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भारत की स्थलाकृतियाँ– शैलें और प्लेटें | Topography of India– Rocks and Plates

हमारा भारत एक विशाल देश है। यहाँ पर विभिन्न स्थलाकृतियाँ पाई जाती हैं। यहाँ पर हर प्रकार की स्थलाकृति का उदाहरण देखा जा सकता है। उदाहरण के लिए पर्वत, मैदान, मरुस्थल, पठार और द्वीपसमूह, ये सभी भारत की स्थलाकृतियों के महत्वपूर्ण अंग है।

Our India is a huge country. Various topographies are found here. Examples of all types of topography can be seen here. For example, mountains, plains, deserts, plateaus and archipelagos are all important parts of India's topography.

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शैलें (Rocks)

भारत में विभिन्न प्रकार की शैलें पाई जाती हैं। इनमें से प्रमुख शैलें निम्नलिखित हैं–
1. कुछ शैलें संगमरमर के समान कठोर होती हैं। इनका उपयोग ताजमहल के निर्माण में किया गया था।
2. कुछ शैलें सेलखड़ी के समान मुलायम होती हैं। इनका प्रयोग टेल्कम पाउडर के निर्माण में किया जाता है।

Different types of rocks are found in India. The following are the main rocks of these–
1. Some rocks are as hard as marble. These were used in the construction of the Taj Mahal.
2. Some rocks are as soft as a rock. They are used in the manufacture of talcum powder.

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भारतीय मृदाओं के रंगों में भिन्नता (Variation in colors of Indian soils)

भारत के अलग-अलग क्षेत्रों की मृदा का रंग अलग-अलग है। ये सभी मृदाएँ रंग के आधार पर एक दूसरे से बहुत भिन्न हैं। इसका कारण यह है, कि मृदा का निर्माण विभिन्न प्रकार की शैलों से हुआ है। मृदा के रंगों की अधिकतर विविधताएँ शैलों के निर्माण में विभिन्नता के कारण होती है।

Different regions of India have different soil colours. All these soils are very different from each other on the basis of colour. The reason for this is that soil is made up of different types of rocks. Most of the variations in soil color are due to variations in rock formation.

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भारतीय भू-भाग का निर्माण (Indian land formation)

भारत का भू-भाग बहुत विशाल है। इसका निर्माण विभिन्न भूगर्भीय कालों के दौरान हुआ है। इसके कारण देश के विभिन्न उच्चावच प्रभावित हुए हैं। भूगर्भीय निर्माणों के अलावा कुछ महत्वपूर्ण प्रक्रियाओं के द्वारा भी वर्तमान उच्चवचों का निर्माण एवं उनमें संशोधन हुआ है। यह प्रमुख प्रक्रियाएँ निम्नलिखित हैं–
1. अपक्षय
2. अपरदन
3. निक्षेपण

The land area of ​​India is very vast. It was formed during different geological periods. Due to this various reliefs in the country have been affected. Apart from the geological formations, some important processes have also created and modified the existing reliefs. Following are these major processes–
1. Weathering
2. Erosion
3. Deposit

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प्लेटें (Plates)

कुछ भूगर्भशास्त्रियों ने भारत की स्थलाकृतियों के निर्माण की व्याख्या करने का प्रयास किया है। उन्होंने कुछ उपयोगी प्रमाणों पर आधारित सिद्धांतों की मदद से स्थल आकृतियों के निर्माण की व्याख्या की है। इससे संबंधित महत्वपूर्ण सिद्धांत 'प्लेट विवर्तनिक का सिद्धांत' है। इसके अनुसार पृथ्वी की ऊपरी पर्पटी सात बड़ी तथा कुछ छोटी प्लेटों से निर्मित हुई है। ये प्लेटें गति भी करती हैं। इस कारण इन प्लेटों के अंदर और ऊपर की ओर अवस्थित महाद्वीपीय शैलों में दबाव उत्पन्न होता है। फलस्वरूप वलन, भ्रंशीकरण और ज्वालामुखीय क्रियाएँ होती हैं।

Some geologists have tried to explain the formation of India's topography. He has explained the formation of landforms with the help of some useful evidence-based theories. The important principle related to this is 'theory of plate tectonics'. According to this, the upper crust of the Earth is made up of seven large and some small plates. These plates also move. Due to this pressure arises in the continental rocks located inside and above these plates. As a result, there are folds, faulting and volcanic activities.

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आमतौर पर इन प्लेटों की गतियों को तीन वर्गों में वर्गीकृत किया जा सकता है। ये निम्नलिखित हैं–
1. कुछ प्लेटें एक-दूसरे के निकट आती हैं। इससे अभिसारित परिसीमा बनती है।
2. कुछ प्लेटें एक-दूसरे से दूर जाती हैं। इससे अपसारित परिसीमा बनती है।
3. कुछ स्थितियाँ ऐसी भी आती हैं, जब दो प्लेटें एक दूसरे के निकट आती हैं, तब या तो वे टकराकर टूट सकती हैं अथवा एक प्लेट फिसल कर दूसरी प्लेट के नीचे जा सकती है। कुछ परिस्थितियों में दो प्लेटें एक-दूसरे के साथ क्षैतिज दिशा में गति कर रूपांतर परिसीमा बनाती हैं।

Generally speaking, the motions of these plates can be classified into three classes. These are the following–
1. Some plates come close to each other. This forms a convergent boundary.
2. Some plates move away from each other. This forms the divergent boundary.
3. There are some situations when two plates come close to each other, then either they can collide or break or one plate can slip and go under the other plate. Under certain circumstances, two plates moving with each other in a horizontal direction form a metamorphic boundary.

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इन प्लेटो में लाखों वर्षों से गति हो रही है। इस कारण पृथ्वी के महाद्वीपों की स्थिति और आकार में परिवर्तन होता रहा है। भारतवर्ष की वर्तमान स्थलाकृति का विकास भी इसी प्रकार की प्लेटों की गतियों का परिणाम है। संसार के अधिकतर ज्वालामुखी और भूकंप प्रभावित क्षेत्र प्लेट के किनारों पर अवस्थित हैं, किंतु कुछ प्लेट के अंदर भी पाए जाते हैं।

These plates have been in motion for millions of years. Due to this, the position and size of the continents of the Earth has been changing. The development of the present topography of India is also the result of the movements of similar plates. Most of the world's volcanic and earthquake-prone areas are located at the edge of the plate, but some are also found inside the plate.

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आशा है, उपरोक्त जानकारी आपके लिए उपयोगी होगी।
धन्यवाद।
R F Temre
rfcompetition.com

I hope the above information will be useful and important.
(आशा है, उपरोक्त जानकारी उपयोगी एवं महत्वपूर्ण होगी।)
Thank you.
R F Temre
pragyaab.com

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