सहसंयोजी आबंध– कार्बन, हाइड्रोजन, ऑक्सीजन, नाइट्रोजन | Covalent Bonds
सहसंयोजी आबंध (Covalent Bonds)
दो परमाणुओं के मध्य इलेक्ट्रॉन के एक युग्म की साझेदारी से बनने वाले आबंध को 'सहसंयोजी आबंध' कहा जाता है। सहसंयोजी आबंध के फलस्वरूप बनने वाले सहसंयोजी यौगिकों के अणुओं में भीतर प्रबल आबंध होता है, किंतु इनका अंतराअणुक बल बहुत कम होता है। इस कारण सहसंयोजी यौगिकों के क्वथनांक और गलनांक कम होते हैं। चूँकि सहसंयोजी आबंध में परमाणुओं के मध्य इलेक्ट्रॉनों की साझेदारी होती है एवं आवेशित कण बनते हैं। इस कारण सहसंयोजी यौगिक विद्युत की कुचालक होते हैं। बाहरी कोश को पूरी तरह से भर देने अर्थात् उत्कृष्ट गैस विन्यास को प्राप्त करने की प्रवृत्ति के आधार पर तत्वों की अभिक्रियाशीलता को समझा जा सकता है। आयनिक यौगिक बनाने वाले तत्व अपने सबसे बाहरी कोश से इलेक्ट्रान प्राप्त करके अथवा उनका ह्रास करके यौगिकों का निर्माण करते हैं।
The bond formed by the sharing of a pair of electrons between two atoms is called 'covalent bond'. The molecules of covalent compounds formed as a result of covalent bonds have strong bonds within, but their intermolecular forces are very low. Because of this covalent compounds have low boiling points and melting points. Since in covalent bond electrons are shared between atoms and charged particles are formed. For this reason covalent compounds are poor conductors of electricity. The reactivity of elements can be understood on the basis of their tendency to completely fill the outer shell, that is, to achieve noble gas configuration. Elements that make up ionic compounds form compounds by gaining or losing electrons from their outermost shells.
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कार्बन एवं इसके भौतिक गुणधर्म | Carbon And Its Physical Properties
कार्बन में सहसंयोजी आबंध (Covalent Bond In Carbon)
कार्बन की परमाणु संख्या 6 है। कार्बन के बाहरी कोश में चार इलेक्ट्रॉन होते हैं। कार्बन को उत्कृष्ट गैस विन्यास प्राप्त करने के लिए चार इलेक्ट्रॉन प्राप्त करने अथवा खोने की जरूरत होती है। यदि कार्बन चार इलेक्ट्रान प्राप्त कर ले, तो C4- ऋणायन बन सकता है। इस परिस्थिति में छः प्रोटॉन वाले नाभिक के लिए दस इलेक्ट्रॉन अर्थात् चार अतिरिक्त इलेक्ट्रान धारण करना कठिन होगा। यदि कार्बन चार इलेक्ट्रॉन खो दे, तो C4+ धनायन बन सकता है। चार इलेक्ट्रॉनों को खोने के बाद कार्बन के छः प्रोटॉन वाले नाभिक में केवल दो इलेक्ट्रॉन शेष बचते हैं। इस परिस्थिति में दो इलेक्ट्रॉनों का कार्बन धनायन बनाने के लिए अत्यधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है। अतः स्पष्ट है कि कार्बन के यौगिक सरलता से नहीं बन पाते। कार्बन अपने अन्य परमाणुओं या अन्य तत्वों के परमाणुओं के साथ संयोजकता इलेक्ट्रॉनों की साझेदारी कर सरलता से यौगिक बना सकता है। कार्बन के अलावा अन्य तत्व भी इसी प्रकार इलेक्ट्रॉनों की साझेदारी कर यौगिकों का निर्माण करते हैं। जिन इलेक्ट्रॉनों की साझेदारी की जाती है, वे परमाणुओं के बाहरी कोश के होते हैं। इलेक्ट्रॉनों की साझेदारी के फलस्वरुप बनने वाले यौगिकों के दोनों ही परमाणु उत्कृष्ट गैस विन्यास की स्थिति प्राप्त करते हैं।
The atomic number of carbon is 6. Carbon has four electrons in its outer shell. Carbon needs to gain or lose four electrons to attain noble gas configuration. If carbon gains four electrons, the C4- anion can form. In this situation, it would be difficult for a nucleus with six protons to hold ten electrons, that is, four extra electrons. If carbon loses four electrons, C4+ cation can be formed. After losing four electrons, carbon has only two electrons left in its six proton nucleus. In this situation a lot of energy is required to make a carbon cation of two electrons. So it is clear that compounds of carbon are not easily formed. Carbon can easily form compounds by sharing valence electrons with its other atoms or atoms of other elements. Elements other than carbon also share electrons in the same way to form compounds. The electrons that are shared belong to the outer shell of the atom. Both the atoms of the compounds formed as a result of sharing of electrons attain the state of noble gas configuration.
