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संविधान का निर्माण | Constitution Making.

  • BY:
     Pragya patle
  • Posted on:
    April 04, 2022

संविधान की परिभाषा

संविधान एक मौलिक दस्तावेज एवं देश की सर्वोच्च विधि माना जाता है। यह राज्य के अंगों की शक्तियोँ का निर्धारण एवं करता है। यह आज के अंगोँ को अधिकार को मर्यादित कर उन्हें निरंकुश एवं तानाशाह होने से रोकता है। वस्तुत का संविधान देश की जनता की आशाओं एवं आकांक्षाओं का पुंज होता है।

भारतीय संविधान विश्व का सबसे विशाल लिखित संविधान है। इसके निर्माण में 2 वर्ष, 11 माह और 18 दिन का समय लगा था। इसमें आरम्भ में 395 अनुच्छेद, 22 भाग और 8 अनुसूचियाँ (वर्तमान में 12) थीं। संविधान का निर्माण भारतीय जनता द्वारा चुने गए प्रतिनिधियों की संविधान सभा द्वारा किया गया। तत्कालीन संविधान सभा के सदस्यों की कुल संख्या 389 निर्धारित की गई थी, जिनमें 292 ब्रिटिश प्रान्तों से, 93 देशी रियासतों से एवं 4 कमिश्नर क्षेत्रों दिल्ली, अजमेर- मारवाड़, एवं ब्रिटिश बलूचिस्तान के प्रतिनिधि शामिल होने थे। प्रत्येक प्रान्त की सीटों को जनसंख्या के अनुपात के आधार पर तीन प्रमुख समुदायों मुस्लिम, सिख और सामान्य में बाँटा गया। संविधान सभा का प्रथम अधिवेशन 9 दिसम्बर, 1946 को सम्पन्न हुआ था। डॉ. सच्चिदानन्द सिन्हा ने संविधान सभा के प्रथम अधिवेशन की अध्यक्षता की थी, जोकि अस्थायी तौर पर इस पद पर नियुक्त किए गए थे। मुस्लिम लीग ने संविधान सभा की पहली बैठक का बहिष्कार किया था। 11 दिसम्बर, 1946 को डॉ. राजेन्द्र प्रसाद को संविधान सभा का स्थायी अध्यक्ष तथा एस सी मुखर्जी को उप-सभापति नियुक्त किया गया। पण्डित जवाहरलाल नेहरू ने संविधान सभा के समक्ष 'उद्देश्य प्रस्ताव' 13 दिसम्बर, 1946 को प्रस्तुत किया, जो भारतीय संविधान की नींव थी। उद्देश्य प्रस्ताव को संविधान के रूप परिष्कृत (Embellished) करने के लिए विभिन्न विषयों से सम्बन्धित समितियों का गठन किया गया जिनमें सबसे प्रमुख डॉ. भीमराव अम्बेडकर की अध्यक्षता में बनी सात सदस्यों वाली प्रारूप समिति थी। प्रारूप समिति में डॉ. अम्बेडकर के अतिरिक्त एन गोपालास्वामी आयंगर, अल्लादि कृष्णास्वामी अय्यर, के एम मुंशी, मोहम्मद सादुल्लाह, डी पी खेतान (1948 में इनकी मृत्यु के पश्चात् टी टी कृष्णामाचारी नियुक्त) और एन माधवराव (बी एल मित्र के स्थान पर नियुक्त) अन्य सदस्य थे। 26 नवम्बर, 1949 को संविधान अंगीकृत (Adopt) किया गया था, जिस पर 284 सदस्यों ने हस्ताक्षर किए। 26 जनवरी, 1950 को भारतीय संविधान लागू किया गया, क्योंकि सन् 1930 से ही 26 जनवरी का दिन सम्पूर्ण भारत में स्वाधीनता दिवस के रूप में मनाया जाता था। इसलिए 26 जनवरी, 1950 को प्रथम गणतन्त्र दिवस मनाया गया। डॉ. भीमराव अम्बेडकर को भारतीय संविधान के जनक के रूप में जाना जाता है। संविधान सभा की अन्तिम बैठक 24 जनवरी, 1950 को हुई और इसी दिन संविधान सभा द्वारा डॉ. राजेन्द्र प्रसाद को भारत का प्रथम राष्ट्रपति चुना गया।



आशा है, उपरोक्त जानकारी उपयोगी एवं महत्वपूर्ण होगी।
(I hope the above information will be useful and important. )
Thank you.

R. F. Tembhre
(Teacher)
pragyaab.com

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