An effort to spread Information about acadamics

Blog / Content Details

विषयवस्तु विवरण



1857 की क्रान्ति | Revolution of 1857

1857 ई. के विद्रोह के कारणों में सामाजिक, धार्मिक, राजनीतिक, आर्थिक तथा सैनिक कारण प्रमुख थे, जो विद्रोह तात्कालिक कारण बना। 29 मार्च, 1857 को 34 नेटिव इन्फैन्ट्री के सिपाही मंगल पाण्डे ने बैरकपुर छावनी में विद्रोह किया। 10 मई, 1857 को मेरठ के सिपाहियों ने विद्रोह किया। मेरठ से विद्रोही सैनिकों ने दिल्ली मार्च कर 11 मई, 1857 को बहादुरशाह जफर को भारत का बादशाह घोषित किया। दिल्ली के सैनिकों का नेतृत्व बख्त खान ने किया था। धीरे-धीरे 1857 ई. का विद्रोह देश के अन्य क्षेत्रों में भी फैला। विद्रोहियों में नेतृत्व की कमी तथा संगठन एवं एकता का अभाव था। ग्वालियर के सिन्धिया, इन्दौर के होल्कर, हैदराबाद के निजाम आदि राजाओं ने अंग्रेजों का खुलकर साथ दिया। समन्वय का अभाव, कुशल नेतृत्व का अभाव, सीमित क्षेत्र में प्रभावी होना, योजना का आभाव आदि। भारत की सत्ता कम्पनी के हाथ से निकलकर ब्रिटिश क्राउन के हाथों में चली गई। भारत परिषद् अधिनियम 1851 तथा भारतीय लोक सेवा अधिनियम 1861 पारित हुआ। सेना के पुनर्गठन हेतु पील आयोग का गठन किया गया। देशी रियासतों के प्रति नीति में परिवर्तन आदि।

I hope the above information will be useful and important.
(आशा है, उपरोक्त जानकारी उपयोगी एवं महत्वपूर्ण होगी।)
Thank you.
R F Temre
pragyaab.com

  • Share on :

Comments

Leave a reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may also like

1857 की क्रान्ति | Revolution of 1857

1857 ई. के विद्रोह के कारणों में सामाजिक, धार्मिक, राजनीतिक, आर्थिक तथा सैनिक कारण प्रमुख थे, जो विद्रोह तात्कालिक कारण बना।

Read more

आपदाएँ | disasters

अचानक होने वाली ऐसी विनाशकारी घटना जिससे व्यापक स्तर पर उस क्षेत्र के जीवधारियों के जान-माल (संपत्ति) की क्षति होती है, आपदा कहते हैं।

Read more

Follow us

subscribe