मात्रक किसे कहते हैं? | किसी भौतिक राशि का मापन कैसे किया जाता है? || Information About Units And Measurement
मात्रक (Units)
किसी भौतिक राशि के मापन के लिए स्वेच्छा से चुने गये किसी निश्चित परिमाण या मानक को उस भौतिक राशि का 'मात्रक' कहा जाता है।
जैसे– लंबाई का मात्रक मीटर, द्रव्यमान का मात्रक किलोग्राम, समय का मात्रक सेकण्ड, बल का मात्रक न्यूटन, ताप का मात्रक केल्विन, विद्युत धारा का मात्रक एम्पियर आदि।
A definite quantity or standard voluntarily chosen for the measurement of a physical quantity is called a 'unit' of that physical quantity.
Eg– The unit of length is meter, the unit of mass is kilogram, the unit of time is second, the unit of force is Newton, the unit of heat is Kelvin, the unit of electric current is Ampere etc.
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मापन कैसे किया जाता है? (How Is Measurement Done?)
मापन को समझने के लिए कुछ भौतिक राशियों को लेते हैं–
1. लम्बाई– लम्बाई का मात्रक 'मीटर' है।
15 मीटर = 15 × 1 मीटर
यहाँ पर, 15 मीटर लम्बाई दिये गये मात्रक (1 मीटर) की 15 गुनी है।
2. द्रव्यमान– द्रव्यमान का मात्रक 'किलोग्राम' है।
20 किलोग्राम = 20 × 1 किलोग्राम
यहाँ पर, 20 किलोग्राम द्रव्यमान दिये गये मात्रक (1 किलोग्राम) का 20 गुना है।
3. बल– बल का मात्रक 'न्यूटन' है।
50 न्यूटन = 50 × 1 न्यूटन
यहाँ पर, 50 न्यूटन बल दिये गये मात्रक (1 न्यूटन) का 50 गुना है।
Let's take some physical quantities to understand measurement–
1. Length– The unit of length is 'meter'.
15 m = 15 × 1 m
Here, the length of 15 meters is 15 times of the given unit (1 metre).
2. Mass– The unit of mass is 'kg'.
20 kg = 20 × 1 kg
Here, the mass of 20 kg is 20 times the given unit (1 kg).
3. Force– The unit of force is 'Newton'.
50 Newton = 50 × 1 Newton
Here, 50 Newton force is 50 times the given unit (1 Newton).
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मात्रकों के प्रकार (Types Of Units)
मात्रक मुख्य रूप से तीन प्रकार के होते हैं–
1. मूल मात्रक
2. व्युत्पन्न मात्रक
3. पूरक मात्रक।
There are mainly three types of units–
1. Basic Unit
2. Derived Unit
3. Complementary units.
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मूल मात्रक (Fundamental Units)
मूल राशियों के मात्रकों को 'मूल मात्रक' कहा जाता है। ये मात्रक एक-दूसरे से स्वतंत्र होते हैं। इन्हें व्यक्त करने के लिए अन्य मात्रकों की आवश्यकता नहीं होती। मूल मात्रकों की संख्या सात है।
उदाहरण– मीटर, किलोग्राम, सेकण्ड, केल्विन, एम्पियर, केण्डिला, मोल।
मूल मात्रकों का प्रयोग भौतिक राशियों के मानकों के रूप में किया जाता है। प्रारंभ में केवल मीटर, किलोग्राम और सेकण्ड को ही मूल मात्रक माना जाता था। आगे चलकर इस श्रेणी में एम्पियर, केल्विन, केण्डिला और मोल को भी सम्मिलित किया गया।
The units of basic quantities are called 'basic units'. These units are independent of each other. No other units are needed to express them. The number of basic units is seven.
Example– Meter, Kilogram, Second, Kelvin, Ampere, Candilla, Mole.
Basic units are used as standards for physical quantities. Initially only the meter, kilogram and second were considered as the basic units. Later on, ampere, kelvin, candila and mole were also included in this category.
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व्युत्पन्न मात्रक (Derived Units)
व्युत्पन्न राशियों के मात्रकों को 'व्युत्पन्न मात्रक' कहा जाता है। इन्हें मूल मात्रकों की सहायता से व्यक्त किया जाता है। ये मात्रक एक-दूसरे से स्वतंत्र नहीं होते हैं।
उदाहरण– विस्थापन, वेग, त्वरण, चाल, कोणीय विस्थापन, कोणीय वेग, संवेग, आवेग, कार्य, ऊर्जा, शक्ति, दाब, घनत्व, आयतन, क्षेत्रफल, बल, भार, जड़त्व आघूर्ण, चुम्बकीय क्षेत्र, विद्युत क्षेत्र, चुम्बकन तीव्रता, विद्युत तीव्रता आदि भौतिक राशियों के मात्रक।
Units of derived quantities are called 'Derived units'. These are expressed with the help of basic units. These units are not independent of each other.
