एटग्रेड प्रश्न– 'विहार' से क्या आशय है? | What Is Meant By 'Vihara'?
जैन और बौद्ध धर्म के भिक्खु और भिक्खुणियों के स्थायी निवास स्थलों को 'विहार' कहा जाता था। ये विहार विभिन्न स्थानों पर बनाये जाते थे। विहार, पहाड़ों को काटकर बनायी गई गुफाओं, प्राकृतिक गुफाओं, उद्यान आदि निवास स्थलों के रूप में होते थे। जैन और बौद्ध धर्म के भिक्खु और भिक्खुणी विभिन्न स्थानों की यात्रा करने के बाद विहारों में शरण लेते थे। जब यात्रा कठिन हो जाती थी, तब ये भिक्खु और भिक्खुणी विहारों में स्थायी रूप से निवास करते थे। सामान्यतः वर्षा ऋतु में भिक्खु और भिक्खुणी इन विहारों का प्रयोग निवासस्थल के रूप करते थे।
The permanent residence of bhikkhus and bhikkhunis of Jainism and Buddhism were called 'Vihara'. These viharas were built at different places. Viharas, caves carved out of mountains, natural caves, gardens, etc. were in the form of dwelling places. The bhikkhus and bhikkhunis of Jainism and Buddhism took refuge in viharas after traveling to different places. When the journey became difficult, these bhikkhus and bhikkhunis resided permanently in monasteries. Generally, bhikkhus and bhikkhunis used these viharas as their residence during the rainy season.
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आज से लगभग 2500 वर्ष पहले (500 ईसा पूर्व) जैन और बौद्ध धर्म के भिक्खु और भिक्खुणी वर्ष भर एक स्थान से दूसरे स्थान घूमते रहते थे। वे लोगों को उपदेश देते थे। जब वर्षा ऋतु आती थी, तब इन भिक्खु और भिक्खुणियों के लिए यात्रा कर पाना कठिन हो जाता था। ऐसी स्थिति में उन्हें एक स्थान पर निवास करना पड़ता था। इस कारण बौद्ध और जैन धर्म के अनुयायियों ने भिक्खु और भिक्खुणियों के लिए उद्यान बनवाये। इन उद्यानों में भिक्खु और भिक्खुणी स्थायी रूप से निवास करते थे। इसके अतिरिक्त ये भिक्खु और भिक्खुणी पहाड़ी क्षेत्रों की प्राकृतिक गुफाओं में भी निवास करते थे। इन गुफाओं को भी विहार कहा जाता था।
About 2500 years ago (500 BCE) bhikkhus and bhikkhunis of Jainism and Buddhism used to move from place to place throughout the year. He used to preach to the people. When the rainy season came, it became difficult for these bhikkhus and bhikkhunis to travel. In such a situation they had to stay at one place. For this reason the followers of Buddhism and Jainism built gardens for bhikkhus and bhikkhunis. Bhikkhu and bhikkhuni lived permanently in these gardens. Apart from this, these bhikkhus and bhikkhunis also lived in the natural caves of the hill areas. These caves were also called Viharas.
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आगे चलकर भिक्खु-भिक्खुणियों और उनके समर्थकों ने स्थायी शरण स्थलों का निर्माण करवाया। इन शरणस्थलों को 'विहार' कहा जाता था। प्रारम्भिक विहार लकड़ी से निर्मित किये जाते थे। आगे चलकर इनके निर्माण के लिए ईटों का प्रयोग किया जाने लगा था। भारत के पश्चिमी क्षेत्रों की कुछ पहाड़ियों को खोदकर गुफाएँ बनायी गईं थी। ये गुफाएँ विहार का एक उदाहरण हैं। सामान्यतः किसी धनवान व्यापारी, राजा या भूस्वामी के द्वारा दान की गई भूमि पर विहार बनाए जाते थे। विहार के आस-पास निवास करने वाले व्यक्तियों द्वारा भिक्खु और भिक्खुणियों के लिए भोजन, वस्त्र, दवाइयाँ आदि की व्यवस्था कर दी जाती थी। इसके बदले भिक्खु और भिक्खुणी लोगों को शिक्षा देते थे।
Later on the bhikkhus and their supporters built permanent shelters. These refuges were called 'viharas'. The early viharas were built of wood. Later on, bricks were used for their construction. Caves were made by digging some hills in the western regions of India. These caves are an example of Vihara. Viharas were usually built on land donated by a wealthy merchant, king or landowner. Food, clothing, medicines, etc. were arranged for the bhikkhus and bhikkhunis by the people residing around the vihara. Instead bhikkhus and bhikkhunis used to teach people.
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R F Temre
pragyaab.com
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