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प्रारंभिक लघुचित्र– पाल शैली एवं अपभ्रंश शैली | Pala Style And Apabhramsa Style

प्रारंभिक लघुचित्र (Early Miniatures)

सूक्ष्म विवरणों वाले छोटे चित्र, लघुचित्र कहलाते हैं। इन चित्रों को कागज, ताड़ के पत्तों, कपड़ों एवं अन्य नष्टप्राय सामग्रियों पर एलबमों और पुस्तकों के लिए चित्रित किया जाता था। लगभग विशाल भित्ति चित्रों की प्रतिक्रियास्वरुप विकसित लघुचित्रों का विकास 8वीं से 12वीं शताब्दी के मध्य हुआ। इन चित्रों के विकास के लिए पूर्वी और पश्चिमी क्षेत्रों को श्रेय दिया जा सकता है। इस प्रकार लघुचित्रों की कला को दो भागों में वर्गीकृत किया जा सकता है–
1. कला की पाल शैली
2. कला की अपभ्रंश शैली।

Small pictures with fine details are called miniatures. These paintings were painted on paper, palm leaves, clothing and other perishable materials for albums and books. Miniature paintings developed almost as a reaction to the large frescoes, developed between the 8th and 12th centuries. The eastern and western regions can be credited for the development of these paintings. Thus the art of miniatures can be classified into two parts–
1. Pal Style of Art
2. Apabhramsa style of art.

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चित्रकला– रावण छाया, लेपाक्षी, जोगीमाथा, बादामी | Indian Paintings

कला की पाल शैली (Pala Style Of Art)

चित्रकला की इस शैली का विकास 750 ईस्वी से 1150 ईस्वी के मध्य हुआ। सामान्यतः ये लघुचित्र पांडुलिपियों के अंग के रूप में प्राप्त हुए हैं। अधिकांशतः इन चित्रों को ताड़पत्रों एवं चर्मपत्रों पर चित्रित किया जाता था। इन चित्रों का प्रयोग बौद्ध भिक्षुओं द्वारा किया जाता था। चूँकि उनके धर्म में समस्त प्राणियों के प्रति अहिंसा का व्यवहार किया जाता था, इसीलिए केवल केले एवं नारियल के पत्ते का प्रयोग किया जाता था।

This style of painting flourished between AD 750 and AD 1150. Generally these miniatures have been received as part of manuscripts. Most of these paintings were painted on palm leaves and parchments. These paintings were used by Buddhist monks. Since their religion practiced non-violence towards all living beings, therefore only banana and coconut leaves were used.

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चित्रकला– ऐलोरा, बाघ, अर्मामलई, चित्तानवासल | Painting– Ellora, Bagh, Armamalai, Chittanvasal

इन चित्रों की प्रमुख विशेषता लहरदार रेखाएँ एवं शांत पृष्ठभूमि है। पाल कला के इन चित्रों में अधिकांशतः एकल चित्र प्राप्त हुए हैं और कदाचित ही समूह चित्र प्राप्त हुए हैं। इन चित्रों की रचना करना बहुत आसान है। बौद्ध धर्म के विकास के लिए कई शासकों द्वारा इस शैली के लघुचित्रों को संरक्षण प्रदान किया गया। बौद्ध धर्म की वज्रयान शाखा के समर्थकों द्वारा इन चित्रों का प्रयोग किया। साथ ही उन्होंने इन चित्रों को संरक्षण दिया। धिम्मन और वितपाल नामक दो चित्रकार पाल शैली के महत्वपूर्ण चित्रकार थे।

The main feature of these pictures is the wavy lines and the calm background. In these paintings of Pala art, mostly single pictures have been found and rarely group pictures have been found. It is very easy to compose these pictures. Miniature paintings of this style were patronized by many rulers for the development of Buddhism. These images were used by supporters of the Vajrayana branch of Buddhism. At the same time he patronized these paintings. Two painters named Dhimmana and Vitpala were important painters of the Pala style.

