ॐ का रहस्य— इसका उच्चारण कब और क्यों करें || वास्तुशास्त्र एवं स्वास्थ्य सुधार में ॐ का महत्व, ॐ उच्चारण के लाभ
ॐ एक अद्भुत मंत्र है। ओम (ॐ) ध्वनि के उच्चारण से हमारा तन और मन दोनों पूर्णतया स्वस्थ हो जाते हैं। यह तीन अक्षरों से मिलकर बना है— अ उ म। संस्कृत वर्णमाला के अनुसार देखें तो यह एक प्लुत ध्वनि है। ब्रह्मांड में गुंजित होने वाली समस्त प्रकार की ध्वनियों में यह ध्वनि सबसे अधिक शक्तिशाली है।
ॐ ब्रह्मा, विष्णु और महेश त्रिदेवों का भी प्रतीक है। जीवन जीने की शक्ति और संसार की चुनौतियों का सामना करने का अदम्य साहस देने वाले इस ओम (ॐ) के उच्चारण से विभिन्न प्रकार की व्याधियों और समस्याओं से चुटकियों में छुटकारा पाया जा सकता है। पुराणों के अनुसार सृष्टि के आरंभ में एक ध्वनि गूंज रही थी वह ध्वनि थी— ॐ। यह ध्वनि पूरे ब्रह्माण्ड में फैली हुई थी। इस ध्वनि में वह ऊर्जा थी जो असंभव को संभव करने का सामर्थ्य रखती थी। यह ॐ ध्वनि सकारात्मक ऊर्जा का स्रोत है। आज भी जब हम इस ध्वनि को सुनते हैं तो हमारे अंदर ऊर्जा का संचार होता है।
ॐ एक बीज मंत्र
ॐ को बीज मंत्र कहा जाता है क्योंकि यह सभी अक्षरों और ध्वनियों की जननी है अर्थात समस्त प्रकार की ध्वनियों की उत्पत्ति का स्रोत ॐ ही है। ॐ को ब्रह्मांड का स्वरूप माना जाता है। धार्मिक दृष्टि से ॐ में त्रिदेवों का वास होता है। यदि हम ॐ का उच्चारण करते हैं तो इससे तीनों देव की उपासना हो जाती है। पुराणों के अनुसार— ब्रह्मा, विष्णु और महेश की उत्पत्ति ॐ से ही हुई है। साथ ही सभी मंत्रों की शुरुआत इसी ॐ से होती है इसलिए इसे बीज मंत्र कहा जाता है।
वास्तु के अनुसार ॐ महत्व
वास्तुविदों का मानना है कि घर में स्थित सर्व वास्तु दोषों को ॐ की ध्वनि मात्र से दूर किया जा सकता है। घर में मुख्य द्वार के ऊपर ॐ लिखा हुआ होता है जिससे बाहर की नकारात्मक शक्तियाॅं घर में प्रवेश नहीं करती अपितु सारी सकारात्मक ऊर्जा घर के लिए इस ॐ से उत्पन्न होती हैं।
शरीर पर ॐ का प्रभाव
ॐ एक ऐसी ध्वनि है जो किसी भी धर्म या पंथ के लिए सकारात्मक ऊर्जा का कार्य करती है। इस ध्वनि के गुंजायमान होने से प्राणियों के शरीर के विषैले तत्वों का निष्कासन प्रारंभ हो जाता है और लाभप्रद ऊर्जा का संचार होता है। इस ॐ की ध्वनि का उच्चारण करने से व्यक्ति में तनाव के कारण निकले हुए हार्मोन्स नियंत्रित होते हैं। यह हृदय और रक्त के प्रवाह को भी संतुलित रखता है। इस ध्वनि को सुनने या उच्चारण करने से पाचन शक्ति तेज होती है। ॐ ध्वनि के उच्चारण से एक नई एनर्जी शरीर में बनी रहती है। यदि थकान से मुक्ति पाना है तो ॐ ध्वनि से बेहतर और कुछ भी नहीं हो सकता। यदि जिसे नींद नहीं आती तो ॐ की ध्वनि के उच्चारण मात्र से अनिद्रा की समस्या सदा-सदा के लिए दूर हो जाती है और गहरी नींद आनी शुरू हो जाती है। जो व्यक्ति इस ॐ ध्वनि का उच्चारण नियमित करता है उसके आसपास की नकारात्मकता दूर हो जाती है और सकारात्मक ऊर्जा का निर्माण होने लगता है। रात को सोने से पहले ॐ का उच्चारण करना चाहिए।
