An effort to spread Information about acadamics

Blog / Content Details

विषयवस्तु विवरण



कबीर दास का जीवन परिचय एवं काव्यगत विशेषताएँ

  • BY:
     RF competition
  • Posted on:
    December 12, 2021

कबीर दास का जीवन परिचय

कबीर दास का जन्म संवत् 1455 (सन् 1398) में काशी (उत्तर प्रदेश) में हुआ था। कबीर दास का पालन-पोषण एक जुलाहा परिवार द्वारा किया गया था। इस कारण कबीर ने स्वयं भी जुलाहे का व्यवसाय स्वीकार कर लिया था। कबीर के गुरु का नाम 'रामानंद' था। उन्होंने अपने गुरु से राम-नाम की शिक्षा प्राप्त की थी। कबीर ने गृहस्थ जीवन व्यतीत किया था। उनकी पत्नी का नाम लोई था। उनके पुत्र का नाम कमाल और पुत्री का नाम कमाली था। कबीर पढ़े-लिखे नहीं थे। उन्होंने साधु-संतों की संगति से ज्ञान प्राप्त किया था। कबीर ने अंधविश्वासों एवं रुढ़ियों का कठोर विरोध किया था। प्राचीन समय में यह धारणा थी, कि काशी में मृत्यु होने पर स्वर्ग प्राप्त होता है और मगहर में मृत्यु होने पर नर्क प्राप्त होता है। इस रूढ़ि विचारधारा को कबीर ने गलत साबित कर दिया था। उन्होंने अपने जीवन के अंतिम दिनों को मगहर में व्यतीत किया था। संवत् 1575 (सन् 1518) में 120 वर्ष की आयु में कबीर दास की मृत्यु हो गई थी।

हिन्दी के इन 👇 प्रकरणों को भी पढ़िए।
उपन्यास क्या है? | उपन्यास का इतिहास एवं प्रमुख उपन्यासकार

रचनाएँ

कबीर दास की एकमात्र प्रमाणिक रचना 'बीजक' है। बीजक के तीन प्रमुख भाग हैं। ये भाग निम्नलिखित हैं–
1. साखी
2. सबद
3. रमैनी।

हिन्दी के इन 👇 प्रकरणों को भी पढ़िए।
सच्चिदानन्द हीरानन्द वात्स्यायन 'अज्ञेय' का जीवन परिचय

भावपक्ष

कबीर दास ने समाज में व्याप्त कर्मकांड, आडम्बरपूर्ण आचार व्यवहार और रूढ़िवादी विचारधाराओं का कठोर विरोध किया था। कबीर शास्त्रीय ज्ञान की तुलना में अनुभव को अधिक महत्व देते थे। उनका मानना था कि ब्रह्म एक है। समाज में जो कुछ भी दिखाई देता है, वह माया और मिथ्या (झूठ) है। कबीर ने माया का मानवीकरण कर उसे कंचन और कामिनी का पर्याय बताया है। कबीर के ब्रह्म अरूप, अनाम, अनुपम सूक्ष्म तत्व हैं। वे उन्हें राम नाम से पुकारते थे। कबीर ने ब्रह्म को अवतार में प्रतिष्ठित नहीं किया था। उन्होंने ब्रह्म को प्रतीकों में स्थापित किया था। कबीर ज्ञान की उत्कृष्टा में विश्वास रखते थे। उन्होंने आत्मा और परमात्मा के मिलन से संबंधित भावनाओं को अपनी कविता में प्रस्तुत किया है। यहीं पर कबीर दास का रहस्यवाद है। कबीर उच्च कोटी के समाज सुधारक और क्रांतिकारी युगद्रष्टा थे। उन्होंने समाज की बुराइयों को दूर करने का प्रयास किया और आदर्श जीवन व्यतीत करने के लिए लोगों को उपदेश दिए। कबीर ने सभी धर्मों के समन्वय का संदेश दिया था। साथ ही उन्होंने धर्मों की अभिन्नता को प्रस्तुत किया था। कबीर के काव्य का प्रमुख रस शांत रस है। इसके अलावा श्रृंगार रस का भी प्रयोग किया गया है। कबीर दास के आदर्श विचारों का आधार एक 'सन्त संप्रदाय' था। कबीरदास के अलावा इस सम्प्रदाय के प्रमुख सन्त कवि निम्नलिखित थे–
1. सुंदर दास
2. गरीब दास
3. चरन दास
4. दादू।

हिन्दी के इन 👇 प्रकरणों को भी पढ़िए।
एकांकी क्या है? | एकांकी का इतिहास एवं प्रमुख एकांकीकार

