संसार की पहली दीपावली कैसे मनायी गयी थी? | How Was The World's First Diwali Celebrated?
आदिकवि वाल्मीकि ने रामायण (महाकाव्य) की रचना की है। इसके बाद अनेक लोगों ने भगवान श्री राम की कथाओं की रचनाएँ की। इस प्रकार संसार की सभी रामकथाएँ अस्तित्व में आयीं। इन्हीं कथाओं के माध्यम से दीपावली की जानकारी मिलती है। संसार की पहली दीपावली मनाने के लिए अयोध्यावासियों ने बहुत सी तैयारियाँ की थी। श्री राम, माँ सीता और लक्ष्मण जी के भव्य स्वागत के लिए तैयारियाँ की गई थी। संसार की पहली दीपावली अयोध्या में मनायी गयी थी। दीपावली कार्तिक मास की अमावस्या को मनायी जाती है।
Adikavi Valmiki has composed Ramayana (Epic). After this many people composed the stories of Lord Shri Ram. In this way all the Ramayana stories of the world came into existence. It is through these stories that information about Diwali is obtained. The people of Ayodhya had made many preparations to celebrate the world's first Deepawali. Preparations were made for the grand welcome of Shri Ram, Mother Sita and Lakshman ji. The world's first Deepawali was celebrated in Ayodhya. Diwali is celebrated on the new moon of Kartik month.
सामान्य ज्ञान के इन 👇 प्रकरणों को भी पढ़ें। (Also read these 👇 episodes of General Knowledge.)
बाल सफेद क्यों हो जाते हैं? | सफेद बालों का उपचार || Why Does Hair Turn White?
संसार की पहली दीपावली इस प्रकार मनायी गयी थी (The World's First Deepawali Was Celebrated In This Way)–
सर्वप्रथम हनुमान जी ने अयोध्या में जाकर भरत जी को श्री राम, माँ सीता और लक्ष्मण जी के आगमन का संदेश दिया था। इस शुभ समाचार को सुनकर भरत जी बहुत प्रसन्न हुए। उन्होंने यह संदेश शत्रुघ्न जी को दिया। भरत जी ने नगरवासियों को सभी कुलदेवताओं के मंदिरों और साधारण देव मंदिरों की सजावट करने का आदेश दिया। नगरवासियों ने इस आदेश का पालन किया। ढोल और बाजे के साथ उत्सव मनाये गये। अयोध्यावासियों ने पवित्र होकर मंदिरों में पूजा की। बहुत सारे दीपक जलाये गये थे।
First of all Hanuman ji went to Ayodhya and gave the message of the arrival of Shri Ram, Mother Sita and Lakshman ji to Bharat ji. Bharat ji was very pleased to hear this good news. He gave this message to Shatrughan ji. Bharat ji ordered the townspeople to decorate the temples of all the Kuldevtas and the ordinary Dev temples. The townspeople obeyed this order. Festivities were celebrated with drums and musical instruments. The people of Ayodhya became holy and worshiped in the temples. Many lamps were lit.
सामान्य ज्ञान के इन 👇 प्रकरणों को भी पढ़ें। (Also read these 👇 episodes of General Knowledge.)
'गर्म पानी' पीने के फायदे | Benefits Of Drinking 'Hot Water'
श्री राम, माँ सीता और लक्ष्मण जी के स्वागत के लिए मार्गों की सजावट गयी थी। शत्रुघ्न जी ने कई हज़ार कारीगरों को नंदीग्राम से अयोध्या के बीच की सड़क को ठीक करने का आदेश दिया। इस आदेश का पालन किया गया। हिम के समान शीतल जल का सड़कों पर छिड़काव किया गया। इसके बाद सड़कों पर फूल एवं लाजा (चावल) बिखेर दिये गये।
Roads were decorated to welcome Shri Ram, Mother Sita and Lakshman ji. Shatrughan ordered several thousand artisans to repair the road between Nandigram to Ayodhya. This order was followed. Cold water like snow was sprinkled on the roads. After this flowers and Laja (rice) were scattered on the streets.
