भारत से बाहर विदेशों में स्थित प्रमुख मंदिर | Major temples located abroad outside India
भारत के बाहर विदेशों में स्थित प्रमुख मंदिर निम्नलिखित हैं-
1. अंगकोरवाट मंदिर, कंबोडिया
2. प्रमबनन मंदिर, जावा-इंडोनेशिया
3. पशुपतिनाथ मंदिर, काठमाण्डू, नेपाल
4. प्रेअह बिहार मंदिर, कम्बोडिया
5. कटास राज मंदिर, पाकिस्तान
6. मुल्तान का आदित्य सूर्य मंदिर, पाकिस्तान
7. मुन्नेश्वरम मंदिर, श्रीलंका
The following are the major temples located in foreign countries outside India-
1. Angkor Wat Temple, Cambodia
2. Prambanan Temple, Java-Indonesia
3. Pashupatinath Temple, Kathmandu, Nepal
4. Preah Bihar Temple, Cambodia
5. Katas Raj Temple, Pakistan
6. Aditya Sun Temple of Multan, Pakistan
7. Munneswaram Temple, Sri Lanka
अंगकोरवाट मंदिर, कंबोडिया- विश्व का विशालतम हिन्दु मंदिर अंगकोरवाट, कंबोडिया के जंगलों के आंतरिक भाग में स्थित है। हालाँकि यह दक्षिण-पूर्व एशिया के अनेक मंदिरों में केवल से एक है। चोल साम्राज्य और कलिंग साम्राज्य की समुद्री गतिविधियों के दौरान इन भागों में हिन्दु धर्म आया और यहाँ कई हिन्दु राजवंशों का उदय हुआ। जैसे- वियतनाम में चम्पा सभ्यता, कम्बोडिया में खमेर साम्राज्य और जावा में मजापहित साम्राज्य आदि।
अंगकोरवाट समूर के मंदिरों का निर्माण खमेर शासकों द्वारा 800 से 1300 ईसवी के मध्य करवाया गया था। हालाँकी सूर्यवर्मन द्वितीय को अधिकांश स्मारकों के निर्माण का श्रेय दिया जाता है। इन मंदिरों की वास्तुकला का चोल वास्तुकला से निकटतम संबंध है, किन्तु इनमें कुछ स्थानीय शैलीका प्रभाव भी दिखाई देता है।
Angkor Wat Temple, Cambodia - The world's largest Hindu temple, Angkor Wat, is located in the jungles of Cambodia. However, it is only one of the many temples in Southeast Asia. During the maritime activities of the Chola Empire and the Kalinga Empire, Hinduism came to these parts and many Hindu dynasties emerged here. Like- Champa civilization in Vietnam, Khmer Empire in Cambodia and Majapahit Empire in Java etc.
The temples of Angkor Wat Samur were built by the Khmer rulers between 800 and 1300 AD. However, Suryavarman II is credited with the construction of most of the monuments. The architecture of these temples is closely related to Chola architecture, but some local style influence is also visible in them.
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प्रमबनन मंदिर, जावा-इंडोनेशिया- यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल और इंडोनेशिया का विशालतम यह हिन्दु मंदिर 'त्रिमूर्ति' अर्थात् तीन देवों के समूह ब्रह्मा (निर्माता), विष्णु (संरक्षक) और शिव (विनाशक) को समर्पित है। इस मंदिर का निर्माण 9वीं सदी ईसवी के दौरान मातरम या मेडांग साम्राज्य के संजय शासकों द्वारा करवाया गया था। ये मुख्य रूप से शिव के उपासक थे। इस मंदिर परिसर में 240 छोटे मंदिर एवं मठ हैं।
Prambanan Temple, Java-Indonesia- UNESCO World Heritage Site and the largest Hindu temple in Indonesia is dedicated to 'Trimurti' i.e. the group three gods- Brahma (the creator), Vishnu (the protector) and Shiva (the destroyer). The temple was built during the 9th century AD by the Mataram or Sanjaya rulers of the Medang kingdom. They were mainly worshipers of Shiva. There are 240 small temples and monasteries in this temple complex.
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पशुपतिनाथ मंदिर, काठमाण्डू, नेपाल- यह मंदिर बागमती नदी के तट पर, नेपाली पैगोडा शैली की वास्तुकला में निर्मित है। यह भगवान पशुपतिनाथ अर्थात् भगवान शिव को समर्पित है। यह मंदिर घनाकार है तथा दो मंजिला है। इस मंदिर में दो गर्भग्रह हैं- आंतरिक और बाह्य। आंतरिक गर्भगृह में चार मुखकृति वाला शिवलिंग है। इस मंदिर परिसर में वासुकीनाथ मंदिर और पवित्र आर्यघाट उपस्थित है। अभी तक यह ज्ञात नहीं है कि इस मंदिर का निर्माण किसने करवाया था।
Pashupatinath Temple, Kathmandu, Nepal- This temple is built in the Nepalese pagoda style of architecture, on the banks of the Bagmati River. It is dedicated to Lord Pashupatinath i.e. Lord Shiva. This temple is cubical and has two storeys. There are two sanctum sanctorums in this temple- inner and outer. In the inner sanctum there is a Shivalinga with four faces. Vasukinath temple and holy Aryaghat are present in this temple complex. It is not yet known who built this temple.