कलापक्ष

कबीरदास की भाषा सधुक्कड़ी (पूरवी जनपद) है। उन्होंने व्यवहारिक बोलचाल के शब्दों का भी प्रयोग किया है। कबीर ने मुख्य रूप से पंजाबी, राजस्थानी, उर्दू, फारसी आदि भाषाओं के शब्दों का प्रयोग किया है। कबीर ने अध्यात्म के मर्म को समझाया है। इसके लिए उन्होंने रूपक, प्रतीकों और उलटबांसियों का प्रयोग किया है। कबीर की शैली में सहजता, सजीवता और निर्द्वन्द्वता है। उनके काव्य में विरोधाभास, दुर्बोधता व व्यंग्य का तीखापन परिलक्षित होता है। कबीर ने सहज रूप से अलंकारों का प्रयोग किया है। उनके द्वारा प्रयुक्त प्रमुख अलंकार रूपक, उपमा, सांगरूपक, रूपकातिशयोक्ति, उत्प्रेक्षा, अन्योक्ति, विरोधाभास आदि हैं। कबीर ने छन्दों का भी प्रयोग किया है। कबीर द्वारा प्रयोग किए गए प्रमुख छंद दोहा, पद, चौपाई आदि हैं। इन छन्दों के अलावा कबीर ने कहरवा छंद का भी प्रयोग किया है।

हिन्दी के इन 👇 प्रकरणों को भी पढ़िए।
जयशंकर प्रसाद का जीवन परिचय एवं काव्यगत विशेषताएँ

साहित्य में स्थान

कबीर दास ने अपने काव्य के माध्यम से जीवन सत्य का उद्घाटन किया है। कबीर "ज्ञानमार्गी निर्गुण भक्ति धारा" के प्रतिनिधि कवि हैं। उन्होंने अपने जीवन के अनुभवों के आधार पर काव्य रचना की है। वे युगदृष्टा और युगसृष्टा दोनों ही थे। समाज सुधारक और युग निर्माता कबीर दास हिंदी काव्य जगत के महत्वपूर्ण कवि हैं। कबीर ने समाज के दोषों को दूर करने का सफल प्रयास किया था। सच्चे अर्थों में वे एक आदर्श कवि थे। हिंदी साहित्य के प्रमुख कवियों में कबीर दास का महत्वपूर्ण स्थान है।

हिन्दी के इन 👇 प्रकरणों को भी पढ़िए।
सूरदास का जीवन परिचय एवं काव्यगत विशेषताएँ

आशा है, उपरोक्त जानकारी आपके लिए उपयोगी होगी।
धन्यवाद।
R F Temre
rfcompetition.com



आशा है, उपरोक्त जानकारी उपयोगी एवं महत्वपूर्ण होगी।
(I hope the above information will be useful and important. )
Thank you.

R. F. Tembhre
(Teacher)
pragyaab.com

  • Share on :

Comments

Leave a reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may also like

मजदूर दिवस - इतिहास, महत्व और श्रमिक कल्याण की दिशा में पहल | श्रमिकों के संघर्ष, अधिकार और सम्मान का वैश्विक प्रतीक दिवस

1 मई को मनाया जाने वाला मजदूर दिवस श्रमिकों की मेहनत, बलिदान और अधिकारों के लिए समर्पित एक जागरूकता और प्रेरणा का प्रतीक दिवस है।

Read more

कुँआ, बोरवेल या बावड़ी का पानी ठंडी में गरम एवं गर्मी में ठंडा क्यों लगता है? | Why does the water of a well, borewell or stepwell feel hot in winter and cold in summer?

इस लेख में कुँआ, बोरवेल या बावड़ी का पानी ठंडी में गरम एवं गर्मी में ठंडा क्यों लगता है? (Why does the water of a well, borewell or stepwell feel hot in winter and cold in summer?) की जानकारी दी गई है।

Read more

मॉडल आंसर शीट विषय- गणित कक्षा 4थी (प्रश्न सहित उत्तर) अर्द्धवार्षिक मूल्यांकन 2023-24 Set-A | Model Answer Sheet

इस भाग में मॉडल आंसर शीट विषय- गणित कक्षा 4थी (प्रश्न सहित उत्तर) अर्द्धवार्षिक मूल्यांकन 2023-24 (हिन्दी माध्यम) की दी गई है।

Read more

Follow us

subscribe

Note― अपनी ईमेल id टाइप कर ही सब्सक्राइब करें। बिना ईमेल id टाइप किये सब्सक्राइब नहीं होगा।