यहाॅं एक बात स्पष्ट करना आवश्यक है। केवल एक-दो बार या अल्प समय तक ॐ का उच्चारण करने से उक्त लाभ प्राप्त हो जाए ऐसा नहीं है। बल्कि अनवरत रूप से नियमित उच्चारण से दीर्घ काल में इसके उच्चारण करने के लाभों का अनुभव किया जा सकता है।
सम्पूर्ण ब्रम्हाण्ड का प्रतीक ॐ
अद्भुत है ॐ जो सम्पूर्ण ब्रम्हाण्ड का प्रतीक है। यह एक प्रणव मंत्र और एक अनहद ध्वनि है। संपूर्ण ब्रह्मांड में यह अनवरत जारी है। ध्यान की अवस्था में जाकर ब्रह्माण्ड में गुंजित इस ध्वनि का अनुभव किया जा सकता है। यह ध्वनि हमारे शरीर अंदर और बाहर चारों तरफ गूंजती रहती है। इसे सामान्य स्थिति में सुनना असंभव है। ध्यान की अवस्था में ॐ ध्वनि को सुना जा सकता है। जब प्राणी ध्यान की अवस्था में इसे सुनने लगता है तब समझो वह परमात्मा तक पहुॅंचने की कगार पर है।
परमात्मा से जुड़ने का उपाय ॐ
ॐ परमात्मा से जुड़ने का बड़ा ही सरल उपाय है। ॐ ध्वनि का उच्चारण करते हुए आत्म-स्वरूप का दर्शन करके परमात्मा अनुभूति भी की जा सकती है। ॐ बीज मंत्र के उच्चारण से मानव ईश्वर को प्राप्त कर सकता है। इसके लिए आवश्यक है नियमित रूप से एक निश्चित समय पर इसका उच्चारण किया जाए।
ॐ का उच्चारण किस समय करें?
प्राणी मात्र को नित्य प्रति ॐ का उच्चारण करना चाहिए किंतु इस बीज मंत्र का उच्चारण किस समय करें यह महत्वपूर्ण है। सुबह उठकर पवित्र होकर अर्थात स्नान करके पद्मासन, वज्रासन या सुखासन में से किसी एक आसन में बैठकर ॐ का उच्चारण कर सकते हैं। ॐ ध्वनि का उच्चारण पाँच, सात, दस, इक्कीस बार कर सकते हैं। व्यक्ति अपने समय अनुसार करें। इस बीज मंत्र का उच्चारण उच्च स्वर या निम्न स्वर दोनों में किया जा सकता है।
ॐ ध्वनि के लाभ
ॐ की ध्वनि को सुनना और उच्चारित करना दोनों ही अत्यंत लाभ कारक है। इसके उच्चारण करने से जो-जो भी लाभ हमें प्राप्त होते हैं उनका विवरण नीचे बिंदुवार दिया गया है—
(1) शरीर और मन को एकाग्र करने में मदद मिलती है।
(2) हृदय की धड़कनें और रक्त संचार ठीक होता है।
(3) मानसिक व्याधियाॅं दूर होती है।
(4) 108 बार ॐ ध्वनि का उच्चारण करने वाले मनुष्य सदैव स्वस्थ रहते हैं।
(5) ॐ का उच्चारण करने से प्रकृति के साथ बेहतर तालमेल स्थापित होता है और इसी के कारण हमें प्राकृतिक ऊर्जा प्राप्त होते रहती है।
(6) ॐ का नियमित उच्चारण करने से परिस्थितियों का पूर्वानुमान होने लगता है।
(7) इसके उच्चारण से हमारे व्यवहार में शालीनता आती है जिससे शत्रु भी हमारा मित्र बन जाता है।
(8) ॐ ध्वनि के उच्चारण से मन में कभी निराशा के भाव उत्पन्न नहीं होते हैं।
(9) जो व्यक्ति नियमित ॐ ध्वनि की नाद करता है उसके अंदर कभी भी क्षोभ, ग्लानि की दशा या आत्महत्या जैसे विचार नहीं आ सकते।
(10) यदि किसी का मन पढ़ाई में नहीं लगता और बार-बार विचलित होकर यहाॅं-वहाॅं भागता है तो ॐ का उच्चारण करना चाहिए, जिससे मन पढ़ाई में लगने लगेगा।
(11) ॐ के उच्चारण का प्रभाव स्मृति पर भी पड़ता है जो व्यक्ति नियमित रूप से का उच्चारण करते हैं तो उनकी याददाश्त तेज हो जाती है और मेमोरी पावर बढ़ जाता है।
Bk. आस्था दीदी
सिवनी म.प्र.
