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यशदलेपन, मिश्रातु, अमलगम, संक्षारण से सुरक्षा | Resilience, Alloy, Amalgam, Protection Against Corrosion

संक्षारण के महत्वपूर्ण उदाहरण (Important Examples of Corrosion)

संक्षारण के प्रमुख उदाहरण निम्नलिखित हैं–
1. जब चाँदी को खुली हवा में कुछ दिनों के लिए छोड़ दिया जाता है, तो वह काली हो जाती है। इस प्रक्रिया के अंतर्गत चाँदी वायु में उपस्थित सल्फर के साथ रासायनिक अभिक्रिया करती है। फलस्वरुप सिल्वर सल्फाइड उत्पाद के रूप में बनता है। चाँदी पर काली परत सिल्वर सल्फाइड की ही होती है।
2. कॉपर को कुछ दिनों के लिए खुली हवा में छोड़ दिया जाए, तो उस पर हरे रंग की परत चढ़ जाती है। इस प्रक्रिया के अंतर्गत कॉपर वायु में उपस्थित आर्द्र कार्बन डाइऑक्साइड के साथ रासायनिक अभिक्रिया करता है। इससे उत्पाद के रूप में कॉपर कार्बोनेट बनता है। हरे रंग की परत कॉपर कार्बोनेट की ही होती है। इस परत के बनने के कारण ताँबे की भूरे रंग की चमक धीरे-धीरे समाप्त होने लगती है।
3. इसी प्रकार लोहे को वायु में खुला छोड़ देने पर उसके ऊपर भूरे रंग की परत चढ़ जाती है। इस प्रक्रिया को सामान्य भाषा में 'जंग' लगना कहा जाता है। यह भी संक्षारण का उदाहरण है।

The following are the major examples of corrosion–
1. When silver is left in the open air for a few days, it turns black. In this process, silver chemically reacts with the sulfur present in the air. As a result silver sulfide is formed as a product. The black layer on silver is of silver sulfide only.
2. If copper is left in the open air for a few days, then a green coating will appear on it. In this process, copper reacts chemically with the moist carbon dioxide present in the air. This leads to the formation of copper carbonate as a by-product. The green layer is of copper carbonate itself. Due to the formation of this layer, the brown luster of copper gradually disappears.
3. Similarly, when iron is left open in the air, a brown layer is deposited on it. This process is commonly referred to as 'get rusty'. This is also an example of corrosion.

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अयस्कों से धातुओं का निष्कर्षण एवं धातुओं का परिष्करण | Extraction Of Metals From Ores And Refining Of Metals

संक्षारण से सुरक्षा (Corrosion Protection)

धातुओं की संक्षारण से सुरक्षा के प्रमुख उपाय निम्नलिखित हैं–
1. संक्षारण से सुरक्षा के लिए धातु की सतह पर पेंट किया जाता है।
2. धातुओं की सतह पर तेल लगाया जाता है।
3. लोहे की वस्तुओं पर जस्ते की परत चढ़ाई जाती है।
4. धातुओं पर क्रोमियम लेपन किया जाता है।
5. ऐनोडीकरण अथवा मिश्रधातु बनाकर लोहे को जंग लगने से बचाया जा सकता है।

The following are the main measures of protection of metals from corrosion–
1. The metal surface is painted for protection against corrosion.
2. Oil is applied to the surface of metals.
3. Iron objects are coated with zinc.
4. Chromium coating is done on metals.
5. Iron can be prevented from rusting by anodizing or alloying.

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धातुओं की प्राप्ति (खनिज एवं अयस्क) | Recovery Of Metals (Minerals And Ores)

यशदलेपन (Resilience)

लोहे, इस्पात एवं अन्य धातुओं की जंग से सुरक्षा करने के लिए इन धातुओं की सतह पर जस्ते की परत चढ़ाई जाती है। इस विधि को 'यशदलेपन' कहा जाता है। जस्ते की परत के नष्ट होने जाने के बाद भी यशदलेपित वस्तु को जंग के कारण कोई नुकसान नहीं पहुँचता।

Iron, steel and other metals are coated with zinc on their surface to protect them from corrosion. This method is called 'Resilience'. Even after the zinc coating has been destroyed, the coated object does not get any damage due to corrosion.

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आयनिक यौगिकों के गुणधर्म | Properties Of Ionic Compounds

मिश्रातु (मिश्रधातु) [Misratu (Alloy)]

'मिश्रात्वन' धातुओं के गुणधर्मों को बेहतर बनाने की प्रचलित विधि है। इस विधि के अंतर्गत धातुओं के विभिन्न गुणधर्मों को प्राप्त किया जा सकता है। उदाहरण के लिए, लोहा एक उपयोगी धातु है। इसका प्रयोग कभी भी शुद्ध अवस्था में नहीं किया जाता क्योंकि शुद्ध लोहा बहुत नरम होता है। शुद्ध लोहे को गर्म करने पर यह आसानी से खिंच जाता है, फलस्वरुप इसका उचित प्रयोग नहीं हो पाता। लोहे का सही प्रयोग करने के लिए इसमें लगभग 0.05% कार्बन मिलाया जाता है, जिससे यह कठोर और प्रबल हो जाता है। कठोर होने की वजह से लोहे में जंग नहीं लग पाता। लोहे के साथ निकिल और क्रोमियम धातुएँ मिलाने पर प्राप्त मिश्रण को 'स्टेनलेस स्टील' कहा जाता है। इसी प्रकार यदि लोहे के साथ किसी अन्य धातु को मिश्रित किया जाता है, तो उसके गुणधर्मों में परिवर्तन हो जाता है। वास्तविकता में किसी धातु में कोई अन्य पदार्थ मिलाने पर उसके गुणधर्मों में परिवर्तन हो जाता है। यह पदार्थ धातु और अधातु कुछ भी हो सकता है। दो या उससे अधिक धातुओं के समांगी मिश्रण को 'मिश्रातु' कहा जाता है। इसे तैयार करने के लिए सर्वप्रथम मूल धातु को गलित अवस्था में लाया जाता है। उसके पश्चात् दूसरे तत्वों को एक निश्चित अनुपात में इसमें मिश्रित किया जाता है। फिर इस मिश्रण को कमरे के ताप पर शीतलीकृत किया जाता है। इस प्रक्रिया के माध्यम से मिश्रातु प्राप्त किये जा सकते हैं।

