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हिन्दु शासकों द्वारा विकसित कश्मीरी वास्तुकला | Kashmiri Architecture Developed by Hindu Rulers

कश्मीर पर शासन करने वाले हिंदू शासकों ने कुछ अनूठे वास्तुशिल्पों का विकास करवाया। उनके द्वारा निर्मित करवाए गए प्रमुख मंदिर निम्नलिखित हैं-
1. मार्तंड सूर्य मंदिर
2. अवंतिपुर के मंदिर
3. पंदेर्थन मंदिर या पानी मंदिर
4. मामलेस्वर शिव मंदिर
5. परासपोर के स्मारक।

The Hindu rulers who ruled Kashmir developed some unique architecture. Following are the major temples built by him-
1. Martand Sun Temple
2. Temples of Avantipur
3. Pandarthan Temple or Water Temple
4. Mamaleswar Shiva Temple
5. Monuments of Paraspor.

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2.मौर्य काल की दरबारी कला
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4. मौर्योत्तर कालीन कला की जानकारी
5. मौर्योत्तर काल की स्थापत्य कला- गुफाएँ एवं स्तूप

मार्तंड सूर्य मंदिर- यह मंदिर अनंतनाग (कश्मीर) में स्थित है। इस मंदिर का निर्माण 8वीं शताब्दी ईसवी के दौरान कश्मीर के कारकोटा राजवंश के शासक ललितादित्य मुक्तपीठ के सानिध्य में करवाया गया था।
यह मंदिर विभिन्न वास्तुकला शैलियों का मिश्रण है। स्मारकों की शैली गांधार, चीनी और गुप्त वास्तुकला से प्रेरित है। परिसर खंभों से घिरे प्रांगण के रूप में है। मुख्य मंदिर का शिखर पिरामिडीय है तथा इस पर भगवान विष्णु, देवी गंगा और यमुना तथा भगवान सूर्य जैसे देवताओं की नक्काशी की गयी है।

Martand Sun Temple- This temple is located in Anantnag (Kashmir). This temple was built during the 8th century AD under the guidance of Lalitaditya Muktapeeth, the ruler of the Karkota dynasty of Kashmir.
This temple is a mixture of different architectural styles. The style of the monuments is inspired by Gandhara, Chinese and Gupta architecture. The complex is in the form of a courtyard surrounded by pillars. The spire of the main temple is pyramidal and has carvings of deities like Lord Vishnu, Goddess Ganga and Yamuna and Lord Surya.

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अवंतिपुर के मंदिर- यहाँ पर भगवान विष्णु को समर्पित अवंतिस्वामी और भगवान शिव को समर्पित अवंतिश्वर नामक दो मंदिर हैं। इन मंदिरों का निर्माण कश्मीर के उत्पल राजवंश के प्रथम सम्राट अवंतिवर्मन द्वारा 9वीं शताब्दी ईसवी में करवाया गया था। यह मंदिर प्रशस्त आँगन में अवस्थित है। इसके चारों कोनों पर चार मठ स्थित हैं। मुख्य द्वार के पास दो कक्षों का निर्माण किया गया है। इन पर विस्तृत नक्काशी की गई है। इन मंदिरों की वास्तुकला गांधार और रोमन शैली से प्रेरित है।

Temples of Avantipur- There are two temples named Avantiswami dedicated to Lord Vishnu and Avantishvara dedicated to Lord Shiva. These temples were built in the 9th century AD by Avantivarman, the first emperor of the Utpal dynasty of Kashmir. This temple is situated in a spacious courtyard. Four monasteries are situated at its four corners. Two chambers have been constructed near the main entrance. These are elaborately carved. The architecture of these temples is inspired by Gandhara and Roman style.

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पंदर्थन मंदिर या पानी मंदिर- इस मंदिर को मेरुवर्धन स्वामी के नाम से भी जाना जाता है। यह भगवान विष्णु को समर्पित है किन्तु यहाँ भगवान शिव के भी कुछ चित्र प्राप्त हुए हैं। इस मंदिर को एक ही पत्थर की शिला को काटकर बनाया गया है। इस मंदिर की दीवारों पर विस्तृत नक्काशी की गयी है। इसका निर्माण 10वीं शताब्दी ईसवी के दौरान करवाया गया था। यह श्रीनगर के समीप अवस्थित है। इस मंदिर की अनूठी विशेषता यह है कि इसकी गुम्बदनुमा छतें और मेहराबें हैं।

Pandarthan Temple or Pani Mandir- This temple is also known as Meruvardhan Swamy. It is dedicated to Lord Vishnu but some pictures of Lord Shiva have also been found here. This temple has been built by cutting a single stone rock. Elaborate carvings have been done on the walls of this temple. It was constructed during the 10th century AD. It is located near Srinagar. The unique feature of this temple is that it has domed roofs and arches.

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मामलेश्वर शिव मंदिर- यह मंदिर पहलगाम में स्थित है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। इसका निर्माण लगभग 400 ईसवी के आसपास करवाया गया था। इस मंदिर का उल्लेख संस्कृत शास्त्रीय ग्रंथ 'राजतरंगिणी' में आता है। राजतरंगिणी में कश्मीर के इतिहास का वर्णन किया गया है।

Mamleshwar Shiva Temple- This temple is located in Pahalgam. This temple is dedicated to Lord Shiva. It was built around 400 AD. This temple is mentioned in the Sanskrit classical text 'Rajatarangini'. History of Kashmir is described in Rajatarangini.

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परासपोर के स्मारक- यह आधुनिक परासपोर में अवस्थित है। इसका निर्माण कार्कोट राजवंश के शासक ललितादित्य मुक्तापीठ द्वारा करवाया गया था। इस शासक ने परिहासपुर को अपनी राजधानी बनाया था। यह मंदिर भगवान विष्णु और भगवान परिहस्केसना को समर्पित है। इस मंदिर के अलावा यहाँ कुछ बौद्ध संरचनाएँ भी हैं।

Monuments of Paraspor - It is located in modern Paraspore. It was built by Lalitaditya Muktapeeth, the ruler of the Karkot dynasty. This ruler made Parihaspur his capital. This temple is dedicated to Lord Vishnu and Lord Parihaskesana. Apart from this temple there are also some Buddhist structures here.

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आशा है, उपरोक्त जानकारी आपके लिए उपयोगी होगी।
धन्यवाद।
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