An effort to spread Information about acadamics

Blog / Content Details

विषयवस्तु विवरण



प्राचीन भारत के बारे में यूनान और रोम के लेखकों ने क्या लिखा?

विदेशी लेखक

यूनान एवं रोम से आने वाले प्रमुख लेखक निम्नलिखित हैं–
1. टेसियस
2. हेरोडोटस
3. नियार्कस
4. ऑनेसिक्रिटस
5. अरिस्टोबुलस
6. मेगस्थनीज
7. डाइमेकस
8. डायोनीसियस
9. प्लिनी
10. टॉलेमी आदि।

टेसियस

प्राचीन काल में यूनान से भारत आने वाले विदेशी लेखकों में टेसियस का नाम उल्लेखनीय है। यह ईरान का राजवैद्य था। इसके विवरण में अधिकांशतः काल्पनिक कहानियाँ हैं। ये कहानियाँ पूर्णतः अविश्वसनीय हैं।

हेरोडोटस

यह प्राचीन यूनान का प्रसिद्ध लेखक था। इसे 'इतिहास का पिता' कहा जाता है। इसने पाँचवी सदी ईसा पूर्व के दौरान 'हिस्टोरिका' नामक पुस्तक की रचना की थी। इस पुस्तक में भारत-फारस के सम्बन्धों का उल्लेख किया गया है।

इतिहास के इन 👇 प्रकरणों को भी पढ़ें। (Also read these 👇 episodes of History.)
1. प्राचीन भारत के पुरातात्विक स्त्रोत 'वेद'– ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद, अथर्ववेद
2. प्राचीन भारत के ऐतिहासिक स्त्रोत– ब्राह्मण ग्रंथ, वेदांग, सूत्र, महाकाव्य, पुराण
3. प्राचीन भारत का इतिहास जानने के साहित्यिक स्त्रोत– बौद्ध साहित्य और जैन साहित्य
4. प्राचीन भारत के राजाओं के जीवन पर लिखी गई पुस्तकें

नियार्कस

यह सिकन्दर के साथ भारत आया था। इसने अपने विवरण में तत्कालीन भारतवर्ष से सम्बन्धित जानकारी दी है।

ऑनेसिक्रिटस

यह विदेशी लेखक सिकन्दर के साथ भारत आया था।

अरिस्टोबुलस

यह विदेशी लेखक भी सिकन्दर के साथ भारत आया था।

इतिहास के इन 👇 प्रकरणों को भी पढ़ें। (Also read these 👇 episodes of History.)
1. प्राचीन भारतीय इतिहास जानने के स्त्रोत | पुरातात्विक स्त्रोत और साहित्यिक स्त्रोत || Sources To Know Ancient Indian History
2. मगध का हर्यक वंश– बिम्बिसार, अजातशत्रु, उदायिन, नागदशक
3. मगध का नन्द वंश– महापद्मनन्द, धनानन्द
4. अभिलेख क्या होते हैं? | प्राचीन भारत के प्रमुख अभिलेख
5. प्राचीन भारत के पुरातात्विक स्त्रोत– अभिलेख, स्मारक, भवन, सिक्के, मूर्तियाँ, चित्रकला, मुहरें

मेगस्थनीज

यह विदेशी लेखक सिकन्दर के पश्चात भारत आया था। यह सेल्यूकस निकेटर का राजदूत था। यह मौर्य सम्राट चन्द्रगुप्त मौर्य के राजदरबार में आया था। इसने 'इण्डिका' नामक पुस्तक की रचना की थी। मेगस्थनीज ने भारत में जो कुछ भी देखा, उसका विवरण उसने अपनी पुस्तक इण्डिका में दिया। इस पुस्तक से मौर्ययुगीन समाज और संस्कृति के विषय में महत्वपूर्ण जानकारियाँ प्राप्त होती हैं।

डाइमेकस

यह भारत आने वाला प्रमुख विदेशी लेखक है। यह सीरियन नरेश अंत्तियोकस का राजदूत था। यह मौर्य सम्राट बिन्दुसार के राज दरबार में आया था।

