वायुमण्डल, जलमण्डल, स्थलमण्डल और जीवमण्डल
पृथ्वी के मण्डल
पृथ्वी के धरातल पर चार मण्डल पाए जाते हैं। इन मण्डलों के नाम निम्नलिखित है–
1. वायुमण्डल
2. जलमण्डल
3. स्थलमण्डल
4. जीवमण्डल।
पृथ्वी के ये चारों मण्डल एक-दूसरे पर आधारित होते हैं तथा एक-दूसरे को प्रभावित करते हैं।
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वायुमण्डल
पृथ्वी के चारों ओर अवस्थित वायु के आवरण को वायुमण्डल कहा जाता है। वायुमण्डल के निचले भाग में नाइट्रोजन, ऑक्सीजन, कार्बन-डाइ-ऑक्साइड तथा जल वाष्प का मिश्रण पाया जाता है। गैसों के इस मिश्रण में जीवन सम्भव है। वायुमण्डल में पाई जाने वाली समस्त गैसें पृथ्वी के आन्तरिक भाग से उत्पन्न हुई हैं।
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जलमण्डल
नदियों, झरनों, तालाबों, झीलों, सागरों, महासागरों आदि में पाया जाने वाला पृथ्वी का समस्त जल, जलमण्डल कहलाता है। पृथ्वी पर जल ठोस, तरल और गैस के रूप में पाया जाता है। हमारे सौरमण्डल में पृथ्वी एक मात्र ऐसा ग्रह है, जिस पर पानी पाया जाता है। पृथ्वी के धरातल पर उपस्थित समस्त जल दो प्रकार का होता है– सागरों का लवण युक्त जल और पीने योग्य स्वच्छ जल।
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स्थलमण्डल
पृथ्वी की ऊपरी पटल को स्थलमण्डल कहा जाता है। पृथ्वी का स्थलमण्डल उसके आन्तरिक भागों की तुलना में अधिक भंजनशील (चीरने योग्य) होता है। स्थलमण्डल पर विभिन्न प्रकार की स्थलाकृतियाँ पाई जाती हैं।
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जीवमण्डल
जीवमण्डल को पारिस्थितिकी मण्डल भी कहा जाता है। पृथ्वी पर जहाँ वायुमण्डल, जलमण्डल और स्थलमण्डल मिलते हैं, वहाँ जीवमण्डल पाया जाता है। सागर के स्तर से लगभग 8 किलोमीटर की ऊँचाई तक जीवमण्डल पाया जाता है। पृथ्वी पर केवल इसी क्षेत्र में जीवन सम्भव है। जीवमण्डल का अन्य मण्डलों पर भी प्रभाव पड़ता है।
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(आशा है, उपरोक्त जानकारी उपयोगी एवं महत्वपूर्ण होगी।)
Thank you.
R F Temre
pragyaab.com
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