भारतवर्ष में आधुनिक वास्तुकला― पुर्तगाली प्रभाव और फ्रांसीसी प्रभाव | Modern Architecture in India― Portuguese Influence and French Influence
यूरोपीय औपनिवेशिकों के आगमन के साथ ही भारत में मुगल साम्राज्य का पतन आरंभ हो गया। इसके परिणामस्वरूप पुर्तगालियों, फ्रांसीसियों, डच, डेनिश और अंग्रेजों के मध्य सत्ता संघर्ष आरंभ हुआ। इसकी परिणति सन् 1947 तक अंग्रेजी शासन के रूप में हुई। हालाँकि यूरोपियाई अपने साथ वास्तुशिल्प एवं स्थापत्य कला का खजाना भी साथ लाए। इस कला को उनके द्वारा निर्मित संरचनाओं में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है।
The decline of the Mughal Empire in India began with the advent of the European colonials. This resulted in a power struggle between the Portuguese, the French, the Dutch, the Danish and the British. It culminated in the form of British rule till 1947. However, Europeans also brought with them a wealth of architecture and architecture. This art can be clearly seen in the structures he built.
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पुर्तगाली प्रभाव- पुर्तगाली अपने साथ वास्तुकला की 'आईबेरियन शैली' साथ लाये। प्रारंभ में उन्होंने व्यापारिक ठिकानों एवं गोदामों का निर्माण करवाया। ये आगे चलकर समुद्र तट के साथ-साथ दुर्गीकृत नगरों के रूप में विकसित हुए। पुर्तगालियों ने आईबेरियन शैली में 'आँगन गृहों' एवं बैरोक चर्चों का निर्माण करवाया। बैरोक शैली का विकास 16वीं शताब्दी के अंतिम चरण में यूरोप में चर्चों की शक्ति को व्यक्त करने के लिये किया गया था। इस शैली को अलंकृत, सुविस्तीर्ण और नाटकीय प्रभाव बनाने के लिये अभिकल्पित किया गया था। इस शैली में विपरीत रंगों का प्रयोग किया जाता है।
Portuguese influence- The Portuguese brought with them the 'Iberian style' of architecture. In the beginning, he got the commercial bases and godowns constructed. These later developed into fortified towns along the coast. The Portuguese built 'courtyard houses' and Baroque churches in the Iberian style. The Baroque style was developed in the late 16th century to express the power of churches in Europe. This style was designed to create an elaborate, elaborate and dramatic effect. Contrasting colors are used in this style.
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भारत में पुर्तगाली प्रभाव के अंतर्गत निर्मित प्रमुख वास्तुशिल्प निम्नलिखित हैं-
1. से फैथेड्रल (गोवा)
2. बोम जीसस का बसिलिका या पवित्र यीशु (गोवा)
3. कास्टेला डे अगुआदा, मुंबई
4. सेंट पॉल का चर्च (दीव)
5. दीव किले
6. सेंट एन्ने चर्च, तलाउलिम (गोवा)
The following are the major architectures built under Portuguese influence in India-
1. Se Cathedral (Goa)
2. Basilica of Bom Jesus or the Holy Jesus (Goa)
3. Castela de Aguada, Mumbai
4. Church of St. Paul (Diu)
5. Diu Fort
6. St. Anne's Church, Talaulim (Goa)
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से फैथेड्रल (गोवा)- इसका निर्माण सन् 1619 में पूर्ण हुआ। इसे पुर्तगाली गॉथिक शैली में बनाया गया था। इसमें एक विशाल घंटा है, जिसे स्वर्णिम घंटा अर्थात् गोल्डन बेल कहा जाता है।
Se Cathedral (Goa)- Its construction was completed in the year 1619. It was built in the Portuguese Gothic style. There is a huge bell in it, which is called the golden bell, that is, the golden bell.