डायोनिसियस

यह भारत आने वाला प्रमुख विदेशी लेखक है। यह मिस्त्र नरेश टॉलेमी फिलाडेल्फस का राजदूत था। यह मौर्य सम्राट बिन्दुसार के राजदरबार में आया था। कुछ अन्य स्रोतों के अनुसार डायोनिसियस सम्राट अशोक के राज दरबार में आया था।

इतिहास के इन 👇 प्रकरणों को भी पढ़ें। (Also read these 👇 episodes of History.)
1. चक्रवर्ती सम्राट राजा भोज | Chakravarti Samrat Raja Bhoj
2. समुद्रगुप्त और नेपोलियन के गुणों की तुलना | Comparison Of The Qualities Of Samudragupta And Napoleon
3. भारतीय इतिहास के गुप्त काल की प्रमुख विशेषताएँ | Salient Features Of The Gupta Period Of Indian History
4. आर्य समाज- प्रमुख सिद्धांत एवं कार्य | Arya Samaj - Major Principles And Functions
5. सम्राट हर्षवर्धन एवं उनका शासनकाल | Emperor Harshavardhana And His Reign

प्लिनी

इसने पहली सदी में 'नेचुरल हिस्ट्री' नामक पुस्तक की रचना की थी। इस पुस्तक में भारत के पशुओं, पौधों और खनिज पदार्थों से सम्बन्धित महत्वपूर्ण जानकारियाँ दी गई हैं।

टॉलेमी

इसने 'ज्योग्राफी' नामक पुस्तक की रचना की थी। इस पुस्तक से भारत के भूगोल और व्यापारिक वस्तुओं से सम्बन्धित जानकारी मिलती है। इसके अतिरिक्त किसी अज्ञात लेखक ने 'पेरिप्लस ऑफ द एरिथ्रियन सी' नामक किताब लिखी थी। इस किताब से भी भारत के भूगोल और व्यापारिक वस्तुओं के विषय में जानकारी मिलती है।

"भारतीय कला एवं संस्कृति" के इन 👇 प्रकरणों को भी पढ़ें। (Also read these 👇 episodes of "Indian Art and Culture".)
1. गुप्त कालीन वास्तुकला- गुफाएँ, चित्रकारी, स्तूप और मूर्तियाँ | Gupta Architecture- Caves, Paintings, Stupas And Sculptures
2. गुप्त काल में मंदिर वास्तुकला के विकास के चरण | Stages Of Development Of Temple Architecture In The Gupta Period
3. प्राचीन भारत में मंदिर वास्तुकला की प्रमुख शैलियाँ | Major Styles Of Temple Architecture In Ancient India
4. उत्तर भारत की वास्तुकला की नागर शैली- ओडिशा, खजुराहो और सोलंकी शैली | Architecture Of North India
5. दक्षिण भारत की वास्तुकला- महाबलीपुरम की वास्तुकला | Architecture Of South India- Architecture Of Mahabalipuram

I hope the above information will be useful and important.
(आशा है, उपरोक्त जानकारी उपयोगी एवं महत्वपूर्ण होगी।)
Thank you.
R F Temre
pragyaab.com

  • Share on :

Comments

Leave a reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may also like

कुँआ, बोरवेल या बावड़ी का पानी ठंडी में गरम एवं गर्मी में ठंडा क्यों लगता है? | Why does the water of a well, borewell or stepwell feel hot in winter and cold in summer?

इस लेख में कुँआ, बोरवेल या बावड़ी का पानी ठंडी में गरम एवं गर्मी में ठंडा क्यों लगता है? (Why does the water of a well, borewell or stepwell feel hot in winter and cold in summer?) की जानकारी दी गई है।

Read more

मॉडल आंसर शीट विषय- गणित कक्षा 4थी (प्रश्न सहित उत्तर) अर्द्धवार्षिक मूल्यांकन 2023-24 Set-A | Model Answer Sheet

इस भाग में मॉडल आंसर शीट विषय- गणित कक्षा 4थी (प्रश्न सहित उत्तर) अर्द्धवार्षिक मूल्यांकन 2023-24 (हिन्दी माध्यम) की दी गई है।

Read more

Follow us

subscribe