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हड़प्पा सभ्यता (सिन्धु सभ्यता) का समाज एवं संस्कृति

हड़प्पाई समाज का आधार

सिन्धु घाटी से अनेक अवशेष प्राप्त हुए हैं। इन अवशेषों के आधार पर सिन्धु सभ्यता के लोगों के समाज एवं संस्कृति के विषय में अनुमान लगाया जा सकता है। हड़प्पा सभ्यता के समाज की इकाई परम्परा के अनुसार परिवार थी। समाज मातृसत्तात्मक था। मातृदेवी की पूजा की जाती थी। हड़प्पा सभ्यता के स्थलों से प्राप्त मुहरों पर मातृदेवी के चिह्न अंकित हैं। समाज में विद्वान, योद्धा, व्यापारी, श्रमिक आदि वर्गों के लोग थे। आवासों की संरचना के आधार पर अनुमान लगाया गया है कि समाज में आर्थिक विषमता थी। कुछ लोग धनी तो कुछ गरीब थे।

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सिन्धु सभ्यता के स्थलों से कौन-कौन सी वस्तुएँ प्राप्त हुईं

हड़प्पाई लोगों की व्यक्तिगत विशेषताएँ

हड़प्पा सभ्यता के लोग साज-सज्जा के प्रति सजग थे। स्त्री एवं पुरुष दोनों ही आभूषण धारण करते थे। सिन्धु सभ्यता से प्रसाधन मंजूषा प्राप्त हुई है। सिन्धु सभ्यता के स्थल चन्हूदड़ो से लिपस्टिक के साक्ष्य प्राप्त हुए हैं। इस सभ्यता के लोग शाकाहारी तथा मांसाहारी दोनों प्रकार का भोजन ग्रहण करते थे। मनोरंजन के लिए ये लोग चौपड़ एवं पासा खेलते थे।

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सिन्धु सभ्यता के प्रमुख स्थल– राखीगढ़ी, कालीबंगा, बनावली, धौलावीरा

हड़प्पाई समाज में प्रचलित प्रथाएँ

सिन्धु सभ्यता में मृत व्यक्तियों के अंत्येष्टि संस्कार हेतु पूर्ण समाधीकरण का प्रचलन सर्वाधिक था। आंशिक समाधीकरण एवं दाह संस्कार का भी चलन था। इस सभ्यता के लोग गणित, धातु निर्माण, माप-तौल पद्धति, ग्रह-नक्षत्र, मौसम विज्ञान आदि के विषय में जानकारी रखते थे। ये लोग शान्तिप्रिय थे और अहिंसा पर विश्वास रखते थे। इस सभ्यता के समाज में श्रमिकों की स्थिति ठीक नहीं थी। इससे इतिहासकार व्हीलर ने अनुमान लगाया है कि इस सभ्यता के काल में दास प्रथा प्रचलित थी।

इतिहास के इन 👇 प्रकरणों को भी पढ़ें।
1. प्राचीन काल में भारत आने वाले चीनी यात्री– फाहियान, ह्वेनसांग, इत्सिंग
2. सिंधु घाटी सभ्यता– परिचय, खोज, नामकरण, काल निर्धारण एवं भौगोलिक विस्तार
3. सिन्धु (हड़प्पा) सभ्यता की नगर योजना और नगरों की विशेषताएँ
4. सिन्धु सभ्यता के स्थल– हड़प्पा, मोहनजोदड़ो, चन्हूदड़ो, लोथल
5. प्राचीन भारत के बारे में यूनान और रोम के लेखकों ने क्या लिखा?

I hope the above information will be useful and important.
(आशा है, उपरोक्त जानकारी उपयोगी एवं महत्वपूर्ण होगी।)
Thank you.
R F Temre
pragyaab.com

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