अर्थ के आधार पर वाक्य के प्रकार || Arth ke aadhar par vakyon ke prakar in hindi
किसी वाक्य में सूचना, निषेध, संदेह की भावना, आज्ञा का बोध, विस्मय का भाव प्रस्तुत होने पर वाक्य के भिन्न-भिन्न प्रकार होते हैं।
आइए नीचे दिए गए उदाहरण से समझे–
(i) गोविंद पुस्तक पढ़ रहा है।
(ii) गोविंद पुस्तक नहीं पढ़ रहा है।
(iii) शायद गोविंद पुस्तक पढ़ रहा है।
(iv) गोविंद पुस्तक पढ़ो।
(v) अच्छा! गोविंद पुस्तक पढ़ रहा है।
ऊपर लिखे वाक्यों को पढ़ने पर इनके अर्थ अलग-अलग निकलते हैं।
(i) पहले वाक्य में ‘गोविंद पुस्तक पढ़ रहा है।' इस वाक्य में मात्र सूचना मिलती है।
(ii) दूसरे वाक्य में 'पुस्तक नहीं पढ़ रहा है।' में कार्य के निषेध होने का बोध है।
(iii) तीसरा वाक्य 'शायद' शब्द के कारण संदेह की भावना प्रकट करता है।
(iv) चौथे वाक्य में 'पढ़ो' से आज्ञा का बोध होता है।
(v) पाँचवा वाक्य 'अच्छा!' के माध्यम से विस्मय का भाव प्रस्तुत करता है।
इस प्रकार उपरोक्त वाक्यों का विश्लेषण करने पर हम देखते हैं कि अर्थ के आधार पर वाक्य के आठ भेद होते हैं–
इन प्रकरणों 👇 के बारे में भी जानें।
1. प्रबंध काव्य और मुक्तक काव्य क्या होते हैं?
2. कुण्डलियाँ छंद क्या है? इसकी पहचान एवं उदाहरण
3. हिन्दी में मिश्र वाक्य के प्रकार (रचना के आधार पर)
4. मुहावरे और लोकोक्ति का प्रयोग कब और क्यों किया जाता है?
5. राष्ट्रभाषा क्या है और कोई भाषा राष्ट्रभाषा कैसे बनती है?
(A) विधानवाचक वाक्य– जिस वाक्य से किसी क्रिया के करने या होने का बोध होता है उसे विधान-वाचक वाक्य कहते हैं।
उदाहरण– (1) रमेश ने खाना खाया।
(2) राधा का भाई आने वाला है।
(B) निषेधवाचक वाक्य– जिन वाक्यों में किसी कार्य के निषेध का बोध होता है निषेधवाचक वाक्य कहलाते हैं।
उदाहरण- (1) मैं पढ़ नहीं रहा हूँ।
(2) वह चल नहीं सकता है।
(C) प्रश्नवाचक वाक्य – जिन वाक्यों से मूल में कुछ जानने की इच्छा होती है, उत्तर की अपेक्षा रहती है। ऐसे वाक्य प्रश्नवाचक वाक्य कहलाते हैं।
उदाहरण– (1) तुम्हारा नाम क्या है?
(2) तुम क्या कर रहे हो?
इन प्रकरणों 👇 के बारे में भी जानें।
1. घनाक्षरी छंद और इसके उदाहरण
2. काव्य का 'प्रसाद गुण' क्या होता है?
