प्रदूषण, ग्रीन हाउस प्रभाव, अम्ल वर्षा, ओजोन क्षरण | Pollution, Green House Effect, Acid Rain, Ozone Depletion |
प्रदूषण
"वायु, जल या भूमि (अर्थात् पर्यावरण) के भौतिक, रासायनिक या जैविक गुणों में होने वाले ऐसे अनचाहे परिवर्तन, जो मनुष्य एवं अन्य जीवधारियों, उनकी जीवन परिस्थितियों, औद्योगिक प्रक्रियाओं एवं सांस्कृतिक उपलब्धियों के लिए हानिकारक हो, प्रदूषण (Pollution) कहलाते हैं।"
ग्रीन हाउस प्रभाव
कार्बन डाइऑक्साइड, मीथेन, क्लोरोफ्लोरोकार्बन, नाइट्स ऑक्साइड आदि गैसे ग्रीन हाउस प्रभाव उत्पन्न करती है। ये गैसे पृथ्वी के चारों ओर आच्छादित होकर एक घना आवरण बना लेती हैं, जिससे होकर पृथ्वी पर सौर विकिरण तो आ जाता है, परन्तु ये गैसे इन्हें वापस अन्तरिक्ष में नहीं जाने देती है। इसके फलस्वरूप विश्व के तापमान में वृद्धि होती है।
अम्ल वर्षा
अम्ल वर्षा का कारण मुख्यतः सल्फर डाइऑक्साइड, नाइट्रिक ऑक्साइड, नाइट्स ऑक्साइड आदि गैसे हैं। इन गैसों का मुख्य स्रोत जीवाश्म ईंधन का जलाया जाना एवं औद्योगिक प्रक्रियाएँ हैं। कार्बन-डाई-ऑक्साइड के पश्चात् सल्फर डाई ऑक्साइड वायु को प्रदूषित करने वाली दूसरी महत्त्वपूर्ण गैस है सल्फर डाई ऑक्साइड, नाइट्रिक ऑक्साइड एवं नाइट्स ऑक्साइड जैसी गैसे जब वर्षा जल में घुलकर पृथ्वी पर आती है, तो अम्ल वर्षा होती है। अम्ल वर्षा का प्रभाव फसलो, पेड़-पौधों एवं जीव-जन्तुओं पर पड़ता है।
ओजोन क्षरण
ओजोन की परत सूर्य की किरणों से विकरित घातक पराबैगनी किरणों को पृथ्वी पर आने से रोकती है। जब विभिन्न स्रोतों से उत्सर्जित क्लोरीन गैस ऊपर उठती है। तो ओजोन (O,) से प्रतिक्रिया करके क्लोरीन मोनो ऑक्साइड एवं ऑक्सीजन का निर्माण होता है। क्लोरीन का एक अणु ओजोन के अनेक अणुओं का विनाश करने में सक्षम होता है। चूंकि ध्रुवो के निकट ओजोन मण्डल की ऊँचाई कम होती है अतः यहाँ ओजोन क्षरण की समस्या सर्वाधिक गम्भीर है।
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(आशा है, उपरोक्त जानकारी उपयोगी एवं महत्वपूर्ण होगी।)
Thank you.
R F Temre
pragyaab.com
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