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बीती विभावरी जाग री― जयशंकर प्रसाद

  • BY:
     RF Competition
  • Posted on:
    October 25, 2021

"गीत"

बीती विभावरी जाग री।
अम्बर-पनघट में डुबो रही-
तारा-घट ऊषा-नागरी।
खग-कुल कुल-कुल सा बोल रहा,
किसलय का अंचल डोल रहा,
लो यह लतिका भी भर लायी-
मधु-मुकुल नवल रस-गागरी।
अधरों में राग अमन्द पिये,
अलकों में मलयज बन्द किये-
तू अब तक सोयी है आली!
आँखों में भरे विहाग री।

हिन्दी व्याकरण के इन 👇 प्रकरणों को भी पढ़िए।।
1. व्याकरण क्या है
2. वर्ण क्या हैं वर्णोंकी संख्या
3. वर्ण और अक्षर में अन्तर
4. स्वर के प्रकार
5. व्यंजनों के प्रकार-अयोगवाह एवं द्विगुण व्यंजन
6. व्यंजनों का वर्गीकरण
7. अंग्रेजी वर्णमाला की सूक्ष्म जानकारी

संदर्भ― यह पद्य जयशंकर प्रसाद द्वारा किये गये प्रकृति चित्रण का एक अंश है। इसका उचित शीर्षक 'गीत' है।

हिन्दी व्याकरण के इन 👇 प्रकरणों को भी पढ़िए।।
1. लिपियों की जानकारी
2. शब्द क्या है
3. लोकोक्तियाँ और मुहावरे
4. रस के प्रकार और इसके अंग
5. छंद के प्रकार– मात्रिक छंद, वर्णिक छंद
6. विराम चिह्न और उनके उपयोग
7. अलंकार और इसके प्रकार

प्रसंग― जयशंकर प्रसाद द्वारा रचित प्रस्तुत पद्यांश में ज्योत्सनामयी रात्रि के समाप्त हो जाने के पश्चात् उदित होने वाली नवीन उषा की सुंदरता का वर्णन किया गया है।

हिन्दी व्याकरण के इन 👇 प्रकरणों को भी पढ़िए।।
1. शब्द क्या है- तत्सम एवं तद्भव शब्द
2. देशज, विदेशी एवं संकर शब्द
3. रूढ़, योगरूढ़ एवं यौगिकशब्द
4. लाक्षणिक एवं व्यंग्यार्थक शब्द
5. एकार्थक शब्द किसे कहते हैं ? इनकी सूची
6. अनेकार्थी शब्द क्या होते हैं उनकी सूची
7. अनेक शब्दों के लिए एक शब्द (समग्र शब्द) क्या है उदाहरण
8. पर्यायवाची शब्द सूक्ष्म अन्तर एवं सूची
9. शब्द– तत्सम, तद्भव, देशज, विदेशी, रुढ़, यौगिक, योगरूढ़, अनेकार्थी, शब्द समूह के लिए एक शब्द
10. हिन्दी शब्द- पूर्ण पुनरुक्त शब्द, अपूर्ण पुनरुक्त शब्द, प्रतिध्वन्यात्मक शब्द, भिन्नार्थक शब्द
11. द्विरुक्ति शब्द क्या हैं? द्विरुक्ति शब्दों के प्रकार

महत्वपूर्ण शब्द― विभावरी- रात, अंबर- आकाश, पनघट- पानी भरने का घाट, घट- घड़ा, ऊषा- प्रातःकाल, नागरी- सुंदर स्त्री, किसलय- कोमल कोंपलें, अंचल- आँचल, लतिका- लता, मधु-मुकुल- परागयुक्त पुष्प, नवल रस- नया पराग, गागरी- गगरी, अधर- सुंदर होंठ, अमन्द- पर्याप्त मात्रा, अलक- सुंदर केश, मलयज- सुगंधित चंदन, आली- सखि-सहेली, विहाग- रात्रि के अंतिम पहर में गाया जाने वाला महत्वपूर्ण राग।

इन प्रकरणों 👇 के बारे में भी जानें।
1. प्राथमिक शाला के विद्यार्थियों हेतु 'गाय' का निबंध लेखन
2. निबंध- मेरी पाठशाला