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यशदलेपन, मिश्रातु, अमलगम, संक्षारण से सुरक्षा | Resilience, Alloy, Amalgam, Protection Against Corrosion
कार्बनिक यौगिक मेथेन (Organic Compound Methane)
मेथेन एक कार्बनिक यौगिक है। इसका प्रयोग ईंधन के रूप में किया जाता है। साथ ही यह बायोगैस और संपीडित प्राकृतिक गैस का प्रमुख घटक भी है। मेथेन कार्बन के सर्वाधिक सरल यौगिकों में से एक है। मेथेन का रासायनिक सूत्र CH4 होता है। मेथेन का निर्माण कार्बन के एक परमाणु और हाइड्रोजन के चार परमाणुओं के बीच सहसंयोजी आबंध बनने के कारण होता है। हाइड्रोजन की संयोजकता एक होती है। कार्बन चतुःसंयोजक होता है। इसमें चार संयोजकता इलेक्ट्रान होते हैं। उत्कृष्ट गैस विन्यास की स्थिति को प्राप्त करने के लिए कार्बन परमाणु के चार इलेक्ट्रान, हाइड्रोजन के चार परमाणुओं के इलेक्ट्रॉनों से साझेदारी करते हैं। फलस्वरुप सहसंयोजी आबंध बनने के कारण मेथेन यौगिक प्राप्त होता है।
Methane is an organic compound. It is used as fuel. It is also a major component of biogas and compressed natural gas. Methane is one of the simplest compounds of carbon. Methane has the chemical formula CH4. Methane is formed due to the formation of covalent bonds between one carbon atom and four hydrogen atoms. The valency of hydrogen is one. Carbon is tetravalent. It has four valence electrons. To achieve the state of noble gas configuration, the four electrons of the carbon atom share with the electrons of the four hydrogen atoms. As a result, the methane compound is obtained due to the formation of covalent bonds.
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अयस्कों से धातुओं का निष्कर्षण एवं धातुओं का परिष्करण | Extraction Of Metals From Ores And Refining Of Metals
हाइड्रोजन में सहसंयोजी आबंध (Covalent Bond In Hydrogen)
हाइड्रोजन की परमाणु संख्या एक है। इसके दो परमाणुओं के मध्य द्विआबंध का बनना दिखाई देता है। हाइड्रोजन के K कोश में एक इलेक्ट्रॉन होता है। K कोश को भरने के लिए हाइड्रोजन को एक और इलेक्ट्रॉन की जरूरत होती है। हाइड्रोजन के दो परमाणु अपने इलेक्ट्रॉनों की साझेदारी कर हाइड्रोजन अणु का निर्माण करते हैं। हाइड्रोजन अणु को H2 से प्रदर्शित करते हैं। हाइड्रोजन का प्रत्येक अणु अपने निकटतम उत्कृष्ट गैस (हीलियम) के इलेक्ट्रॉनिक विन्यास को प्राप्त करता है। हाइड्रोजन अणु के K कोश में दो इलेक्ट्रॉन उपस्थित रहते हैं। संयोजकता इलेक्ट्रॉनों को प्रदर्शित करने के लिए बिंदुओं अथवा क्रॉस का प्रयोग किया जाता है। इलेक्ट्रॉन के सहभागी युग्म हाइड्रोजन के दो परमाणुओं के मध्य एक आबंध का निर्माण करते हैं। एक आबंध को दो परमाणुओं के मध्य एक रेखा के द्वारा भी अभिव्यक्त किया जा सकता है। जैसे H–H
The atomic number of hydrogen is one. A double bond is visible between its two atoms. Hydrogen has one electron in its K shell. Hydrogen needs one more electron to fill the K shell. Two hydrogen atoms share their electrons to form a hydrogen molecule. The hydrogen molecule is represented by H2. Each molecule of hydrogen acquires the electronic configuration of its nearest noble gas (helium). Two electrons are present in the K shell of a hydrogen molecule. Dots or crosses are used to represent valence electrons. The participating pair of electrons form a bond between two hydrogen atoms. A bond can also be expressed by a line between two atoms. e.g. H–H
