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प्रायद्वीपीय पठार– मध्य उच्चभूमि, दक्कन ट्रैप | Peninsular Plateau– Central Highlands, Deccan Trap

भारत का प्रायद्वीपीय पठार एक ऐसा स्थल है, जिसकी आकृति मेज के समान है। इस पठार का निर्माण क्रिस्टलीय, आग्नेय और रूपांतरित शैलों से हुआ है। यह भारत का प्राचीन भू-भाग है। यह गोंडवाना भूमि के टूटने और उसके अपवाह के कारण बना है। प्रायद्वीपीय पठारी क्षेत्र में चौड़ी और छिछली घाटियाँ हैं। इसके अलावा यहाँ गोलाकार पहाड़ियाँ भी हैं। इस पठार को मुख्य रूप से दो भागों में वर्गीकृत किया जा सकता है–
1. मध्य उच्चभूमि
2. दक्कन का पठार।

The Peninsular Plateau of India is a place whose shape is like a table. This plateau is made up of crystalline, igneous and metamorphic rocks. This is the ancient landmass of India. It is formed due to the break-up and runoff of the Gondwana land. There are wide and shallow valleys in the peninsular plateau region. Apart from this, there are also circular hills here. This plateau can be mainly classified into two parts–
1. Middle Highlands
2. Deccan Plateau.

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भारत का उत्तरी मैदान– भाबर, तराई, भांगर, खादर | Northern Plains Of India– Bhabar, Terai, Bhangar, Khadar

मध्य उच्चभूमि (Middle Highlands)

मध्य उच्चभूमि भारत के प्रायद्वीपीय पठार का एक हिस्सा है। यह नर्मदा नदी के उत्तर में स्थित है। यह मालवा के पठार के अधिकतर हिस्सों में विस्तृत है। मध्य उच्चभूमि का क्षेत्र पश्चिम में धीरे-धीरे राजस्थान के बलुई और पथरीले मरुस्थल से संयुक्त हो जाता है। इस क्षेत्र में प्रवाहित होने वाली प्रमुख नदियाँ चंबल, बेतवा, सिंध और केन हैं। ये नदियाँ दक्षिण-पश्चिम से उत्तर-पूर्व की ओर प्रवाहित होती हैं। ये नदियाँ इस क्षेत्र की ढाल को प्रदर्शित करती हैं। मध्य उच्चभूमि पश्चिम में चौड़ी और पूर्व में संकीर्ण है। इस भूमि के पूर्वी विस्तार को स्थानीय रूप से बुंदेलखंड और बघेलखंड कहा जाता है। इस पठार और पूर्व के पठार के विस्तार को संयुक्त रूप से छोटा नागपुर का पठार कहा जाता है। छोटा नागपुर का पठार दामोदर नदी द्वारा अपवाहित है। विंध्य श्रृंखला दक्षिण में मध्य उच्चभूमि और उत्तर-पश्चिम में अरावली श्रृंखला पर घिरी हुई है।

The Central Highlands is a part of the Peninsular Plateau of India. It is situated to the north of the Narmada River. It covers most of the Malwa plateau. The area of ​​the middle highlands gradually merges with the sandy and rocky desert of Rajasthan in the west. The major rivers flowing in this region are Chambal, Betwa, Sindh and Ken. These rivers flow from south-west to north-east. These rivers represent the slope of this region. The central highlands are broad in the west and narrow in the east. The eastern extension of this land is locally called Bundelkhand and Baghelkhand. This plateau and the extent of the plateau to the east are jointly called the Chota Nagpur Plateau. The Chota Nagpur Plateau is drained by the Damodar River. The Vindhya range is bounded on the south by the central highlands and on the north-west by the Aravalli range.

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हिमालय– हिमाद्रि (ऊँचे शिखर), हिमाचल, शिवालिक | Himalaya– Himadri (High Peak), Himachal, Shivalik

दक्षिण का पठार (South Plateau)

दक्षिण के पठार का आकार त्रिभुजाकार है। यह नर्मदा नदी के दक्षिण में स्थित है। इसका उत्तरी भाग बहुत चौड़ा है। इस भाग में सतपुड़ा पर्वत श्रृंखला स्थित है। इसके पूर्वी भाग में महादेव, कैमूर और मैकाल पर्वत हैं। दक्षिण का पठार पश्चिम में ऊँचा और पूर्व की ओर कम ढाल वाला है। इस पठार के उत्तर-पूर्वी विस्तार को स्थानीय रूप से 'मेघालय का पठार', 'कार्बी एंगलौंग का पठार' और 'उत्तर कचार पहाड़ी' कहा जाता है। दक्षिण का पठार एक भ्रंश के द्वारा छोटा नागपुर पठार से अलग हो गया है। इस पठार में पश्चिम से पूर्व की ओर तीन महत्वपूर्ण पर्वत श्रृंखलाएँ हैं। इन्हें गारो, खासी और जयंतिया के नाम से जाना जाता है। दक्षिण के पठार के पूर्वी और पश्चिमी हिस्से पर दो घाट स्थित हैं। इन्हें पूर्वी घाट और पश्चिमी घाट कहा जाता है।

The shape of the southern plateau is triangular. It is situated to the south of the Narmada River. Its northern part is very wide. The Satpura mountain range is located in this part. In its eastern part are the Mahadev, Kaimur and Maikal mountains. The plateau in the south is high in the west and low in the east. The north-eastern extension of this plateau is locally known as 'Meghalaya Plateau', 'Karbi Anglong Plateau' and 'North Kachar Hill' is called. The south plateau is separated from the Chota Nagpur plateau by a fault. This plateau consists of three important mountain ranges from west to east. They are known as Garo, Khasi and Jaintia. Two ghats are situated on the eastern and western side of the plateau to the south. These are called Eastern Ghats and Western Ghats.

