प्राचीन ईरानी (हखामनी) साम्राज्य के प्रमुख शासक– साइरस, केम्बिसीज, डेरियस, ज़रक्सीज, अर्तज़रक्सीज
प्राचीन ईरानी साम्राज्य के शासक
प्राचीन ईरानी (हखामनी) साम्राज्य के प्रमुख शासक निम्नलिखित थे–
1. साइरस द्वितीय
2. केम्बिसीज द्वितीय
3. डेरियस प्रथम (दारा प्रथम)
4. ज़रक्सीज (क्षयार्ष)
5. अर्तज़रक्सीज प्रथम
6. अर्तज़रक्सीज द्वितीय आदि।
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साइरस द्वितीय
साइरस द्वितीय ने छठी शताब्दी ईसा पूर्व के मध्य में ईरान में हखामनी साम्राज्य की स्थापना की थी। उसने ईरान पर 558 ईसा पूर्व से 529 ईसा पूर्व तक शासन किया था। वह एक योग्य शासक था। वह कम समय में ही पश्चिमी एशिया का शक्तिशाली शासक बन गया था। उसने भारत के पश्चिमी सीमावर्ती प्रान्तों पर विजय प्राप्त की थी। भारत पर सर्वप्रथम विदेशी आक्रमण उसी ने किया था। यह आक्रमण असफल रहा था। इतिहासकार प्लिनी के अनुसार साइरस द्वितीय ने कपिशा नगर को ध्वस्त कर दिया था। अपने शासनकाल के दौरान उसने कैस्पियन क्षेत्र में डरबाइक नामक एक पूर्वी जनजाति के विरुद्ध युद्ध लड़ा था। इस युद्ध में उसकी मृत्यु हो गई थी।
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केम्बिसीज द्वितीय
साइरस द्वितीय के पश्चात् उसके पुत्र केम्बिसीज द्वितीय ने ईरानी साम्राज्य पर शासन किया। उसने 529 ईसा पूर्व से 522 ईसा पूर्व तक शासन किया था। वह अपने गृह युद्धों में ही उलझा रहा था। अतः उसके शासनकाल के दौरान हखामनी साम्राज्य का भारत की ओर विस्तार नहीं हो पाया था।
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डेरियस प्रथम (दारा प्रथम)
दारा प्रथम हखामनी साम्राज्य का सबसे महत्वपूर्ण शासक था। उसने 522 ईसा पूर्व से 486 ईसा पूर्व तक शासन किया था। उसने अपने शासनकाल के दौरान भारत पर आक्रमण किया था। वह इस आक्रमण में सफल रहा था। उसने सर्वप्रथम 516 ईसा पूर्व में भारत के गान्धार प्रान्त को जीतकर अपने साम्राज्य में सम्मिलित किया था। उसने भारत के पश्चिमोत्तर भाग को अपने साम्राज्य का 20 वाँ प्रान्त बनाया था। इसका उल्लेख इतिहासकार हेरोडोटस के विवरण में मिलता है। भारत के गान्धार और कम्बोज पर भी उसका अधिकार हो गया था। दारा प्रथम के यूनानी सेनापति स्काईलैक्स ने सिन्धु नदी से भारतीय समुद्र में उतरकर अरब एवं मकरान तटों का पता लगाया था। दारा प्रथम के अभिलेखों (बेहिस्तून, पर्सिपोलिस, नक्शेरुस्तम आदि) से यह ज्ञात होता है कि उसी ने सर्वप्रथम सिन्धु नदी के तटवर्ती भारतीय प्रान्तों को अधिकृत किया था।
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ज़रक्सीज (क्षयार्ष)
डेरियस प्रथम (दारा प्रथम) के पश्चात् उसके पुत्र ज़रक्सीज (क्षयार्ष) ने ईरानी साम्राज्य पर शासन किया था। उसने 486 ईसा पूर्व से 465 ईसा पूर्व तक शासन किया था। उसने ईरानी साम्राज्य को सुरक्षित रखा था, किन्तु यूनानियों ने उसे पराजित कर दिया था। वह पहला ऐसा ईरानी शासक था, जिसने अपनी सेना में भारतीयों को सम्मिलित किया था।
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अर्तज़रक्सीज प्रथम एवं द्वितीय
ज़रक्सीज (क्षयार्ष) के पश्चात् क्रमशः अर्तज़रक्सीज प्रथम एवं अर्तज़रक्सीज द्वितीय ने ईरानी साम्राज्य पर शासन किया था। साक्ष्यों से ज्ञात होता है कि ज़रक्सीज के उत्तराधिकारियों ने ईरानी साम्राज्य को सुरक्षित रखा था।
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ईरानी साम्राज्य का अन्त
ईरानी साम्राज्य का अन्तिम शासक दारा तृतीय था। उसने 360 ईसा पूर्व से 330 ईसा पूर्व तक शासन किया था। दारा तृतीय को यूनानी शासक सिकन्दर ने अरबेला (गौगामेला) के युद्ध में बुरी तरह परास्त किया था। यह युद्ध 331 ईसा पूर्व के दौरान हुआ था। इस प्रकार यूनानियों द्वारा ईरानी साम्राज्य का विनाश कर दिया गया था।
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(आशा है, उपरोक्त जानकारी उपयोगी एवं महत्वपूर्ण होगी।)
Thank you.
R F Temre
pragyaab.com
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