An effort to spread Information about acadamics

Blog / Content Details

विषयवस्तु विवरण



वायुमण्डल की संरचना | composition of the atmosphere.

  • BY:
     Pragya patle
  • Posted on:
    April 19, 2022

वायुमण्डलीय संरचना को कई ऊर्ध्वाधर परतों में बांटा जाता है, जो निम्नलिखित हैं।
1. क्षोभमण्डल
2. मध्यमण्डल
3. समतापमण्डल
4. बाह्यमण्डल
5. आयनमण्डल
6. क्षोभसीमा।

क्षोभमण्डल

troposphere

इसकी ऊँचाई सतह से 8 से 18 किमी तक पाई जाती है। यह वायुमण्डल का सबसे नीचे का संघन संस्तर है। ऋतु तथा मौसम सम्बन्धी सभी घटनाएं, जैसे- बादल, आँधी एवं वर्षा क्षोभमण्डल (Troposphere) में होती हैं। इस परत को संवहनमण्डल भी कहते हैं, क्योंकि संवहन धाराएँ (Convection Currents) इसी मण्डल तक सीमित हैं।

मध्यमण्डल

Mesosphere

इसकी ऊँचाई 50-80 किमी के मध्य पाई जाती है। मध्यमण्डल (Mesosphere) की ऊपरी सीमा को मध्यमण्डल सीमा (Mesopause) कहते हैं। यहाँ ऊँचाई के साथ तापमान में गिरावट होती है।

समतापमण्डल

Stratosphere

इसकी ऊँचाई 20-50 किमी तक पाई जाती है। इसके निचले भाग में 20 किमी की ऊँचाई तक तापमान में कोई परिवर्तन नहीं होता, जिस कारण इसे समतापमण्डल (Stratosphere) कहते हैं। इसके ऊपर 50 किमी की ऊँचाई तक तापमान में वृद्धि होती है, जिसका कारण वहाँ उपस्थित ओजोन परत (15-35 किमी) है, जो सूर्य की पराबैगनी किरणों का अवशोषण करती है, इसलिए इसे पृथ्वी का सुरक्षा कवच कहते हैं। ओजोन परत की मोटाई मापने में डॉबसन इकाई का प्रयोग किया जाता है। यहाँ वायु क्षैतिज दिशा में चलती है। यह मण्डल वायुयान चालकों के लिए उपयुक्त होता हैं।

बाह्यमण्डल

exosphere

आयनमण्डल के ऊपर वायुमण्डल की सबसे ऊपरी परत बाह्यमण्डल (Exosphere) है। यहाँ वायु काफी विरल होती है। यह पृथ्वी की सतह से सबसे दूर है। यहाँ तापमान 5000°C से भी अधिक पहुँच जाता है, परन्तु उष्णता का अनुभव नहीं किया जा सकता है। यहाँ हाइड्रोजन (H.) एवं हीलियम (He) गैसों की प्रधानता है। वायुमण्डल की सामान्य ताप ह्रास दर (Normal Temperature Lapse rate) 6.5°C/ किमी होती है।

आयनमण्डल

ionosphere

इसकी ऊँचाई 80-640 किमी पाई जाती है। यहाँ उपस्थित कण विद्युत आवेशित होते हैं, जिन्हें आयन कहते हैं। अतः इस परत का नाम आयनमण्डल (lonosphere) रखा गया है। इसी परत से रेडियो तरंगें परावर्तित होती हैं।

क्षोभसीमा

tropism

क्षोभमण्डल की ऊपरी सीमा क्षोभसीमा कहलाती है। यहाँ पर तापमान स्थिर होने के कारण इसे क्षोभसीमा (Tropopause) कहते हैं। इसकी मोटाई 1.5 किमी है। इस सीमा पर वायु का तापमान भूमध्य रेखा पर – 80°C तथा ध्रुवों पर 45°C होता है। वायुमण्डल का 97% भाग 29 किमी की ऊँचाई तक पाया जाता है।



आशा है, उपरोक्त जानकारी उपयोगी एवं महत्वपूर्ण होगी।
(I hope the above information will be useful and important. )
Thank you.

R. F. Tembhre
(Teacher)
pragyaab.com

  • Share on :

Comments

Leave a reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may also like

1857 की क्रान्ति | Revolution of 1857

1857 ई. के विद्रोह के कारणों में सामाजिक, धार्मिक, राजनीतिक, आर्थिक तथा सैनिक कारण प्रमुख थे, जो विद्रोह तात्कालिक कारण बना।

Read more

आपदाएँ | disasters

अचानक होने वाली ऐसी विनाशकारी घटना जिससे व्यापक स्तर पर उस क्षेत्र के जीवधारियों के जान-माल (संपत्ति) की क्षति होती है, आपदा कहते हैं।

Read more

Follow us

subscribe

Note― अपनी ईमेल id टाइप कर ही सब्सक्राइब करें। बिना ईमेल id टाइप किये सब्सक्राइब नहीं होगा।