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भारतीय स्थलाकृतियों का निर्माण– गोंडवाना भूमि | Formation Of Indian Topographies– Gondwana Land

पूर्वी घाट (Eastern Ghats)

पूर्वी घाट की औसत ऊँचाई 600 मीटर है। इस घाट का विस्तार महानदी घाटी से दक्षिण में नीलगिरी तक है। ये घाट सतत नहीं हैं। ये घाट अनियमित हैं। बंगाल की खाड़ी में गिरने वाली नदियों ने इनको काट दिया है। पूर्वी घाट का सबसे ऊँचा शिखर महेंद्रगिरी है। इसकी ऊँचाई 1500 मीटर है। इस घाट के दक्षिण-पश्चिम में शेवराय और जावेडी की पहाड़ियाँ अवस्थित हैं।

The average height of Eastern Ghats is 600 meters. This ghat extends from the Mahanadi valley to the Nilgiris in the south. These ghats are not continuous. These ghats are irregular. The rivers falling into the Bay of Bengal have cut them off. Mahendragiri is the highest peak of Eastern Ghats. Its height is 1500 meters. To the south-west of this ghat are the Shevarai and Javedi hills.

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भारत की स्थलाकृतियाँ– शैलें और प्लेटें | Topography Of India– Rocks And Plates

पश्चिमी घाट (Western Ghats)

पश्चिमी घाट, दक्षिण के पठार के पश्चिमी तट के समानांतर अवस्थित हैं। ये घाट सतत् हैं और इन्हें केवल दर्रों के द्वारा ही पार किया जा सकता है। ये घाट पूर्वी घाट की अपेक्षा अधिक ऊँचे हैं। पश्चिमी घाट की औसत ऊँचाई 9,00 से 1,600 मीटर है। इस घाट पर पर्वतीय वर्षा होती है। यह वर्षा, घाट के पश्चिमी ढाल पर आर्द्र हवा के टकराकर ऊपर उठने की वजह से होती है। पश्चिमी घाट को अलग-अलग नामों से जाना जाता है। इस घाट की ऊँचाई, उत्तर से दक्षिण की ओर बढ़ती जाती है। इस क्षेत्र में बहुत-से ऊँचे शिखर अवस्थित हैंं। इनमें से प्रमुख शिखर निम्नलिखित हैं–
1. अनाईमुडी– इसकी ऊँचाई 2,695 मीटर है।
2. डोडा बेटा– इसकी ऊँचाई 2,633 मीटर है।

The Western Ghats lie parallel to the western coast of the plateau to the south. These ghats are continuous and can be crossed only through passes. These Ghats are higher than the Eastern Ghats. The average elevation of the Western Ghats is 9.00 to 1,600 m. Mountain rain falls on this ghat. This rainfall is due to the collision of moist air on the western slope of the Ghats and rise up. The Western Ghats are known by different names. The height of this ghat increases from north to south. Many high peaks are located in this area. The following are the major peaks of these–
1. Anaimudi– Its height is 2,695 meters.
2. Doda Beta– Its height is 2,633 meters.

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विश्व तथा भारत (एवं उसके पड़ोसी देश) | World And India (And Its Neighboring Countries)

दक्कन ट्रैप (Deccan Trap)

दक्कन ट्रैप, प्रायद्वीपीय पठार का एक हिस्सा है। इस क्षेत्र में काली मृदा पायी जाती है। दक्कन ट्रैप की उत्पत्ति ज्वालामुखी क्रियाओं के परिणामस्वरुप हुई है। इसलिए इस क्षेत्र की अधिकांश शैलें आग्नेय हैं। समय के साथ इन शैलों का अपरदन हुआ है। फलस्वरूप काली मिट्टी का निर्माण हुआ है। अरावली की पर्वत श्रृंखलाएँ प्रायद्वीपीय पठार के पश्चिमी और उत्तर-पश्चिमी किनारे पर अवस्थित हैं। ये बहुत अधिक अपरदित और खंडित पहाड़ियाँ हैं। ये गुजरात से लेकर दिल्ली तक दक्षिण-पश्चिम और उत्तर-पूर्व दिशा में विस्तृत हैं।

The Deccan Trap is a part of the Peninsular Plateau. Black soil is found in this area. The Deccan Trap is formed as a result of volcanic activity. Therefore, most of the rocks in this region are igneous. These rocks have been eroded over time. As a result, black soil is formed. The mountain ranges of the Aravallis lie on the western and north-western edge of the peninsular plateau. These are highly eroded and fractured hills. They extend from Gujarat to Delhi in south-west and north-east direction.

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आशा है, उपरोक्त जानकारी आपके लिए उपयोगी होगी।
धन्यवाद।
R F Temre
rfcompetition.com

I hope the above information will be useful and important.
(आशा है, उपरोक्त जानकारी उपयोगी एवं महत्वपूर्ण होगी।)
Thank you.
R F Temre
pragyaab.com

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