ज्वालामुखी | Volcano
ज्वालामुखी (Volcano)
भूपटल पर वह प्राकृतिक छिद्र अथवा दरार है, जिससे होकर पृथ्वी का पिघला पदार्थ, लावा, राख, जलवाष्प, ठोस पदार्थ तथा अन्य गैसे बाहर निकलती हैं। इसे प्रकृति का सुरक्षा वाल्व (Safety Valve) भी कहा जाता है। ज्वालामुखी मे जलवाष्प (80-90%) के अलावा कार्बन डाइऑक्साइड, हाइड्रोजन, नाइट्रोजन गैसें होती है। विश्व की अधिकांश ज्वालामुखी घटनाएँ विनाशात्मक प्लेट किनारों (Destructive Plate Margins) पर घटित होती हैं। नवीन मोड़दार पर्वतीय क्षेत्रों में अधिकांश सक्रिय ज्वालामुखी पाए जाते है। सबसे अधिक सक्रिय ज्वालामुखी अमेरिका एवं एशिया महाद्वीप के तटों पर स्थित हैं व ऑस्ट्रेलिया महाद्वीप में एक भी ज्वालामुखी नहीं है।
प्रमुख ज्वालामुखी पर्वत
नाम – देश
कोटोपैक्सी – इक्वाडोर
मोनालेआ – अमेरिका (हवाई द्वीप)
इरेबस – अण्टार्कटिका
सेण्ट हेलेन्स – अमेरिका
विसूवियस – इटली (नेपल्स खाड़ी)
किलायू – हवाई द्वीप
स्ट्राम्बोली – सिसली (भूमध्य सागर)
ज्वालामुखी की सक्रियता
1. सक्रिय ज्वालामुखी (Active Volcano)
ऐसे ज्वालामुखी जिनके मुख से सदैव धूल, धुँआ, वाष्प, गैसें, राख, लावा आदि पदार्थ बाहर निकलते रहते हैं। वर्तमान में इनकी संख्या 500 से अधिक है; जैसे- सिसली द्वीप का माउण्ट एटना, लेपारी द्वीप का स्ट्राम्बोली, इक्वेडोर का कोटोपैक्सी, अण्टार्कटिका का माउण्ट इरेबस, अण्डमान निकोबार का बैरन द्वीप, हवाई द्वीप का मोनालोवा, अर्जेण्टीना का ओजस डेल सालाडो, हवाई द्वीप का किलायू (Kilauea) विश्व का सर्वाधिक सक्रिय ज्वालामुखी है।
2. मृत या शान्त ज्वालामुखी (Extinct Volcano)
ऐसे ज्वालामुखी, जिसमें ऐतिहासिक काल में कोई उद्गार नहीं हुआ है और जिसमें पुनः उद्गार होने की सम्भावना नहीं है; जैसे- ईरान का कोह सुल्तान एवं देवबन्द, म्यांमार का पोपा, तंजानिया का किलिमंजारो, इक्वेडोर का चिम्बाराजो तथा एण्डीज का एकांकागुआ।
3. प्रसुप्त ज्वालामुखी (Dormant Volcano)
ऐसे ज्वालामुखी जिसमें निकट अतीत में उद्गार नहीं हुआ है, लेकिन जिसमें कभी भी उद्गार हो सकता है; जैसे– इटली (विसूवियस), जापान (फ्यूजीयामा), इण्डोनेशिया (क्राकाटाओ), अण्डमान-निकोबार (नारकोण्डम द्वीप में)।
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(आशा है, उपरोक्त जानकारी उपयोगी एवं महत्वपूर्ण होगी।)
Thank you.
R F Temre
pragyaab.com
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