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अजंता गुफाओं की चित्रकला (एवं जातक कथाएँ) | Painting Of Ajanta Caves (And Jataka Tales)

कला की अपभ्रंश शैली (Apabhramsa Style Of Art)

यह शैली अपने मूल रूप में राजस्थान और गुजरात के मेवाड़ क्षेत्र में पाई जाती है। यह शैली 11वीं से 15वीं शताब्दी ईस्वी के दौरान भारत के पश्चिमी क्षेत्र की सर्वप्रमुख शैली बनी रही। इन चित्रों का सामान्य विषय जैन धर्म था। इसके अतिरिक्त अन्य विषय वैष्णव पंथ से संबंधित थे। वैष्णव धर्म के समर्थकों द्वारा इन चित्रों में गीत गोविंद और धर्मनिरपेक्ष प्रेम की अवधारणा लायी गयी। इसके अलावा सभी विषय जैन ग्रंथों से प्रेरित रहे।

This style is found in its original form in Mewar region of Rajasthan and Gujarat. This style remained the dominant style in the western region of India during the 11th to 15th centuries AD. The general theme of these paintings was Jainism. Apart from this other subjects were related to Vaishnava cult. The concept of Gita Govinda and secular love were brought to these paintings by the supporters of Vaishnavism. Apart from this, all the subjects were inspired by Jain texts.

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भित्ति चित्रकला एवं लघु चित्रकला | Mural Painting & Miniature Painting

प्रारंभिक चरण में अपभ्रंश शैली के चित्रों को ताड़पत्रों पर चित्रित किया जाता था। आगे चलकर इन्हें कागज पर चित्रित किया गया। सामान्यतः इन चित्रों को सचित्र पुस्तकों के चित्र के रूप में प्रयोग किया जाता था। इससे चित्रकला की किसी नवीन शैली का विकास नहीं हुआ, बल्कि ये निचले आयाम वाले भित्ति चित्र ही थे। इन चित्रों के रंग प्रतीकात्मक अर्थ देने वाले होते थे। सामान्यतः चित्र के रंग के रूप में लाल, पीले और गेरु रंग का प्रयोग किया जाता था। आगे के चरण में उजले और सोने के रंगों का प्रयोग किया जाने लगा।

In the early phase the paintings of Apabhramsa style were painted on palm leaves. Later they were painted on paper. These pictures were commonly used as illustrations for illustrated books. This did not lead to the development of any new styles of painting, but rather low dimensional murals. The colors of these paintings were supposed to give symbolic meaning. Generally red, yellow and ocher were used as the colors of the picture. In the later stages, colors of bright and gold were used.

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प्रागैतिहासिक चित्रकला (पाषाण काल की चित्रकला) | Prehistoric Painting (Stone Age Painting)

अपभ्रंश शैली के इन चित्रों में दर्शायी गयी मानव आकृतियों की मछली के समान बाहर की ओर उभरी आँखें, तीखी नाक और दोहरी ठोढ़ी है। तीसरी और चौथी प्रोफाइल में कृशकाय चेहरे बनाने का प्रयास किया गया है। ये चित्र सामान्यतः कठोर होते थे, किंतु इनमें सावधानी के साथ अलंकरण किया गया है। पशु एवं पक्षियों को खिलौने के रूप में चित्रित किया गया है। इन चित्रों के सबसे प्रसिद्ध उदाहरण 15वीं सदी के कल्पसूत्र और कालकाचार्य कथा हैं।

The human figures depicted in these paintings in the Apabhramsa style have fish-like protruding eyes, sharp noses and double chins. The third and fourth profiles try to make up the gaunt faces. These paintings were generally rigid, but have been carefully decorated. Animals and birds are depicted as toys. The most famous examples of these paintings are the 15th century Kalpasutra and the Kalakacharya Katha.

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भीमबेटका शैल चित्रकलाएँ | Bhimbetka Rock Paintings

आशा है, उपरोक्त जानकारी आपके लिए उपयोगी होगी।
धन्यवाद।
R F Temre
rfcompetition.com

I hope the above information will be useful and important.
(आशा है, उपरोक्त जानकारी उपयोगी एवं महत्वपूर्ण होगी।)
Thank you.
R F Temre
pragyaab.com

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