सिन्धु सभ्यता के प्रमुख स्थल– राखीगढ़ी, कालीबंगा, बनावली, धौलावीरा
सिन्धु सभ्यता के प्रमुख स्थल निम्नलिखित हैं– हड़प्पा, मोहनजोदड़ो, चन्हूदड़ो, लोथल, राखीगढ़ी, कालीबंगा, बनावली, धौलावीरा, सुरकोटदा, कोटदीजी, रंगपुर, रोपड़, आलमगीरपुर, सुत्कागेंडोर, आमरी, बालाकोट, गंवेरीवाला, मिताथल, माण्डा, नागेश्वर आदि। इस लेख में सिन्धु सभ्यता के प्रमुख स्थलों में से राखीगढ़ी, कालीबंगा, बनावली और धौलावीरा का विवरण दिया गया है।
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सिन्धु सभ्यता के स्थल– हड़प्पा, मोहनजोदड़ो, चन्हूदड़ो, लोथल
राखीगढ़ी
यह सिन्धु सभ्यता का प्रमुख पुरातात्विक स्थल है। यह हरियाणा के हिसार ज़िले में अवस्थित है। इस स्थल से अन्नागार और रक्षा प्राचीर के अवशेष प्राप्त हुए हैं। मई 2012 में 'ग्लोबल हैरिटेज फण्ड' ने राखीगढ़ी को एशिया के दश ऐसे विरासत स्थलों की सूची में सम्मिलित किया है, जिनके नष्ट हो जाने का खतरा है।
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सिन्धु (हड़प्पा) सभ्यता की नगर योजना और नगरों की विशेषताएँ
कालीबंगा
कालीबंगा का शाब्दिक अर्थ 'काले रंग की चूड़ियाँ' होता है। यह पुरातात्विक स्थल राजस्थान के गंगानगर जिले में घग्गर नदी के बायें तट पर अवस्थित है। इसकी खोज सन् 1951 में अमलानन्द घोष ने की थी। आगे चलकर सन् 1961 में बी.बी. लाल और बी.के. थापर के निर्देशन में यहाँ खुदाई करवाई गई थी। कालीबंगा से जुते हुए खेतों के अवशेष प्राप्त हुए हैं। इस नगर के भवनों का निर्माण कच्ची ईंटों से किया गया था। इस नगर से अलंकृत ईटों के अवशेष प्राप्त हुए हैं। कालीबंगा में शवों के अंत्येष्टि संस्कार के लिए तीन विधियों– पूर्ण समाधीकरण, आंशिक समाधीकरण और दाह संस्कार का प्रचलन था।
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सिंधु घाटी सभ्यता– परिचय, खोज, नामकरण, काल निर्धारण एवं भौगोलिक विस्तार
बनावली
सिंधु सभ्यता का यह नगर हरियाणा के फतेहाबाद जिले में स्थित है। इस पुरास्थल की खोज सन् 1973 में आर.एस. बिष्ट ने की थी। इस स्थल से हड़प्पा-पूर्व और हड़प्पाकालीन दोनों संस्कृतियों के साक्ष्य प्राप्त हुए हैं। इस नगर में जल निकास प्रणाली का अभाव था। यहाँ से मिट्टी के हल के साक्ष्य प्राप्त हुए हैं। यहाँ से अधिक मात्रा में जौ प्राप्त हुआ है।
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प्राचीन काल में भारत आने वाले चीनी यात्री– फाहियान, ह्वेनसांग, इत्सिंग
धौलावीरा
यह नगर गुजरात के कच्छ जिले के भचाऊ तालुका में अवस्थित है। इसकी खोज सन् 1967 ईस्वी में जे.पी. जोशी द्वारा की गई थी। इस नगर से सिन्धु लिपि के 10 बड़े चिन्हों से निर्मित शिलालेख प्राप्त हुआ है। यह शिलालेख सिन्धु सभ्यता की महत्वपूर्ण उपलब्धि है। धौलावीरा का नगर तीन भागों– दुर्गाभाग, मध्यम नगर और निचला नगर में वर्गीकृत था। धौलावीरा में निवास करने वाले लोग जल संरक्षण की तकनीक जानते थे। धौलावीरा, हड़प्पा सभ्यता का एकमात्र ऐसा नगर है जिससे स्टेडियम अर्थात् खेल का मैदान प्राप्त हुआ है।
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1. प्राचीन भारत के पुरातात्विक स्त्रोत 'वेद'– ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद, अथर्ववेद
2. प्राचीन भारत के ऐतिहासिक स्त्रोत– ब्राह्मण ग्रंथ, वेदांग, सूत्र, महाकाव्य, पुराण
3. प्राचीन भारत का इतिहास जानने के साहित्यिक स्त्रोत– बौद्ध साहित्य और जैन साहित्य
4. प्राचीन भारत के राजाओं के जीवन पर लिखी गई पुस्तकें
5. प्राचीन भारत के बारे में यूनान और रोम के लेखकों ने क्या लिखा?
I hope the above information will be useful and important.
(आशा है, उपरोक्त जानकारी उपयोगी एवं महत्वपूर्ण होगी।)
Thank you.
R F Temre
pragyaab.com
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