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मगध साम्राज्य के राजा– शिशुनाग और कालाशोक

  • BY:
     RF competition
  • Posted on:
    October 04, 2022

शिशुनाग वंश

412 ईसा पूर्व को हर्यक वंश के अन्तिम राजा नागदशक की उसके अमात्य शिशुनाग ने हत्या कर दी थी। इसके बाद शिशुनाग स्वयं मगध का राजा बन गया और उसने एक नए वंश की नींव रखी। इस वंश को उसके नाम पर ही 'शिशुनाग वंश' कहा गया। इस वंश के प्रमुख शासक शिशुनाग और कालाशोक थे। इस वंश ने मगध पर 412 ईसा पूर्व से 344 ईसा पूर्व तक शासन किया।

इतिहास के इन 👇 प्रकरणों को भी पढ़ें।
मगध का हर्यक वंश– बिम्बिसार, अजातशत्रु, उदायिन, नागदशक

शिशुनाग

शिशुनाग ने मगध पर 412 ईसा पूर्व से 394 ईसा पूर्व तक शासन किया। अपने शासनकाल के दौरान उसने अवन्ति व वत्स राज्य पर अधिकार कर लिया और इन राज्यों को अपने साम्राज्य में सम्मिलित कर लिया। शिशुनाग ने वैशाली को अपनी राजधानी बनाया। उसके शासनकाल के दौरान मगध साम्राज्य के अन्तर्गत बंगाल से लेकर मालवा तक का क्षेत्र शामिल था। महावंश के विवरण के अनुसार शिशुनाग की मृत्यु के पश्चात् उसके पुत्र कालाशोक ने मगध पर शासन किया।

इतिहास के इन 👇 प्रकरणों को भी पढ़ें।
मगध का नन्द वंश– महापद्मनन्द, धनानन्द

कालाशोक

कालाशोक ने मगध पर 394 ईसा पूर्व से 366 ईसा पूर्व तक शासन किया। पुराण और दिव्यावदान के विवरण के अनुसार कालाशोक का एक अन्य नाम काकवर्ण था। उसने वैशाली के स्थान पर पुनः पाटलिपुत्र को अपनी राजधानी बनाया था। उसने लगभग 28 वर्षों तक शासन किया था। कालाशोक के शासनकाल के दौरान द्वितीय बौद्ध संगीति का आयोजन वैशाली में किया गया था। इसके अलावा बौद्ध संघ दो भागों में विभाजित हो गया था। बौद्ध संघ दो भागों स्थविर और महासांघिक में विभाजित हो गया था। बाणभट्ट द्वारा रचित हर्षचरित में उल्लेख किया गया है कि कालाशोक को पाटलिपुत्र में घूमते समय महापद्मानन्द ने चाकू मारकर उसकी हत्या कर दी। महाबोधिवंश के विवरण के अनुसार कालाशोक के 10 पुत्र थे। उन्होंने कालाशोक की मृत्यु के पश्चात् 344 ईसा पूर्व तक शासन किया। उन्होंने लगभग 22 वर्षों तक शासन किया।

इतिहास के इन 👇 प्रकरणों को भी पढ़ें।
1. प्राचीन भारत के गणतंत्र क्या थे? | महात्मा बुद्ध के समय के 10 गणतंत्र
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3. वैदिक काल के देवी एवं देवता– इन्द्र, अग्नि, वरूण, सवितृ, सोम, धौस, सरस्वती, पूषन, रूद्र, अरण्यानी
4. वर्णाश्रम व्यवस्था क्या थी? | ब्राह्मण, क्षत्रिय वैश्य, शूद्र
5. प्राचीन भारत के 16 महाजनपद कौन-कौन से थे?



आशा है, उपरोक्त जानकारी उपयोगी एवं महत्वपूर्ण होगी।
(I hope the above information will be useful and important. )
Thank you.

R. F. Tembhre
(Teacher)
pragyaab.com

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