Important Hindu Temples in India
भगवान शिव एवं विष्णु को समर्पित हिंदू मंदिरों के आगे की जानकारी यहाँ पर दी गई है। यदि इसके पूर्व की जानकारी पढ़ना चाहते हैं तो नीचे दी गई लिंक पर क्लिक करें।
part- 1
भगवान शिव और विष्णु को समर्पित भारत के हिन्दू धर्म के महत्वपूर्ण मंदिर– भाग-1
ओंकारेश्वर मंदिर- यह खंडवा जिला (मध्य प्रदेश) में स्थित है। यह भगवान शिव को समर्पित मंदिर है। यह 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है।
Omkareshwar Temple- It is located in Khandwa district (Madhya Pradesh). This is a temple dedicated to Lord Shiva. It is one of the 12 Jyotirlingas.
महाकालेश्वर मंदिर- यह मंदिर उज्जैन (मध्य प्रदेश) में स्थित है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। इस मंदिर का निर्माण 13वीं सदी से पहले करवाया गया था। मुख्य देवता को स्वयंभू के रूप में जाना जाता है। यह 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक होने के साथ-साथ 51 शक्तिपीठों में से एक भी है।
Mahakaleshwar Temple- This temple is located in Ujjain (Madhya Pradesh). This temple is dedicated to Lord Shiva. This temple was built before the 13th century. The main deity is known as Swayambhu. It is one of the 12 Jyotirlingas as well as one of the 51 Shaktipeeths.
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विट्ठल मंदिर या विठोबा मंदिर- यह मंदिर पंढरपुर (महाराष्ट्र) में स्थित है। यह मंदिर भगवान विट्ठल जिन्हें भगवान विष्णु और उनकी पत्नी रखुमाई का एक रूप माना जाता है, को समर्पित है। इस मंदिर का निर्माण 13वीं सदी के दौरान होयसाल साम्राज्य के शासकों द्वारा करवाया गया था। सन् 2014 में यह मंदिर पूजारी के रूप में पिछड़े के लोगों और महिलाओं को आमंत्रित करने वाला भारत का पहला मंदिर बना। यहाँ की वार्षिक तीर्थयात्रा को 'वारी-वारकरी' कहा जाता है।
Vitthal Temple or Vithoba Temple- This temple is located in Pandharpur (Maharashtra). The temple is dedicated to Lord Vitthal who is believed to be a form of Lord Vishnu and his wife Rakhumai. The temple was built during the 13th century by the rulers of the Hoysala Empire. In 2014, this temple became the first temple in India to invite backward people and women as priests. The annual pilgrimage here is called 'Wari-Varkari'.
त्रिंबकेश्वर मंदिर- यह मंदिर नासिक (महाराष्ट्र) में स्थित है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। इस मंदिर का निर्माण बालाजी बाजी राव द्वारा करवाया गया था। यह 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। यह मंदिर गोदावरी नदी का स्त्रोत है।
Trimbakeshwar Temple- This temple is located in Nashik (Maharashtra). This temple is dedicated to Lord Shiva. This temple was built by Balaji Baji Rao. It is one of the 12 Jyotirlingas. This temple is the source of river Godavari.
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कोणार्क सूर्य मंदिर- यह मंदिर कोणार्क (ओडिशा) में स्थित है। यह मंदिर भगवान सूर्य देव को समर्पित है। इस मंदिर का निर्माण 13वीं सदी के दौरान पूर्वी गंग वंश के शासकों द्वारा करवाया गया था। इस मंदिर को 'ब्लैक पगोडा' के नाम से जाना जाता है। इस मंदिर के पहिये को धूपघड़ी कहा जाता है। इनका सही समय की गणना के लिये उपयोग किया जाता है।
Konark Sun Temple- This temple is located in Konark (Odisha). This temple is dedicated to Lord Surya Dev. The temple was built during the 13th century by the rulers of the Eastern Ganga dynasty. This temple is known as 'Black Pagoda'. The wheel of this temple is called Dhupgadi. These are used to calculate the exact time.
