
प्लास्टिक (Plastics)
1. प्लास्टिक का उपयोग विभिन्न प्रकार की वस्तुएँ बनाने में होता, है; जैसे- थैली, बोतल, बाल्टी, मग, कंघा, खिलौने, कुर्सियाँ, टेबल, बिजली के उपकरण, पानी की टंकी, आदि बनाने में होता है।
2. टेलीविजन, फ्रिज, कार, बस तथा अन्य वाहनों के भी भिन्न-भिन्न हिस्से प्लास्टिक के बने होते हैं।
3.यह संश्लेषित पदार्थ है, जिसे गर्म कर के ऐच्छिक आकार में ढाला जा सकता है और ठण्डा करके उपयोगी वस्तुएँ बनाई जा सकती हैं।
4.रेशों की तरह प्लास्टिक भी एक बहुलक है।
प्लास्टिक के प्रकार (Types of Plastics)
ताप के प्रभाव के आधार पर प्लास्टिक मुख्य रूप से दो प्रकार की होती है।
1. तापसुघट्य (Thermoplastics)
1. वे बहुलक, जो गर्म करने पर मुलायम हो जाते हैं तथा ठण्डा करने पर पुनः अपनी मूल अवस्था को प्राप्त कर लेते हैं, तापसुघट्य प्लास्टिक कहलाते हैं, जैसे-पॉलीथीन, पॉलीस्टाइरीन आदि इन बहुलकों को पुनः प्रयोग के लिए उपयोगी बनाया जा सकता है। इन्हें पुनः पिघलाया जा सकता है तथा पतली पर्तो के रूप में भी परिवर्तित किया जा सकता है।
नोट- पॉलीथीन (पॉली + एथीन), एथीन नामक यौगिक का बहुलक है। इसका उपयोग पॉलीथीन की थैली के निर्माण में होता है।
2. तापदृढ़ प्लास्टिक (Thermosetting Plastic)
1. वे बहुलक, जो गर्म करने पर मुलायम नहीं होते तथा सदैव अपनी मूल अवस्था में ही रहते हैं, तापदृढ़ प्लास्टिक कहलाते हैं; जैसे-बैकेलाइट, मैलेमाइन, आदि।
2. इस प्रकार के बहुलक से बनी वस्तुएँ गर्म करने पर भी अपना आकार नहीं बदलतीं।
3. इनका उपयोग बर्तन, प्लेट, कप, विद्युत उपकरण, प्लग, स्विच तथा अन्य उपकरणों के निर्माण में होता है।
4. मैलेमाइन यह एक अति उपयोगी बहुलक है, जो अग्निरोधी होता है तथा प्लास्टिक की अपेक्षा उच्च ऊष्मा को सहन कर सकता है।
5. इसका प्रयोग रसोईघर के सामान तथा अग्निरोधी वस्त्र बनाने में किया जाता है।
प्लास्टिक के अभिलाक्षणिक गुण (Characteristic of Plastics)
प्लास्टिक के कुछ अन्य अभिलाक्षणिक गुण निम्न प्रकार है।
1. प्लास्टिक अनभिक्रियाशील है सामान्यतया लोहे जैसी धातुओं को जब नमी और वायु में खुला छोड़ दिया जाता है तो उनमें जंग लग जाता है। परन्तु प्लास्टिक जल और वायु से अभिक्रिया नहीं करती तथा उनका संक्षारण आसानी से नहीं होता। इसलिए इनका उपयोग बहुत से रसायनों सहित, विभिन्न प्रकार के पदार्थों के संचयन में किया जाता है।
2. प्लास्टिक हल्का, प्रबल और चिरस्थायी है प्लास्टिक बहुत हल्का, प्रबल, चिरस्थायी और विभिन्न आकारों में ढाला जा सकता है, अत: यह विभिन्न उद्देश्यों हेतु प्रयुक्त किया जाता है। प्लास्टिक सामान्यतया धातुओं की अपेक्षा सस्ते होते हैं। ये उद्योगों और घरेलू कार्यों में व्यापक रूप से प्रयुक्त किए जाते हैं।
3. प्लास्टिक कुचालक है प्लास्टिक ऊष्मा और विद्युत के कुचालक हैं। इसलिए बिजली के तार प्लास्टिक से ढके रहते हैं और खाना बनाने वाले पात्रों के हत्थे इसके बने होते हैं।
प्लास्टिक और पर्यावरण (Plastic and Environment)
1. हमारे दैनिक जीवन में हमें प्लास्टिक अथवा पॉलिथीन थैली में लिपटी (Packed) वस्तुएँ मिलती हैं। यह एक कारण है जिससे हमारे घरों में प्लास्टिक का कचरा इकट्ठा होता है। फिर यह प्लास्टिक या पॉलिथीन कूड़ेदान में चला जाता है। इसलिए प्लास्टिक का निस्तारण एक प्रधान समस्या है।
2. अत: प्लास्टिक की वस्तुओं का प्रयोग पर्यावरण को बहुत बुरी तरह से प्रभावित कर रहा है।
3. प्लास्टिक से बनी वस्तुओं का जमीन या जल में एकत्र होना प्लास्टिक प्रदूषण कहलाता है। जिसमें मानव, जन्तुओं के जीवन पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
जैव निम्नीकृत एवं अजैव निम्नीकृत पदार्थ (Biodegradable and Non-biodegradable Materials)
1. वे पदार्थ जो जीवाणु (Bacteria) के माध्यम से प्राकृतिक प्रक्रमों द्वारा विघटित हो जाते हैं, जैवनिम्नीकृत पदार्थ कहलाते हैं, जैसे-फलों के छिल्के, केक आदि।
2. वे पदार्थ जो जीवाणुओं के माध्यम से प्राकृतिक प्रक्रमों द्वारा आसानी से विघटित नहीं होते हैं, जैव अनिम्नीकृत पदार्थ कहलाते हैं, जैसे-मानव निर्मित प्लास्टिक।
आशा है, उपरोक्त जानकारी उपयोगी एवं महत्वपूर्ण होगी।
(I hope the above information will be useful and important. )
Thank you.
R. F. Tembhre
(Teacher)
pragyaab.com
Comments