मानव जीवन में ऊर्जा स्त्रोतों का महत्व | Importance Of Energy Sources In Human Life
किसी भी कार्य को करने के लिए हमें ऊर्जा की आवश्यकता होती है। इस तथ्य को उपरोक्त उदाहरणों के माध्यम से समझा जा सकता है–
1. भोजन बनाने के लिए ऊष्मीय ऊर्जा की जरूरत होती है।
2. कार, मोटर, स्कूटर आदि वाहनों को चलाने के लिए रासायनिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है।
3. कारखानों को चलाने के लिए विद्युत ऊर्जा की आवश्यकता होती है।
We need energy to do any work. This fact can be understood through the above examples–
1. Heat energy is required to make food.
2. Chemical energy is required to run vehicles like cars, motors, scooters etc.
3. Electrical energy is required to run factories.
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वर्णक क्या है? | What Is Pigment?
"ऊर्जा को न तो उत्पन्न किया जा सकता है और न ही नष्ट किया जा सकता है। एक प्रकार की ऊर्जा को दूसरे प्रकार की ऊर्जा में रूपान्तरित किया जा सकता है।" इसे 'ऊर्जा संरक्षण का सिद्धांत' कहा जाता है।
"Energy can neither be created nor destroyed. One type of energy can be transformed into another type of energy." This is called 'Theory of Conservation of Energy'.
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वस्तुएँ रंगीन क्यों दिखाई देती हैं? | Why Do Objects Appear Colourful?
हम कई शताब्दियों से ऊर्जा स्रोतों का प्रयोग करते आ रहे हैं। ऊर्जा स्रोतों प्रकार के होते हैं–
1. परम्परागत ऊर्जा स्रोत
2. गैर परम्परागत ऊर्जा स्रोत।
We have been using energy sources for many centuries. The types of energy sources are–
1. Conventional Energy Source
2. Non-conventional energy sources.
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ऊर्जा के पारंपरिक और गैर-पारंपरिक स्रोत | Conventional And Non-Conventional Sources Of Energy
मनुष्य, लकड़ी, पशु, जल विद्युत, जीवाश्म ईंधन, तापीय ऊर्जा आदि परम्परागत ऊर्जा स्रोतों के उदाहरण हैं। विश्व में औद्योगिक क्रान्ति के पश्चात् जीवाश्म ईंधन अर्थात् कोयला, पेट्रोल, डीजल आदि का व्यापक स्तर पर प्रयोग प्रारम्भ हुआ। वर्तमान में औद्योगीकरण का तेजी से विकास हो रहा है। अतः ऊर्जा स्रोतों की माँग बढ़ गई है। इस कारण ऊर्जा के परम्परागत स्रोतों के अलावा अन्य स्रोतों (गैर परम्परागत ऊर्जा स्रोत) के प्रयोग की भी आवश्यकता है। सौर ऊर्जा, जल ऊर्जा, बायो गैस, पवन ऊर्जा आदि गैर परम्परागत ऊर्जा स्रोत के उदाहरण हैं।
Man, wood, animals, hydropower, fossil fuels, thermal energy, etc. are examples of conventional energy sources. After the industrial revolution in the world, the use of fossil fuels i.e. coal, petrol, diesel etc. started on a large scale. At present, industrialization is developing rapidly. Hence the demand for energy sources has increased. For this reason, apart from conventional sources of energy, there is also a need to use other sources (non-conventional energy sources). Examples of non-conventional energy sources are solar energy, hydro energy, bio gas, wind energy etc.
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पूरक वर्ण (रंग) क्या होते हैं? | What Are Complementary Colours?
I hope the above information will be useful and important.
(आशा है, उपरोक्त जानकारी उपयोगी एवं महत्वपूर्ण होगी।)
Thank you.
R F Temre
pragyaab.com
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