लिंगराज मंदिर- यह मंदिर भुवनेश्वर (ओडिशा) में स्थित है। यह मंदिर भगवान हरिहर अर्थात् भगवान विष्णु और भगवान शिव को समर्पित है। इस मंदिर का निर्माण 11वीं सदी के दौरान सोम वंश के शासकों द्वारा करवाया गया था। यह मंदिर देउल शैली में निर्मित है।
Lingaraja Temple- This temple is located in Bhubaneswar (Odisha). This temple is dedicated to Lord Harihara i.e. Lord Vishnu and Lord Shiva. The temple was built during the 11th century by the rulers of the Soma dynasty. This temple is built in Deul style.
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करणी माता मंदिर- यह मंदिर देशनोक (राजिस्थान) में स्थित है। यह मंदिर देवी दुर्गा को समर्पित है। इस मंदिर का निर्माण महाराजा गंगासिंह द्वारा करवाया गया था। इसे 'चूहों का मंदिर' भी कहा जाता है, क्योंकि इस मंदिर परिसर में 25,000 से भी अधिक चूहे पाये जा सकते हैं।
Karni Mata Temple- This temple is located in Deshnok (Rajasthan). This temple is dedicated to Goddess Durga. This temple was built by Maharaja Ganga Singh. It is also called 'temple of rats', as more than 25,000 rats can be found in this temple complex.
हजार स्तंभ मंदिर- यह मंदिर हनमकोंडा (तेलंगाना ) में स्थित है। यह मंदिर भगवान विष्णु, भगवान शिव और भगवान सूर्य देव को समर्पित है। इस मंदिर का निर्माण 12वीं से 14वीं सदी के मध्य काकतीय वंश द्वारा करवाया गया था। इस मंदिर का आकार ताराकार तथा भीतर तीन मंदिर हैं। इसमें 1000 से भी अधिक स्तंभ हैं।
Thousand Pillar Temple- This temple is located in Hanamkonda (Telangana). This temple is dedicated to Lord Vishnu, Lord Shiva and Lord Surya Dev. This temple was built between 12th to 14th century by the Kakatiya dynasty. The shape of this temple is star shaped and there are three temples inside. It has more than 1000 columns.
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रामप्पा- यह मंदिर तेलंगाना में वारंगल के निकट स्थित है। यह मंदिर भगवान रामलिंगेश्वर को समर्पित है। इस मंदिर का निर्माण 11वीं सदी के दौरान काकतीय वंश के शासकों द्वारा करवाया गया था। इस मंदिर की दीवारों पर जटिल नक्काशियाँ की गई हैं। यहाँ की प्रमुख मूर्तियाँ रामप्पा, नंदी आदि देवताओं की हैं।
Rampappa- This temple is located near Warangal in Telangana. This temple is dedicated to Lord Ramalingeshwara. The temple was built during the 11th century by the rulers of the Kakatiya dynasty. Intricate carvings have been done on the walls of this temple. The main idols here are of deities like Ramappa, Nandi etc.
शोर मंदिर- यह मंदिर महाबलीपुरम् (तमिलनाडु) में स्थित है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। इस मंदिर का निर्माण 8वीं सदी ईसवी में पल्लवों के द्वारा करवाया गया था। यह सबसे प्राचीन पत्थरों को काटकर बनाये गये मंदिरों का एक नमूना है। इसे यूनेस्को ने अपनी विश्व विरासत धरोहर में सम्मिलित किया है।
Shore Temple- This temple is located in Mahabalipuram (Tamil Nadu). This temple is dedicated to Lord Shiva. This temple was built by the Pallavas in the 8th century AD. It is a specimen of the oldest stone cut temples. It has been included by UNESCO in its World Heritage Site.
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मीनाक्षी मंदिर- यह मंदिर मदुरै (तमिलनाडु) में स्थित है। यह मंदिर देवी पार्वती और भगवान सुन्दरेश्वर को समर्पित है। 16वीं सदी में इस मंदिर का पुनःनिर्माण करवाया गया था। यह मंदिर अपने विशाल प्रकरम और एक हजार स्तंभों वाले हॉल के लिये प्रसिद्ध है।
Meenakshi Temple- This temple is located in Madurai (Tamil Nadu). This temple is dedicated to Goddess Parvati and Lord Sundareswarar. This temple was rebuilt in the 16th century. This temple is famous for its huge Prakaram and a thousand pillared hall.
