व्याजस्तुति अलंकार और व्याजनिन्दा अलंकार क्या होते हैं?
व्याजस्तुति अलंकार
जब किसी कथन को पढ़ने या सुनने से निन्दा का आभास हो किन्तु वास्तव में प्रशंसा की जा रही हो, तो वहाँ व्याजस्तुति अलंकार होता है।
उदाहरण– 1. गंगा क्यों टेढ़ी चलती हो, दुष्टों को शिव कर देती हो।
क्यों यह बुरा काम करती हो, नरक रिक्त कर दिवि भरती हो।।
2. निशदिन पूजा करत रहत श्याम बूढ़ि तब रंग।
जनम-जनम की देह को छीनत हौं एक संग।।
इस कथन को पढ़ने या सुनने में ऐसा प्रतीत हो रहा है कि श्रीकृष्ण की निन्दा की जा रही है, लेकिन वास्तव में सराहना (प्रशंसा) की जा रही है। इस कथन का तात्पर्य है कि भगवान श्री कृष्ण जन्म-जन्मान्तरों के बन्धनों के पाश से अपने भक्तों को छुटकारा दिलवाकर उन्हें स्वयं में निरोहित कर लेते हैं।
हिन्दी के इन 👇 प्रकरणों को भी पढ़िए।
1. संयोग श्रृंगार और वियोग श्रृंगार क्या होते हैं?
2. प्रत्यय क्या है? | कृदन्त और तदिधत प्रत्यय || महत्वपूर्ण प्रत्यय एवं उनके उदाहरण
3. भाषा क्या है? | भाषा की परिभाषाएँ और विशेषताएँ
4. अलंकार क्या है? | वक्रोक्ति, अतिशयोक्ति और अन्योक्ति अलंकार
5. उपमा, रूपक और उत्प्रेक्षा अलंकार
व्याजनिन्दा अलंकार
जहाँ कथन में स्तुति का आभास हो किन्तु वास्तव में निन्दा की जा रही हो, वहाँ व्याजनिन्दा अलंकार होता है।
उदाहरण– 1. राम साधु, तुम साधु सुजाना।
राम मातु भलि मैं पहिचाना।।
2. तुम तो सखा श्याम सुन्दर के सकल जोग के ईस।
प्रस्तुत उदाहरण में उद्धव जी की सराहना होने का आभास हो रहा है, लेकिन वास्तव में 'जोग के ईस' शब्दों से व्यंग और निन्दा के भाव परिलक्षित हैं। अतः यहाँ व्याजनिन्दा अलंकार है।
हिन्दी के इन 👇 प्रकरणों को भी पढ़िए।
1. हिन्दी गद्य विधा 'रेखाचित्र' क्या होते हैं? | संस्मरण और रेखाचित्र में अन्तर
2. वीर रस और करूण रस में अन्तर | वीर और करूण रस की परिभाषा और उदाहरण
3. महाकाव्य और खण्डकाव्य में क्या अन्तर है? | महाकाव्य और खण्डकाव्य क्या होते हैं?
4. आदिकाल की विशेषताएँ | प्रमुख कवि एवं उनकी रचनाएँ
5. लघुकथा किसे कहते हैं? | प्रमुख लघुकथाकार एवं उनकी रचनाएँ
I hope the above information will be useful and important.
(आशा है, उपरोक्त जानकारी उपयोगी एवं महत्वपूर्ण होगी।)
Thank you.
R F Temre
pragyaab.com
Comments