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सामाजिक विज्ञान भारत में यूरोपीय व्यापारिक कम्पनियों एवं पुर्तगालियों का आगमन | Arrival of European trading companies and Portuguese in India

  • BY:
     Pragya patle
  • Posted on:
    April 22, 2022

भारत में यूरोपीय व्यापारिक कम्पनियों का आगमन Arrival of European Business Companies in India

15वीं शताब्दों के यूरोप में घटित हुई कुछ प्रमुख घटनाओं, कुस्तुनतुनिया पर तुर्कों का अधिकार पुनर्जागरण आन्दोलन, वैज्ञानिक एवं औद्योगिक क्रांति तथा भौगोलिक खोजों के प्रति आकर्षण, ने भारत एवं पूर्व के देशों के प्रति यूरोपीय लोगों में एक नया आकर्षण उत्पन्न किया। यूरोप में हुई व्यापारिक एवं औद्योगिक क्रांति ने वहाँ के व्यापारियों को नया बाजार तलाशने के लिए विवश कर दिया। पूर्व के लिए नवीन मार्गों की खोज का बीड़ा कोलम्बस, वास्को डिगामा जैसे प्रसिद्ध नाविकों ने उठाया। कोलम्बस 1492 में अमेरिका, बार्थोलोमियो डाईज 1487 ई. में आशा अन्तरीप तथा वास्को डि गामा 1498 ई. में भारत के पश्चिमी समुद्री तट कालीकट पहुँचा। कालीकट के राजा जामोरिन ने उसका स्वागत किया।

भारत में पुर्तगालियों का आगमन Arrival of Portuguese in India

1498 ई. में वास्को डिगामा के भारत आगमन ने यूरोपीय व्यापारियों के लिए भारत का द्वार खोल दिया। यूरोपीय व्यापारियों का भारत के राजा-महाराजाओं ने भिन्न-भिन्न कारणों से स्वागत किया। भारत में व्यापार के लिए सर्वप्रथम पुर्तगाली व्यापारी आए। वास्को डिगामा के भारत आगमन से दोनों देशों के मध्य व्यापार के क्षेत्र में एक नये युग का आरंभ हुआ। 1500 ई. में 13 जहाजों के बेड़े के साथ पेड्रो अल्वरेज केब्रल भारत पहुँचा। पुर्तगाली व्यापारियों ने भारत में कालीकट, गोवा, दमन, दीव एवं हुगली के बंदरगाहों पर व्यापारिक कोठियाँ स्थापित की काली मिर्च और मसालों के व्यापार पर अपना एकाधिकार स्थापित करने के लिए उन्होंने 1503 ई. में कोचीन में पहले दुर्ग की स्थापना की। 1505 ई. में पुर्तगाल की सरकार ने फ्रांसिस्को द अल्मेडा को भारत में प्रथम पुर्तगाली वायसराय बनाकर भेजा। 1509 ई. में उसने पुर्तगाली सेना के बल पर दीव पर अधिकार कर लिया। 1509 ई. में पुर्तगाली वायसराय अलबुकर्क ने बीजापुर के शासक यूसुफ आदिल शाह से गोवा को छीन लिया। धीरे-धीरे पुर्तगालियों ने दमन, साल्सेट, बेसीन, मुम्बई, हुगली तथा सेन्ट टॉम पर भी अधिकार कर लिया। इस प्रकार 1515 ई. तक पुर्तगाली व्यापारी भारत के साथ न केवल व्यापार पर एकाधिकार प्राप्त कर चुके थे वरन् उन्होंने समुद्र तटीय क्षेत्रों पर अधिकार करके प्रशासन करना भी आरंभ कर दिया था।



आशा है, उपरोक्त जानकारी उपयोगी एवं महत्वपूर्ण होगी।
(I hope the above information will be useful and important. )
Thank you.

R. F. Tembhre
(Teacher)
pragyaab.com

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