संस्मरण क्या है? | प्रमुख संस्मरण लेखक एवं उनकी रचनाएँ
संस्मरण की परिभाषा
'संस्मरण' का शाब्दिक अर्थ है– 'सम्यक् स्मरण'। "जब लेखक अनुभूत की गई घटनाओं का अथवा किसी व्यक्ति या वस्तु का मार्मिक वर्णन अपनी स्मृति के आधार पर करता है, तो वह संस्मरण कहलाता है।"
वास्तव में संस्मरण कथा न होकर कथाभास है। संस्मरण में इतिहास का परिवेश अनिवार्यतः होता है। यह गद्य विधा आत्मकथा और निबन्ध के मध्य की विधा होती है। इसमें लेखक के दृष्टिकोण की प्रधानता होती है। वर्तमान समय में संस्मरण ने गद्य की विधाओं में विशेष स्थान प्राप्त किया है। प्रेमचन्द युग में संस्मरण साहित्य का प्रादुर्भाव हुआ था।
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प्रमुख संस्मरण लेखक
'पद्म सिंह शर्मा' को हिन्दी का प्रथम संस्मरण लेखक माना गया है। उन्होंने 'अकबर इलाहाबादी' और 'कविरत्न सत्यनारायण' पर संस्मरण प्रस्तुत किए थे। 'गोपालकृष्ण गोखले' पर महात्मा गांधी ने संस्मरण लिखे थे।
हिन्दी साहित्य के प्रमुख संस्मरण लेखक एवं उनकी रचनाएँ निम्नलिखित हैं–
1. शिवरानी देवी– प्रेमचन्द घर में
2. उपेन्द्रनाथ अश्क– मण्टोः मेरा दुश्मन
3. महादेवी वर्मा– पथ के साथी
4. अमृतलाल नागर– जिनके साथ जिया
5. सेठ गोविन्द दास– स्मृति कण
6. विनोद शंकर व्यास– उनकी स्मृतियाँ
7. डॉ. नगेन्द्र– चेतना के बिम्ब
8. जगदीश चंद्र माथुर– दस तस्वीरें
9. बलराज साहनी– यादों के झरोखे।
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1. यह तन काँचा कुम्भ है – कबीर दास
2. नाम अजामिल-से खल कोटि – गोस्वामी तुलसीदास
3. एहि घाटतें थोरिक दूरि अहै– गोस्वामी तुलसीदास
4. रावरे दोषु न पायन को – गोस्वामी तुलसीदास
5. प्रभुरुख पाइ कै, बोलाइ बालक घरनिहि – गोस्वामी तुलसीदास
हिन्दी साहित्य के अन्य प्रमुख संस्मरण लेखक निम्नलिखित हैं–
1. प्रेमनारायण टण्डन
2. गोपाल राम गहमरी
3. श्रीराम शर्मा
4. बनारसी दास चतुर्वेदी
5. सियारामशरण 'गुप्त'
6. डॉ. रघुवीर सिंह
7. रामवृक्ष बेनीपुरी
8. रामनाथ सुमन।
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I hope the above information will be useful and important.
(आशा है, उपरोक्त जानकारी उपयोगी एवं महत्वपूर्ण होगी।)
Thank you.
R F Temre
pragyaab.com
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