'Mixing' is a popular method of improving the properties of metals. Various properties of metals can be obtained under this method. For example, iron is a useful metal. It is never used in its pure state because pure iron is very soft. Pure iron is easily stretched on heating, as a result it cannot be used properly. For proper use of iron, about 0.05% carbon is added to it, which makes it hard and strong. Being hard, iron cannot rust. The mixture obtained by mixing nickel and chromium metals with iron is called 'stainless steel'. Similarly, if iron is mixed with any other metal, its properties change. In reality, when any other substance is added to a metal, its properties change. This substance can be either a metal or a non-metal. A homogeneous mixture of two or more metals is called 'misratu (alloy)'. To prepare it, first the parent metal is brought to the molten state. After that other elements are mixed in it in a certain proportion. The mixture is then cooled to room temperature. Alloys can be obtained through this process.

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आयनिक यौगिक कैसे बनते हैं? | How Are Ionic Compounds Formed?

अमलगम (Amalgam)

पारे की मिश्रातु को 'अमलगम' कहा जाता है। शुद्ध धातु की तुलना में उसके मिश्रातु की विद्युत चालकता और गलनांक कम होते हैं। उदाहरण के लिए ताँबा और जिंक की मिश्रातु पीतल तथा ताँबा और टिन की मिश्रातु काँसा विद्युत के कुचालक हैं। इसके विपरीत ताँबा विद्युत का सुचालक है। विभिन्न दैनिक उपयोग के विद्युत परिपथ ताँबे से ही निर्मित किये जाते हैं। सीसा और टिन की मिश्रातु सोल्डर है। इसका गलनांक बहुत कम होता है। इसका प्रयोग विद्युत तारों की परस्पर वेल्डिंग हेतु किया जाता है।

The mercury alloy is called 'amalgam'. Its alloys have lower electrical conductivity and melting points than pure metals. For example, brass and copper alloys and bronze alloys of copper and tin are poor conductors of electricity. In contrast, copper is a good conductor of electricity. Electrical circuits of various daily uses are made from copper. Solder is an alloy of lead and tin. Its melting point is very low. It is used for mutual welding of electrical wires.

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धातुओं की सक्रियता श्रेणी | Activity Series Of Metals

टीप– 1. शुद्ध सोने को 24 कैरट कहा जाता है। यह बहुत नर्म होता है। इसलिए इसका प्रयोग आभूषण बनाने में नहीं किया जाता। इसे कठोर बनाकर ही आभूषण बनाये जा सकते हैं। सोने को कठोर बनाने के लिए उसमें चाँदी, ताँबा व अन्य धातुओं मिश्रित किया जाता है। भारत में अधिकांशतः आभूषण निर्मित करने के लिए 22 कैरट सोने का प्रयोग किया जाता है। 22 कैरेट से तात्पर्य है कि 22 भाग शुद्ध सोने में 2 भाग चाँदी, ताँबा अथवा अन्य धातुओं को मिश्रित किया गया है।
2. भारत के दिल्ली में कुतुबमीनार के निकट एक लौह स्तंभ खड़ा है। यह ऐतिहासिक लौह स्तंभ लगभग 400 ईसा पूर्व के दौरान लौह कर्मियों के द्वारा बनाया गया था। इसमें अभी तक जंग नहीं लगा है। इस स्तंभ को बनाने के लिए पिटवा लोहे का प्रयोग किया गया था। इस लोहे को जंग से बचाने के लिए इसकी सतह पर मैग्नेटिक ऑक्साइड की परत चढ़ाई गई थी। इस कारण यह स्तंभ जंग से सुरक्षित है। इस लौह स्तंभ की लंबाई लगभग 8 मीटर और 6 टन है।

Tip– 1. Pure gold is called 24 karat. It is very soft. Therefore it is not used for making jewellery. Jewelry can be made only by making it hard. To make gold hard, silver, copper and other metals are mixed in it. In India, 22 karat gold is mostly used for making jewellery. 22 carat means that 2 parts silver, copper or other metals have been mixed in 22 parts pure gold.
2. An iron pillar stands near the Qutub Minar in Delhi, India. This historic iron pillar was built around 400 BC by iron workers. It hasn't rusted yet. Wrought iron was used to make this pillar. To protect this iron from corrosion, its surface was coated with a layer of magnetic oxide. Due to this the pillar is protected from corrosion. The length of this iron pillar is about 8 meters and 6 tons.

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धातुओं की लवणों के विलयन और अम्लों के साथ अभिक्रियाएँ | Reactions Of Metals With Solutions Of Salts And Acids

आशा है, उपरोक्त जानकारी आपके लिए उपयोगी होगी।
धन्यवाद।
R F Temre
rfcompetition.com

I hope the above information will be useful and important.
(आशा है, उपरोक्त जानकारी उपयोगी एवं महत्वपूर्ण होगी।)
Thank you.
R F Temre
pragyaab.com

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