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प्रेअह विहार मंदिर, कम्बोडिया- यह मंदिर पर्वतीय देवताओं भगवान शिखरेश्वर और भद्रेश्वर अर्थात् भगवान शिव के अवतार को समर्पित है। यह मंदिर प्रतीकात्मक रूप से देवताओं के निवास स्थल और पौराणिक 'मेरू पर्वत' का प्रतिनिधित्व करता है। यद्यपि इस मंदिर का निर्माण 9वीं सदी ईसवी में प्रारंभ हुआ किन्तु मुख्य रूप से 11वीं और 12वीं सदी ईसवी में खमेर शासकों सूर्यवर्मन प्रथम और सूर्यवर्मन द्वितीय द्वारा इस मंदिर का निर्माण करवाया गया था। यूनेस्को ने इसे अपनी विश्व विरासत स्थलों की सूची में सम्मिलित किया है। सीमा पर स्थित होने के कारण, इस मंदिर के स्वामित्व और प्रबंधन को लेकर कम्बोडिया और थाईलैंड के मध्य विवाद था। सन् 1962 ई. में अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय ने कंबोडिया के पक्ष में निर्णय दिया।
Preah Vihara Temple, Cambodia- This temple is dedicated to the mountain deities Lord Shikhareshwar and Bhadresvara i.e. an incarnation of Lord Shiva. The temple symbolically represents the abode of the gods and the mythical 'Meru Parvat'. Although the construction of this temple started in the 9th century AD, but mainly in the 11th and 12th centuries AD, this temple was built by the Khmer rulers Suryavarman I and Suryavarman II. UNESCO has included it in its list of World Heritage Sites. Being situated on the border, there was a dispute between Cambodia and Thailand over the ownership and management of this temple. In 1962, the International Court of Justice ruled in favor of Cambodia.
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कटास राज मंदिर, पाकिस्तान- यह प्राचीन मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। इस मंदिर में त्रिदली मेहराबें, दांतेदार और नुकीली छतें हैं और इसका निर्माण नरम बलुआ पत्थर से किया गया है। माना जाता है कि पाण्डव अपने निर्वासन के दौरान यहाँ आये थे। इसका उल्लेख सातवीं सदी के चीनी यात्री ह्वेन-त्सांग ने अपने सफरनामे (यात्रा-विवरणों) में किया है। इस मंदिर परिसर में 'सतगृह' (सात मंदिरों का समूह), एक पवित्र झील और एक बौद्ध मठ के खण्डहर हैं।
Katas Raj Temple, Pakistan- This ancient temple is dedicated to Lord Shiva. The temple has triangular arches, jagged and pointed roofs and is constructed of soft sandstone. It is believed that the Pandavas came here during their exile. It is mentioned by the seventh century Chinese traveler Hiuen-Tsang in his travelogue. The temple complex consists of the 'Satgriha' (group of seven temples), a sacred lake and the ruins of a Buddhist monastery.
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मुस्तान का आदित्य सूर्य मंदिर, पाकिस्तान- यह दक्षिण एशिया के सबसे प्राचीन और सम्मानित मंदिरों में से एक है। इसका उल्लेख पाँचवी शताब्दी के इतिहासकार हेरोडोटस, चीनी यात्री ह्वेन-त्सांग और दसवीं सदी के फारसी भूगोलविद् अल-इस्तखरी ने किया था। यह मंदिर अपनी विपुल सम्पत्ति के लिये प्रसिद्ध था। इतिहास में आक्रमणकारियों द्वारा विशेषकर महमूद गजनवी द्वारा इसे कई बार लूटा गया। इस मंदिर में स्वर्ण से बनी भगवान सूर्य की प्रतिमा थी, जिसकी आँखें सुन्दर लाल मणिकों की थीं।
Aditya Sun Temple of Mustan, Pakistan- It is one of the most ancient and revered temples of South Asia. It was mentioned by the fifth-century historian Herodotus, the Chinese traveler Hiuen-Tsang, and the tenth-century Persian geographer Al-Istakhri. This temple was famous for its immense wealth. It was looted many times in history by invaders especially by Mahmud Ghaznavi. This temple had an idol of Lord Surya made of gold, whose eyes were of beautiful red beads.
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2. पार्ट- 2. भगवान शिव और विष्णु को समर्पित भारत के हिन्दू धर्म के महत्वपूर्ण मंदिर
मुन्नेखम मंदिर, श्रीलंका- 16 वीं शताब्दी के प्रारंभ में पुर्तगाली जेशूइटों के द्वारा किये गये विनाश के पश्चात् 16वीं शताब्दी में श्रीलंका के राजाओं द्वारा कई चरणों में पुनः निर्मित किया गया। इस मंदिर को हजारों वर्ष पुराना माना जाता है। मुख्य रूप से यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। इसके अतिरिक्त यहाँ पर भगवान गणेश, देवी काली और अय्यनायके (सिंहली बौद्ध देवता) की मूर्तियाँ भी हैं।
Munnekham Temple, Sri Lanka- Rebuilt in several phases by the kings of Sri Lanka in the 16th century after the destruction by the Portuguese Jesuits in the early 16th century to be done. This temple is believed to be thousands of years old. Mainly this temple is dedicated to Lord Shiva. Apart from this, there are also idols of Lord Ganesha, Goddess Kali and Ayyanayake (Sinhalese Buddhist deity).
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आशा है, उपरोक्त जानकारी परीक्षार्थियों / विद्यार्थियों के लिए ज्ञानवर्धक एवं परीक्षापयोगी होगी।
धन्यवाद।
R F Temre
rfcompetition.com
I hope the above information will be useful and important.
(आशा है, उपरोक्त जानकारी उपयोगी एवं महत्वपूर्ण होगी।)
Thank you.
R F Temre
pragyaab.com
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