व्याख्या― प्रातः होने के पश्चात् एक सखि को सोते हुए देखकर दूसरी सखि उसे जगाते हुए कहती है कि, री सखी! ज्योत्सनामयी रात्रि बीत चुकी है और प्रातःकाल हो चुका है। अब तू जाग जा। ऊषा (सुबह) रुपी सुंदर स्त्री तारों रूपी घड़े को आकाश रूपी पनघट में डुबो रही है। इसकी परिणति के रूप में उत्पन्न कुल-कुल की पानी की ध्वनि पक्षियों के समूह के कुल-कुल स्वर के रूप में सुनाई दे रही है। अर्थात् सुबह हो जाने के कारण तारे आकाश में छिप रहे हैं और पक्षियों के समूह कुल-कुल ध्वनि में सुंदर संगीत सुना रहे हैं। उषा रूपी सुंदर स्त्री का आँचल कोमल कोपलों (कोमल पत्तों) के कंपन में दिखाई देता है। अर्थात् कोमल पत्ते हिलते हुए सुंदर प्रतीत हो रहे हैं। आगे सखि कहती है कि, लो देखो अब यह हमारी लता रूपी सखी भी अपने पराग रस की गगरी में परागयुक्त पुष्पों को भर लायी है। अर्थात् पेड़ की लताओं में बहुत सारे सुंदर-सुंदर फूल खिल गये हैं। इसके बाद वह सखि अपनी सखि को सोती हुई देख कहती है कि, री सखी! तेरे होंठ रक्तिम दिखाई दे रहे हैं। प्रतीत हो रहा है कि तूने रात्रि में प्रेम रूपी मदिरा का पान किया है। इसलिए तेरे होंठ रक्तिम हो गये हैं। तेरे सुंदर केशों से चंदन की आकर्षक सुगंध आ रही है। हे सखी! तू अभी तक सोई हुई है, जबकि प्रातः काल हो चुका है। तू अपनी आँखों में विहाग राग रूपी खुमारी को लिये हुये है। इससे तेरे आलस्य का ज्ञान होता है।

हिन्दी व्याकरण के इन 👇 प्रकरणों को भी पढ़िए।।
1. 'ज' का अर्थ, द्विज का अर्थ
2. भिज्ञ और अभिज्ञ में अन्तर
3. किन्तु और परन्तु में अन्तर
4. आरंभ और प्रारंभ में अन्तर
5. सन्सार, सन्मेलन जैसे शब्द शुद्ध नहीं हैं क्यों
6. उपमेय, उपमान, साधारण धर्म, वाचक शब्द क्या है.
7. 'र' के विभिन्न रूप- रकार, ऋकार, रेफ
8. सर्वनाम और उसके प्रकार

विशेष― इस पद्य में जयशंकर प्रसाद ने प्रकृति का सजीव तथा मार्मिक चित्रण किया है। इस गीत में गेयता और चित्रोपमता सहज ही विद्यमान है। यहाँ प्रयोग किये गये प्रमुख अलंकार उपमा, सांगरूपक, अनुप्रास, मानवीकरण और रूपकातिशयोक्ति आदि हैं। परिमार्जित खड़ी बोली का प्रयोग किया गया है। इसके साथ ही इस पद्य में सोयी हुई स्त्री के सुंदर रूप का भी वर्णन किया गया है।

इन प्रकरणों 👇 के बारे में भी जानें।
1. मित्र को पत्र कैसे लिखें?
2. परिचय का पत्र लेखन
3. पिता को पत्र कैसे लिखें?
4. माताजी को पत्र कैसे लिखें? पत्र का प्रारूप
5. प्रधानपाठक को छुट्टी के लिए आवेदन पत्र

आशा है, उपरोक्त जानकारी आपके लिए उपयोगी होगी।
धन्यवाद।
R F Temre
rfcompetition.com



आशा है, उपरोक्त जानकारी उपयोगी एवं महत्वपूर्ण होगी।
(I hope the above information will be useful and important. )
Thank you.

R. F. Tembhre
(Teacher)
pragyaab.com

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