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अर्थ के आधार पर वाक्य के प्रकार

वाक्य की परिभाषा

ऐसा सार्थक शब्द समूह जो व्यवस्थित हो तथा पूरा आशय प्रकट करता हो, वाक्य कहलाता है।
उदाहरण– शुभम् के बड़े भाई अशोक राजनगर में रहते हैं।
सामान्यतः वाक्य भेद दो दृष्टियों से किया जाता है–
1. अर्थ की दृष्टि से
2. रचना की दृष्टि से।

अर्थ के आधार पर वाक्य के भेद

अर्थ के आधार पर वाक्य आठ प्रकार के होते हैं–
1. विधानवाचक वाक्य
2. निषेधात्मक वाक्य
3. प्रश्नवाचक वाक्य
4. विस्मयादिवाचक वाक्य
5. आज्ञावाचक वाक्य
6. इच्छावाचक वाक्य
7. संदेहवाचक वाक्य
8. संकेतवाचक वाक्य।

हिन्दी के इन 👇 प्रकरणों को भी पढ़िए।
1. पत्र-साहित्य क्या है? | प्रमुख पत्र-साहित्य एवं उनके लेखक
2. निबन्ध क्या है? | निबन्ध का इतिहास || प्रमुख निबन्धकार एवं उनकी रचनाएँ
3. आत्मकथा क्या होती है? | प्रमुख आत्मकथा लेखक एवं उनकी रचनाएँ
4. संस्मरण क्या है? | प्रमुख संस्मरण लेखक एवं उनकी रचनाएँ
5. कहानी क्या होती है? | प्रमुख कहानीकार एवं उनकी कहानियाँ || उपन्यास और कहानी में अन्तर

विधानवाचक वाक्य

जिन वाक्यों से किसी क्रिया के करने या होने की सामान्य सूचना मिलती है, उन्हें विधानवाचक वाक्य कहते हैं। किसी के अस्तित्व का बोध भी इस प्रकार के वाक्यों में होता है।
उदाहरण– अशोक राजनगर में रहता है।

निषेधवाचक वाक्य

जिन वाक्यों से किसी कार्य के निषेध (न होने) का बोध होता हो, उन्हें निषेधवाचक वाक्य कहते हैं। इन्हें नकारात्मक वाक्य भी कहते हैं।
उदाहरण– मैं आज नहीं जाऊँगा।

प्रश्नवाचक वाक्य

जिन वाक्यों में प्रश्न किया जाए अर्थात् किसी से कोई बात पूछी जाए, उन्हें प्रश्नवाचक वाक्य कहते हैं।
उदाहरण– क्या तुम आज ही वापस जाओगे?

हिन्दी के इन 👇 प्रकरणों को भी पढ़िए।
1. यह तन काँचा कुम्भ है – कबीर दास
2. नाम अजामिल-से खल कोटि – गोस्वामी तुलसीदास
3. एहि घाटतें थोरिक दूरि अहै– गोस्वामी तुलसीदास
4. रावरे दोषु न पायन को – गोस्वामी तुलसीदास
5. प्रभुरुख पाइ कै, बोलाइ बालक घरनिहि – गोस्वामी तुलसीदास

विस्मयादिवाचक वाक्य

जिन वाक्यों से विस्मय (आश्चर्य), हर्ष, शोक, घृणा आदि के भाव व्यक्त हों, उन्हें विस्मयादिवाचक वाक्य कहते हैं।
उदाहरण– वाह! कितना अद्भुत दृश्य है।

आज्ञावाचक वाक्य

जिन वाक्यों से आज्ञा या अनुमति देने का बोध हो, उन्हें आज्ञावाचक वाक्य कहते हैं।
उदाहरण– तुम बाजार चले जाओ।

इच्छावाचक वाक्य

वक्ता की इच्छा, आशा या आशीर्वाद को व्यक्त करने वाले वाक्य, इच्छावाचक वाक्य कहलाते हैं।
उदाहरण– मैं चाहता हूँ कि मैं भी कल तुम्हारे साथ ही घर चलूँ।

हिन्दी के इन 👇 प्रकरणों को भी पढ़िए।।
1. सच्चिदानन्द हीरानन्द वात्स्यायन 'अज्ञेय' का जीवन परिचय
2. उपन्यास क्या है? | उपन्यास का इतिहास एवं प्रमुख उपन्यासकार
3. कबीर दास का जीवन परिचय एवं काव्यगत विशेषताएँ
4. माटी कहै कुम्हार से – कबीर दास
5. यह संसार क्षणभंगुर है – जैनेन्द्र कुमार

संदेहवाचक वाक्य

जिन वाक्यों में कार्य के होने में सन्देह अथवा संभावना का बोध हो, उन्हें संदेहवाचक वाक्य कहते हैं।
उदाहरण– शायद मैं देर से लौटूँ।

संकेतवाचक वाक्य

जिन वाक्यों से एक क्रिया के दूसरी क्रिया पर निर्भर होने का बोध हो, उन्हें संकेतवाचक वाक्य कहते हैं। इन्हें हेतुवाचक वाक्य भी कहते हैं। इन वाक्यों से कारण, शर्त आदि का बोध होता है।
उदाहरण– अगर तुम मेरे साथ रहोगे तो मुझे सुविधा होगी।

हिन्दी के इन 👇 प्रकरणों को भी पढ़िए।।
1. गोस्वामी तुलसीदास– जीवन परिचय एवं काव्यगत विशेषताएँ
2. नाटक क्या है? | नाटक का इतिहास एवं प्रमुख नाटककार
3. सूरदास का जीवन परिचय एवं काव्यगत विशेषताएँ
4. जयशंकर प्रसाद का जीवन परिचय एवं काव्यगत विशेषताएँ
5. एकांकी क्या है? | एकांकी का इतिहास एवं प्रमुख एकांकीकार

वाक्य परिवर्तन

1. विधानवाचक वाक्य– अशोक राजनगर में रहता है।
2. विस्मयादिवाचक वाक्य– अरे! अशोक राजनगर में रहता है।
3. प्रश्नवाचक वाक्य– क्या अशोक राजनगर में रहता है?
4. निषेधवाचक वाक्य– अशोक राजनगर में नहीं रहता।
5. संदेहवाचक वाक्य– शायद अशोक राजनगर में रहता है।
6. आज्ञावाचक वाक्य– अशोक! तुम राजनगर में रहो।
7. इच्छावाचक वाक्य– काश, अशोक राजनगर में रहता।
8. संकेतवाचक वाक्य– यदि अशोक राजनगर में रहना चाहता है तो रह सकता है।

हिन्दी के इन 👇 प्रकरणों को भी पढ़िए।।
1. छावते कुटीर कहूँ रम्य जमुना कै तीर– जगन्नाथ दास 'रत्नाकर'
2. भज मन चरण कँवल अविनासी– मीराबाई
3. हिंदी का इतिहास– भारतेन्दु युग (विशेषताएँ एवं प्रमुख कवि)
4. हिन्दी का इतिहास– द्विवेदी युग (विशेषताएँ एवं कवि)
5. मैथिलीशरण गुप्त– कवि परिचय

I hope the above information will be useful and important.
(आशा है, उपरोक्त जानकारी उपयोगी एवं महत्वपूर्ण होगी।)
Thank you.
R F Temre
pragyaab.com

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