भाषा के विविध स्तर- बोली, विभाषा, मातृभाषा || भाषा क्या है? || Boli, Vibhasha, Matribhasha
भाषा विचारों के आदान-प्रदान और भावों की अभिव्यक्ति का साधन है। भाषा ध्वनि संकेतों का एक समूह, एक अभ्यास एक व्यवस्था है। बोली विभाषा बनती है और विभाषा फिर भाषा बन जाती है।
प्रयोग की दृष्टि से भाषा के विविध स्तर–
बोली– यह भाषा का सबसे अधिक सीमित और छोटा रूप है। किसी छोटे क्षेत्र में स्थानीय व्यवहार में प्रयुक्त होने वाली भाषा का रूप बोली कहलाता है। आंचलिक उपन्यासों, नाटकों और कहानियों में स्थानीय वातावरण उत्पन्न करने के लिए स्थान स्थान पर इनका प्रयोग किया जाता है। अतएव क्षेत्र विशेष में साधारण सामाजिक व्यवहार में आने वाला बोलचाल का भाषा रूप बोली है। बोली उन्नति करके अर्थात इसके बोले जाने का क्षेत्र विस्तृत होने लगता है और कुछ साहित्यिक रचनाएँ लोकप्रिय होने लगती हैं तब बोली विभाषा बनती है।
इन प्रकरणों 👇 के बारे में भी जानें।
1. प्रबंध काव्य और मुक्तक काव्य क्या होते हैं?
2. कुण्डलियाँ छंद क्या है? इसकी पहचान एवं उदाहरण
3. हिन्दी में मिश्र वाक्य के प्रकार (रचना के आधार पर)
4. मुहावरे और लोकोक्ति का प्रयोग कब और क्यों किया जाता है?
5. राष्ट्रभाषा क्या है और कोई भाषा राष्ट्रभाषा कैसे बनती है?
6.अर्थ के आधार पर वाक्य के प्रकार
7. पुनरुक्त शब्दों को चार श्रेणियाँ
नीचे दिए गए उदाहरण को देखें–
"यहाँ, इन्हीं दीवारों में कहीं मेरा बचपन हिलविलान हुआ है। मेरी किलकारियाँ और रोदन मेरा क्रोध और मेरा ममत्व इसी के भीतर किस कोने में अटके हैं? माता-पिता और बहिनों की आत्मीयता दरवाजों के भीतर से हुमकती-सी लगती है।"
उपर्युक्त रेखांकित उदाहरण को ध्यान से पढ़ने पर पता चलता है कि इसमें 'बुंदेली' शब्दों का प्रयोग किया गया है।
विभाषा (उपभाषा) – विभाषा इसे उपभाषा भी कहा जाता है। विभाषा का क्षेत्र भाषा से कम व्यापक एवं बोली से अधिक विस्तृत होता है। एक प्रदेश में अथवा प्रदेश के भाग में सामान्य बोल-चाल, साहित्य आदि के लिए प्रयुक्त होने वाली भाषा को विभाषा कहते हैं। इसे क्षेत्रीय भाषा भी कहते हैं। पूर्वी हिन्दी, पश्चिमी हिन्दी, राजस्थानी, बिहारी एवं गढ़वाली आदि विभाषाओं के उदाहरण हैं।
मातृभाषा – मातृभाषा माँ द्वारा बोली जाने वाली भाषा शिशु सर्वप्रथम सीखता है। जिस क्षेत्र में जो भाषा बोली जाती है उस क्षेत्र की वह भाषा व्यापक रूप से मातृभाषा कही जाती है। वास्तव में मातृभाषा पालने की भाषा है। जो माता-पिता, परिवार और स्थानीय परिवेश में बोली जाने वाली भाषा होती है।
यथा– हिन्दी क्षेत्र की हिन्दी, बंगाल क्षेत्र की बांग्ला, पंजाब क्षेत्र की पंजाबी आदि वहाँ के स्थानीय निवासियों की मातृभाषा होती है।
इन प्रकरणों 👇 के बारे में भी जानें।
1. गज़ल- एक साहित्य विधा
2. शब्द शक्ति- अभिधा शब्द शक्ति, लक्षणा शब्द शक्ति एवं व्यंजना शब्द शक्ति
3. रस क्या है? शांत रस एवं वात्सल्य रस के उदाहरण
4. रस के चार अवयव (अंग) – स्थायीभाव, संचारी भाव, विभाव और अनुभाव
5. छंद में मात्राओं की गणना कैसे करते हैं?
आशा है, उपरोक्त जानकारी आपके लिए उपयोगी होगी।
धन्यवाद।
R F Temre
rfcompetition.com
I hope the above information will be useful and important.
(आशा है, उपरोक्त जानकारी उपयोगी एवं महत्वपूर्ण होगी।)
Thank you.
R F Temre
pragyaab.com
(संबंधित जानकारी के लिए नीचे दिये गए विडियो को देखें।)
Comments