Examples– Units of physical quantities like displacement, velocity, acceleration, speed, angular displacement, angular velocity, momentum, impulse, work, energy, power, pressure, density, volume, area, force, weight, moment of inertia, magnetic field, electric field, magnetization intensity, electric intensity etc.
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पूरक मात्रक (Supplementary Units)
पूरक राशियों के मात्रकों को 'पूरक मात्रक' कहा जाता है। ये न तो मूल मात्रक होते हैं और न ही व्युत्पन्न मात्रक। पूरक मात्रकों की संख्या दो है।
उदाहरण– समतल कोण का मात्रक रेडियन और घन कोण का मात्रक स्टेरेडियन है।
The units of complementary quantities are called 'complement units'. These are neither fundamental units nor derived units. The number of complementary units is two.
Example– The unit of plane angle is radian and the unit of cubic angle is steradian.
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मात्रकों की पद्धति (System Of Units)
मूल मात्रकों और व्युत्पन्न मात्रकों के सम्मिलित रूप को 'मात्रकों की पद्धति' कहा जाता है। मात्रकों की प्रमुख पद्धतियाँ निम्नलिखित हैं–
1. MKS पद्धति (मीटर किलोग्राम सेकण्ड)– मात्रकों की इस पद्धति में लम्बाई का मात्रक मीटर, द्रव्यमान का मात्रक किलोग्राम और समय का मात्रक सेकण्ड होता है। इससे 'मीट्रिक पद्धति' भी कहा जाता है।
2. CGS पद्धति (सेन्टीमीटर ग्राम सेकण्ड)– मात्रकों की इस पद्धति में लम्बाई का मात्रक सेन्टीमीटर, द्रव्यमान का मात्रक ग्राम और समय का मात्रक सेकण्ड होता है। इस पद्धति को 'गॉशियन पद्धति' और 'डेसीमल पद्धति' भी कहा जाता है।
3. FPS पद्धति (फुट पाउण्ड सेकण्ड)– मात्रकों की इस पद्धति में लम्बाई का मात्रक फुट, द्रव्यमान का मात्रक पाउण्ड और समय का मात्रक सेकण्ड होता है। इस पद्धति को 'ब्रिटिश पद्धति' भी कहा जाता है।
4. अंतर्राष्ट्रीय मानक पद्धति (S.I. पद्धति)– सन् 1960 ईस्वी में माप-तौल की अंतरराष्ट्रीय समिति ने मात्रकों की एक पद्धति निश्चित की। इसे अंतर्राष्ट्रीय मानक पद्धति या S.I. पद्धति कहा जाता है। इस पद्धति को MKS पद्धति को विकसित कर बनाया गया है। इस पद्धति में सात मूल राशियाँ और दो पूरक राशियाँ होती हैं।
मूल राशियाँ– लम्बाई, द्रव्यमान, समय, विद्युत धारा, ताप, ज्योति तीव्रता, पदार्थ की मात्रा।
पूरक राशियाँ– समतल कोण और घन कोण।
The combined form of basic units and derived units is called 'system of units'. Following are the major systems of units–
1. MKS System (Meter Kilogram-Second)– In this system of units the unit of length is meter, the unit of mass is kilogram and the unit of time is second. This is also called 'metric method'.
2. CGS System (Centimeter Gram Second)– In this system of units the unit of length is centimeter, the unit of mass is gram and the unit of time is second. This method is also called 'Gaussian method' and 'Decimal method'.
3. FPS System (Foot Pound-Second)– In this system of units, the unit of length is the foot, the unit of mass is the pound and the unit of time is the second. This method is also called 'British Method'.
4. International Standard System (S.I. Method)– In 1960 AD, the International Committee of Measures and Measures determined a system of units. It is called the International Standard Method or S.I. method. This method has been developed by developing the MKS method. In this method there are seven basic signs and two complementary signs.
Fundamental Quantities– Length, Mass, Time, Electric Current, Temperature, Light Intensity, Quantity of Matter.
Complementary Quantities– Plane Angles and Cubic Angles.
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I hope the above information will be useful and important.
(आशा है, उपरोक्त जानकारी उपयोगी एवं महत्वपूर्ण होगी।)
Thank you.
R F Temre
pragyaab.com
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