
भारत में संघ एवं राज्य की कार्यपालिका
कार्यपालिका
हमारे भारत में संसदीय व्यवस्था है। इस व्यवस्था के अन्तर्गत कार्यपालिका अपनी नीतियों और कार्यों के लिए विधायिका के प्रति उत्तरदायी होती है। अर्थात् कार्यपालिका विधायिका से स्वतन्त्र नहीं होती। इसके विपरीत राष्ट्रपति शासन व्यवस्था में कार्यपालिका विधायिका के प्रति उत्तरदाई नहीं होती। इस व्यवस्था के अन्तर्गत कार्यपालिका विधायिका से स्वतंत्र होती है। भारत में संघ एवं राज्य की अलग-अलग कार्यपालिकाएँ होती हैं।
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संघ की कार्यपालिका
भारत के संविधान के भाग 5 के अनुच्छेद 52 से अनुच्छेद 78 तक संघ अर्थात् केन्द्र की कार्यपालिका का उल्लेख है। भारतीय संघ की कार्यपालिका का निर्माण राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मंत्रिपरिषद् एवं महान्यायवादी करते हैं। इस कार्यपालिका का निर्माण विभिन्न पदाधिकारियों से मिलकर होता है।
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राज्य की कार्यपालिका
भारत के संविधान के भाग 6 के अनुच्छेद 153 से अनुच्छेद 167 तक संघ अर्थात् केन्द्र की कार्यपालिका का उल्लेख है। भारतीय राज्य की कार्यपालिका का निर्माण राज्यपाल, मुख्यमंत्री, मंत्रिपरिषद् और महाधिवक्ता करते हैं। इस कार्यपालिका का निर्माण विभिन्न पदाधिकारियों से मिलकर होता है।
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आशा है, उपरोक्त जानकारी उपयोगी एवं महत्वपूर्ण होगी।
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Thank you.
R. F. Tembhre
(Teacher)
pragyaab.com
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