मुरुगन मंदिर- यह मंदिर पलनी (तमिलनाडु) में स्थित है। यह मंदिर भगवान मुरुगन अर्थात् भगवान कार्तिकेय को समर्पित है। माना जाता है कि इस मंदिर में मुख्य देवता की मूल मूर्ति अत्यधिक विषैली जड़ी-बूटीयों का उपयोग करके बोग सिध्दार से बनायी गयी है। इसकी उपस्थिति मात्र से लोग मर जाते हैं। इसलिये यह मंदिर विवादों में रहा है।
Murugan Temple- This temple is located in Palani (Tamil Nadu). This temple is dedicated to Lord Murugan i.e. Lord Kartikeya. The original idol of the main deity in this temple is believed to have been made from bog siddar using highly toxic herbs. People die by its mere presence. That's why this temple has been in controversy.
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बृहदेश्वर मंदिर- यह मंदिर तंजावुर (तमिलनाडु) में स्थित है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। इस मंदिर का निर्माण 1010 ई. में राजराज प्रथम द्वारा करवाया गया था। यह चोल वास्तुकला भव्य उदाहरण है। यह भारत के विशालतम मंदिरों में से एक है। इस मंदिर की दीवारों पर चोल भित्ति चित्र निर्मित किये गये थे।
Brihadeshwara Temple- This temple is located in Thanjavur (Tamil Nadu). This temple is dedicated to Lord Shiva. This temple was built in 1010 AD by Rajaraja I. It is a magnificent example of Chola architecture. It is one of the largest temples in India. Chola frescoes were made on the walls of this temple.
रंगनाथस्वामी मंदिर- यह मंदिर श्रीरंगम् (तमिलनाडु) में स्थित है। यह मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है। यह मंदिर कावेरी नदी के एक द्वीप पर अवस्थित है।
Ranganathaswamy Temple- This temple is located in Srirangam (Tamil Nadu). This temple is dedicated to Lord Vishnu. This temple is situated on an island in the river Kaveri.
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उनाकोटी गुफा मंदिर- यह मंदिर त्रिपुरा में उनाकोटी की गुफाओं में स्थित है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। इस मंदिर का निर्माण 600 से 700 ईसवी के मध्य करवाया गया था। इसके अंतर्गत चट्टानों पर अद्भुत नक्काशी और भित्ति चित्र देखे जा सकते हैं।
Unakoti Cave Temple- This temple is located in Unakoti Caves in Tripura. This temple is dedicated to Lord Shiva. This temple was built between 600 to 700 AD. Under this, amazing carvings and murals on rocks can be seen.
विश्वनाथ मंदिर- यह मंदिर वाराणसी (उत्तर प्रदेश) में स्थित है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। इसका निर्माण 1780 ईसवी में करवाया गया था। यह 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है।
Vishwanath Mandir- This temple is located in Varanasi (Uttar Pradesh). This temple is dedicated to Lord Shiva. It was constructed in 1780 AD. It is one of the 12 Jyotirlingas.
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दक्षिणेश्वर मंदिर- यह मंदिर कोलकाता (पश्चिम बंगाल) में स्थित है। यह मंदिर देवी काली को समर्पित है। इसका निर्माण 1855 ईसवी में करवाया गया था। इसे आध्यात्मिक संत रामकृष्ण परमहंस द्वारा स्थापित करवाया गया था।
Dakshineswar Temple- This temple is located in Kolkata (West Bengal). This temple is dedicated to Goddess Kali. It was constructed in 1855 AD. It was established by the spiritual saint Ramakrishna Paramhansa.
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आशा है, उपरोक्त जानकारी परीक्षार्थियों / विद्यार्थियों के लिए ज्ञानवर्धक एवं परीक्षापयोगी होगी।
धन्यवाद।
R F Temre
rfcompetition.com
I hope the above information will be useful and important.
(आशा है, उपरोक्त जानकारी उपयोगी एवं महत्वपूर्ण होगी।)
Thank you.
R F Temre
pragyaab.com
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