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बोम जीसस का बसिलिका या पवित्र यीशु (गोवा)- यह बैरोक शैली में निर्मित विश्व विरासत धरोहर है। इसका निर्माण सन् 1604 ईसवी में पूर्ण हुआ। इसमें सेंट फ्रांसिस जेवियर के सम्मानित शरीर को रखा गया है।
Basilica of Bom Jesus or the Holy Jesus (Goa)- It is a World Heritage Site built in Baroque style. Its construction was completed in 1604 AD. It houses the revered body of St. Francis Xavier.
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कास्टेला डे अगुआदा, मुंबई- यह महाराष्ट्र में अवस्थित है।
Castella de Aguada, Mumbai- It is located in Maharashtra.
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सेंट पॉल का चर्च (दीव)- इसे बैरोक शैली में निर्मित किया गया था। इसका निर्माण सन् 1610 में पूर्ण हुआ था।
Church of St. Paul (Diu)- It was built in Baroque style. Its construction was completed in 1610.
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दीव किले- इन्हें 1535 ई. में दीव द्वीप के तट पर बनाया गया था। इस किले पर एक लाइटहाउस और दीवारें रखी गई थीं। किले के परिसर में तीन चर्च हैं-
1. सेंट थॉमस चर्च
2. सेंट पॉल का चर्च
3. असीसी के सेंट फ्रांसिस का चर्च
Du Fort- They were built in 1535 AD on the coast of Diu Island. A lighthouse and walls were kept on this fort. There are three churches in the premises of this fort-
1. St. Thomas Church
2. Church of St. Paul
3. Church of St. Francis of Assisi
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सेंट एन्ने चर्च, तलाउलिम (गोवा)- इसका निर्माण बैरोक शैली में करवाया गया था तथा यह सन् 1695 में पूर्ण हो गया था।
St. Anne's Church, Talaulim (Goa)- It was built in Baroque style and was completed in 1695 AD.
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फ्रांसीसी प्रभाव- फ्रांसीसियों ने शहरी योजना की अवधारणा प्रचलित की। फ्रांसीसी शहर पुदुचेरी और चंदननगर (पश्चिम बंगाल) का निर्माण कार्टेसियन ग्रिड योजना और वैज्ञानिक वास्तुकला के आधार पर किया गया था। फ्रांसीसियों ने भव्य भवनों का निर्माण कर अपनी शक्ति का प्रदर्शन किया था। उन्होंने अज्ञात वास्तुकला की अवधारणा प्रस्तुत की। इस वास्तुकला में संबंधित संरचना के अग्रभाग या मुख पर अधिक अलंकरण या डिजाइन के बिना आधुनिक भवनों की अवधारणा होती थी। फ्रांसीसियों ने भारत में तटीय शहरों माहे (केरल), कराईकल (तमिलनाडु) और यनम (आंध्र प्रदेश) की स्थापना की।
French Influence- The French introduced the concept of urban planning. The French cities of Puducherry and Chandannagar (West Bengal) were built on the basis of Cartesian grid plan and scientific architecture. The French had demonstrated their power by building grand buildings. He introduced the concept of unknown architecture. This architecture conceptualized modern buildings without much ornamentation or design on the façade or facade of the associated structure. The French established the coastal cities of Mahe (Kerala), Karaikal (Tamil Nadu) and Yanam (Andhra Pradesh) in India.
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उदाहरण- पुदुचेरी में जीसस का सेक्रेड हार्ट चर्च और पश्चिम बंगाल के चंदननगर में सेक्रेड हार्ट चर्च आदि।
Example-Sacred Heart Church of Jesus in Puducherry and Sacred Heart Church in Chandannagar, West Bengal etc.
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आशा है, उपरोक्त जानकारी आपके लिए उपयोगी होगी।
धन्यवाद।
R F Temre
rfcompetition.com
I hope the above information will be useful and important.
(आशा है, उपरोक्त जानकारी उपयोगी एवं महत्वपूर्ण होगी।)
Thank you.
R F Temre
pragyaab.com
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