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धातुओं की प्राप्ति (खनिज एवं अयस्क) | Recovery Of Metals (Minerals And Ores)
ऑक्सीजन में सहसंयोजी आबंध (Covalent Bond In Oxygen)
ऑक्सीजन की परमाणु संख्या आठ है। ऑक्सीजन के परमाणु के L कोश में 6 इलेक्ट्रॉन होते हैं। इसे अपना अष्टक पूर्ण करने के लिए दो और इलेक्ट्रॉनों की जरूरत होती है। ऑक्सीजन के प्रत्येक परमाणु के दो इलेक्ट्रॉन, ऑक्सीजन के अन्य परमाणु के साथ दो इलेक्ट्रॉनों की साझेदारी करते हैं। फलस्वरुप ऑक्सीजन के दो परमाणुओं के मध्य सहसंयोजी आबंध बनने से ऑक्सीजन अणु प्राप्त होता है। ऑक्सीजन अणु को O2 से दर्शाया जाता है। ऑक्सीजन के प्रत्येक परमाणु के द्वारा प्रदान किए गए दो इलेक्ट्रॉनों से इलेक्ट्रॉनों के दो सहभागी युग्म प्राप्त होते हैं। इसे दो परमाणुओं के मध्य द्विआबंध बनना कहा जाता है। ऑक्सीजन के दो परमाणुओं के मध्य दोहरा बंध इस प्रकार है– O=O
Atomic number of oxygen is eight. An oxygen atom has 6 electrons in its L shell. It needs two more electrons to complete its octet. Two electrons from each atom of oxygen share two electrons with another atom of oxygen. As a result, an oxygen molecule is formed by the formation of covalent bonds between two oxygen atoms. The oxygen molecule is denoted by O2. Two electrons donated by each atom of oxygen yield two participating pairs of electrons. This is called the formation of a double bond between two atoms. The double bond between two oxygen atoms is as follows– O=O
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आयनिक यौगिकों के गुणधर्म | Properties Of Ionic Compounds
नाइट्रोजन में सहसंयोजी आबंध (Covalent Bond In Nitrogen)
नाइट्रोजन की परमाणु संख्या 7 है। इसके L कोश में पाँच इलेक्ट्रॉन होते हैं। इसे अपना अष्टक पूर्ण करने के लिए तीन इलेक्ट्रॉनों की आवश्यकता होती है। नाइट्रोजन के प्रत्येक परमाणु के तीन इलेक्ट्रॉन, नाइट्रोजन के अन्य परमाणु के तीन इलेक्ट्रानों से साझेदारी करते हैं। फलस्वरुप नाइट्रोजन अणु का निर्माण होता है। अष्टक पूर्ण करने के लिए नाइट्रोजन के एक अणु में नाइट्रोजन का प्रत्येक परमाणु तीन इलेक्ट्रान देता है। इससे इलेक्ट्रान के तीन सहभागी युग्म प्राप्त होते हैं। इसे दो परमाणुओं के मध्य त्रिआबंध का बनना कहते हैं। नाइट्रोजन के इलेक्ट्रॉन, बिंदु संरचना अथवा इसके त्रिआबंध के रूप में प्रदर्शित किए जाते हैं। नाइट्रोजन अणु को N2 से दर्शाया जाता है।
The atomic number of nitrogen is 7. It has five electrons in its L shell. It requires three electrons to complete its octet. Three electrons from each atom of nitrogen share with three electrons from the other atom of nitrogen. As a result nitrogen molecule is formed. Each nitrogen atom in a nitrogen molecule gives three electrons to complete the octet. This gives three participating pairs of electrons. This is called the formation of a triple bond between two atoms. Nitrogen's electrons are represented as a dot structure or its triple bond. The nitrogen molecule is denoted by N2.
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आयनिक यौगिक कैसे बनते हैं? | How Are Ionic Compounds Formed?
आशा है, उपरोक्त जानकारी आपके लिए उपयोगी होगी।
धन्यवाद।
R F Temre
rfcompetition.com
I hope the above information will be useful and important.
(आशा है, उपरोक्त जानकारी उपयोगी एवं महत्वपूर्ण होगी।)
Thank you.
R F Temre
pragyaab.com
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