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वायुमण्डल की संरचना | composition of the atmosphere.

वायुमण्डलीय संरचना को कई ऊर्ध्वाधर परतों में बांटा जाता है, जो निम्नलिखित हैं।
1. क्षोभमण्डल
2. मध्यमण्डल
3. समतापमण्डल
4. बाह्यमण्डल
5. आयनमण्डल
6. क्षोभसीमा।

क्षोभमण्डल

troposphere

इसकी ऊँचाई सतह से 8 से 18 किमी तक पाई जाती है। यह वायुमण्डल का सबसे नीचे का संघन संस्तर है। ऋतु तथा मौसम सम्बन्धी सभी घटनाएं, जैसे- बादल, आँधी एवं वर्षा क्षोभमण्डल (Troposphere) में होती हैं। इस परत को संवहनमण्डल भी कहते हैं, क्योंकि संवहन धाराएँ (Convection Currents) इसी मण्डल तक सीमित हैं।

मध्यमण्डल

Mesosphere

इसकी ऊँचाई 50-80 किमी के मध्य पाई जाती है। मध्यमण्डल (Mesosphere) की ऊपरी सीमा को मध्यमण्डल सीमा (Mesopause) कहते हैं। यहाँ ऊँचाई के साथ तापमान में गिरावट होती है।

समतापमण्डल

Stratosphere

इसकी ऊँचाई 20-50 किमी तक पाई जाती है। इसके निचले भाग में 20 किमी की ऊँचाई तक तापमान में कोई परिवर्तन नहीं होता, जिस कारण इसे समतापमण्डल (Stratosphere) कहते हैं। इसके ऊपर 50 किमी की ऊँचाई तक तापमान में वृद्धि होती है, जिसका कारण वहाँ उपस्थित ओजोन परत (15-35 किमी) है, जो सूर्य की पराबैगनी किरणों का अवशोषण करती है, इसलिए इसे पृथ्वी का सुरक्षा कवच कहते हैं। ओजोन परत की मोटाई मापने में डॉबसन इकाई का प्रयोग किया जाता है। यहाँ वायु क्षैतिज दिशा में चलती है। यह मण्डल वायुयान चालकों के लिए उपयुक्त होता हैं।

बाह्यमण्डल

exosphere

आयनमण्डल के ऊपर वायुमण्डल की सबसे ऊपरी परत बाह्यमण्डल (Exosphere) है। यहाँ वायु काफी विरल होती है। यह पृथ्वी की सतह से सबसे दूर है। यहाँ तापमान 5000°C से भी अधिक पहुँच जाता है, परन्तु उष्णता का अनुभव नहीं किया जा सकता है। यहाँ हाइड्रोजन (H.) एवं हीलियम (He) गैसों की प्रधानता है। वायुमण्डल की सामान्य ताप ह्रास दर (Normal Temperature Lapse rate) 6.5°C/ किमी होती है।

आयनमण्डल

ionosphere

इसकी ऊँचाई 80-640 किमी पाई जाती है। यहाँ उपस्थित कण विद्युत आवेशित होते हैं, जिन्हें आयन कहते हैं। अतः इस परत का नाम आयनमण्डल (lonosphere) रखा गया है। इसी परत से रेडियो तरंगें परावर्तित होती हैं।

क्षोभसीमा

tropism

क्षोभमण्डल की ऊपरी सीमा क्षोभसीमा कहलाती है। यहाँ पर तापमान स्थिर होने के कारण इसे क्षोभसीमा (Tropopause) कहते हैं। इसकी मोटाई 1.5 किमी है। इस सीमा पर वायु का तापमान भूमध्य रेखा पर – 80°C तथा ध्रुवों पर 45°C होता है। वायुमण्डल का 97% भाग 29 किमी की ऊँचाई तक पाया जाता है।

I hope the above information will be useful and important.
(आशा है, उपरोक्त जानकारी उपयोगी एवं महत्वपूर्ण होगी।)
Thank you.
R F Temre
pragyaab.com

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