सामान्य ज्ञान के इन 👇 प्रकरणों को भी पढ़ें। (Also read these 👇 episodes of General Knowledge.)
चमत्कारी औषधि 'मेथी' | मेथी खाने के फायदे || Miracle Medicine 'Fenugreek'
अयोध्या नगर को पूर्णतः सजाया गया था। अयोध्या की सभी सड़कों पर झंडियाँ लगायी गयी थीं। सूर्योदय होने से पहले ही अयोध्यापुरी के सभी भवनों को मोती के गुच्छों, फूल मालाओं, सुगंधित पाँच रंग के पदार्थों के चूर्ण आदि से सजाया गया था। राजमार्ग पर जगह-जगह पर सुन्दर सजावट की गयी थी। बहुत सी सुन्दर रंगोलियाँ (रंगबिरंगे चौक) बनायी गयी थीं। पूरे राजमार्ग पर श्री राम, माँ सीता और लक्ष्मण जी के स्वागत के लिए सैकड़ों मनुष्य पंक्तिबद्ध खड़े थे।
Ayodhya city was fully decorated. Flags were put up on all the roads of Ayodhya. Before sunrise, all the buildings of Ayodhyapuri were decorated with bunches of pearls, garlands of flowers, powders of fragrant five colored substances, etc. Beautiful decorations were done at various places on the highway. Many beautiful rangolis (coloured squares) were made. Hundreds of people lined up across the highway to welcome Shri Ram, Maa Sita and Lakshman ji.
सामान्य ज्ञान के इन 👇 प्रकरणों को भी पढ़ें। (Also read these 👇 episodes of General Knowledge.)
बादाम खाने के फायदे | Benefits Of Eating Almonds
श्री रामचन्द्र जी ने पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण के साथ श्रेष्ठ घोड़ों के रथ पर सवार होकर अयोध्या की ओर प्रस्थान किया। उनके रथ के सारथी भरत जी थे। शत्रुघ्न जी ने श्री रामचंद्र जी के ऊपर छत्र ताना था। लक्ष्मण जी भी श्री राम की सेवा में लगे हुए थे।
Shri Ramchandra ji, along with wife Sita and brother Lakshmana, left for Ayodhya in a chariot of noble horses. The charioteer of his chariot was Bharat ji. Shatrughan ji had taunted an umbrella over Shri Ramchandra ji. Lakshman ji was also engaged in the service of Shri Ram.
सामान्य ज्ञान के इन 👇 प्रकरणों को भी पढ़ें। (Also read these 👇 episodes of General Knowledge.)
हमारे लिए भोजन क्यों आवश्यक है? | पौधों एवं जन्तुओं में पोषण || Explain Nutrition
अयोध्या में भगवान श्री राम, माँ सीता और लक्ष्मण जी के स्वागत के लिए बहुत सी तैयारियाँ की गयीं। जुलूस निकाले गए। जुलूस में आगे-आगे नगाड़े, करताल, बाजे आदि वाले चल रहे थे। सुन्दर मङ्गलसूचक गान गाये जा रहे थे। अयोध्या नगर के घरों को पताकाओं से सजाया गया था। लड्डू लिए कुछ लोग भी श्री राम जी के आगे-आगे चल रहे थे। इस प्रकार संसार की पहली दीपावली मनायी गयी थी।
Many preparations were made to welcome Lord Shri Ram, Mother Sita and Lakshman ji in Ayodhya. Processions were taken out. In the procession, there were drums, kartals, instruments etc. going ahead. Beautiful auspicious songs were being sung. The houses of Ayodhya city were decorated with flags. Some people were also walking in front of Shri Ram ji carrying laddus. Thus the world's first Deepawali was celebrated.
सामान्य ज्ञान के इन 👇 प्रकरणों को भी पढ़ें। (Also read these 👇 episodes of General Knowledge.)
शिक्षा क्या है? | शिक्षा के प्रकार || What Is Education? | Type Of Education
I hope the above information will be useful and important.
(आशा है, उपरोक्त जानकारी उपयोगी एवं महत्वपूर्ण होगी।)
Thank you.
R F Temre
pragyaab.com
Comments