3. अपहनुति अलंकार किसे कहते हैं? एवं विरोधाभास अलंकार
4. भ्रान्तिमान अलंकार, सन्देह अलंकार, पुनरुक्तिप्रकाश अलंकार
5. समोच्चारित भिन्नार्थक शब्द– अपेक्षा, उपेक्षा, अवलम्ब, अविलम्ब शब्दों का अर्थ
(D) संदेहवांचक वाक्य– जिन वाक्यों से संदेह या शंका का भाव प्रकट होता है। उन्हें संदेहवाचक वाक्य कहते हैं।
उदाहरण– (1) वह शायद कल मेरे घर आए।
(2) सम्भवतः बरसात हो।
(E) आज्ञावाचक वाक्य– जिन वाक्यों से आज्ञा या आदेश का बोध होता है वे आज्ञावाचक वाक्य कहलाते हैं।
उदाहरण– (1) अब तुम जाओ।
(2) आप चुप रहिए।
(F) इच्छा वाचक वाक्य– इस प्रकार के वाक्य में इच्छा, शुभ भावना या आशीर्वाद का भाव लक्षित होता है अर्थात वक्ता अपने लिए या दूसरों के लिए किसी न किसी इच्छा के भाव को प्रकट करता है।
उदाहरण– (1) ईश्वर तुम्हें सुख व समृद्धि दें।
(2) आपकी यात्रा शुभ हो।
(G) संकेतवाचक वाक्य– जिन वाक्यों से एक क्रिया के दूसरी क्रिया पर निर्भर होने का बोध हो, उन्हें संकेतवाचक वाक्य कहते हैं। इस प्रकार के वाक्यों में किसी न किसी शर्त का उल्लेख होता है।
उदाहरण – (1) यदि वह आता तो मैं चला जाता।
(2) अगर तुम परिश्रम करोगे तो पास हो जाओगे।
इन प्रकरणों 👇 के बारे में भी जानें।
1. गज़ल- एक साहित्य विधा
2. शब्द शक्ति- अभिधा शब्द शक्ति, लक्षणा शब्द शक्ति एवं व्यंजना शब्द शक्ति
3. रस क्या है? शांत रस एवं वात्सल्य रस के उदाहरण
4. रस के चार अवयव (अंग) – स्थायीभाव, संचारी भाव, विभाव और अनुभाव
5. छंद में मात्राओं की गणना कैसे करते हैं?
(H) विस्मयवाचक वाक्य– इन वाक्यों में विस्मय, आश्चर्य, घृणा, प्रेम, हर्ष, शोक आदि भाव प्रकट होते हैं।
उदाहरण– (1) अरे! तुम कब आए।
(2) ओह! बड़ा जुल्म हुआ।
एक वाक्य को दूसरे वाक्य में बदलना–
जब किसी एक वाक्य को दूसरे वाक्य में बदलना हो तब विराम चिह्नों का विशेष ध्यान रखा जाता है। जिस प्रकार का वाक्य लिखा जाए उसमें उसी प्रकार के विराम चिह्नों का प्रयोग किया जाएगा।
उदाहरण–
1. तुम कल जाओगे। (आज्ञा वाचक)
अब इस वाक्य को यदि प्रश्नवाचक वाक्य में बदलना है तो इस प्रकार लिखेंगे -
○ क्या तुम कल जाओगे?
यदि इस वाक्य को विस्मय बोधक वाक्य में बदलना है तो लिखेंगे–
○ ओह! तुम कल जाओगे।
इन प्रकरणों 👇 के बारे में भी जानें।
1. विराम चिन्हों का महत्व
2. पूर्ण विराम का प्रयोग कहाँ होता है || निर्देशक एवं अवतरण चिह्न के उपयोग
3. लोकोक्ति और मुहावरे में अंतर भाषा में इनकी उपयोगिता
4. प्रेरणार्थक / प्रेरणात्मक क्रिया क्या है ? इनका वाक्य में प्रयोग
5. पुनरुक्त शब्द एवं इसके प्रकार | पुनरुक्त और द्विरुक्ति शब्दों में अन्तर
आशा है, उपरोक्त जानकारी आपके लिए उपयोगी होगी।
धन्यवाद।
R F Temre
rfcompetition.com
I hope the above information will be useful and important.
(आशा है, उपरोक्त जानकारी उपयोगी एवं महत्वपूर्ण होगी।)
Thank you.
R F Temre
pragyaab.com
(संबंधित जानकारी के लिए नीचे दिये गए विडियो को देखें।)
Comments