इस 👇 बारे में भी जानें।
1. हरितालिका तीजा व्रत कथा
2. गणेश जी की आरती १. जय गणेश जय गणेश देवा। २. गणपति सेवा मंगल मेवा
3. हिन्दू विधि एवं दर्शन क्या है? इसका स्वरूप
4. नित्य स्मरणीय संस्कृत के मन्त्र
5. "वैष्णव जन तो तेने कहिये" भजन एवं इसका हिन्दी अर्थ
6. माँ दुर्गा जी की आरती अर्थ सहित।
7. श्री कुबेर महाराज की आरती
इन 👇ज्ञानवर्धक प्रकरणों को भी पढ़ें।
1. आती छींक रोकना नुकसानदेह हो सकता है
2. प्याज काटने पर आँखों में जलन और आँसू क्यों आते हैं?
3. खुजलाने पर सुख की अनुभूति क्यों होती है
4. नाखून क्यों और प्रतिदिवस कितने बढ़ते हैं?
5. दर्द का अहसास क्यों और कैसे होता है?
इन 👇 प्रकरणों के बारे में भी पढ़ें।
1. कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए ये 10 बातें आवश्यक
2. कोरोना संक्रमण से बचने व स्वस्थ रहने के लिए उपाय
3. भाप लेने की क्या फायदे हैं
4. बन्द या बहती नाक (जुकाम/फ्लू) के पाँच घरेलु इलाज
5. क्या हवा से भी कोरोनावायरस फैल सकता है?
6. टीका के बगैर रोग प्रतिरोधक क्षमता कैसे बढ़ती है?
7. covid-19 महामारी से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य
इन 👇 प्रकरणों के बारे में भी पढ़ें।
1. टीका लगने पर बुखार क्यों आता है?
2. कोरोना के इलाज में घर पर- क्या करें, क्या न करें?
3. covid-19 का टीका लगाने से पहले इन बातों पर ध्यान दें।
4. covid-19 बचाव हेतु एक ही तरह की वैक्सीन लगवाएं।
5. क्या तनाव कोरोना वैक्सीन के प्रभाव को कम कर सकता है?
6. प्लाज्मा थेरेपी से Covid19 का इलाज कैसे किया जाता है?
इन 👇 प्रकरणों के बारे में भी पढ़ें।
1. कोरोना के मरीज ब्लैक फंगस बीमारी से कैसे बचें
2. ब्लैक फंगस बीमारी के लक्षण क्या है?
3. कोरोना से लड़ने की ताकत आपके अंदर है, उसे पहचाने
4. ब्लैक फंगस शरीर के अंदर कैसे पहुंचता है?
5. ब्लैक फंगस शरीर पर कैसे कार्य करता है?
इन 👇 प्रकरणों के बारे में भी पढ़ें।
1. Covid 19 का फुलफार्म क्या है
2. 2DG कोविड-19 के इलाज की पहली स्वदेशी दवा
3. Covid-19 के इलाज हेतु नई विदेशी दवा –एन्टीबॉडी कॉकटेल
4. विश्व हेपेटाइटिस दिवस 28 जुलाई विशेष
I hope the above information will be useful and important.
(आशा है, उपरोक्त जानकारी उपयोगी एवं महत्वपूर्ण होगी।)
Thank you.
R F Temre
pragyaab.com
other resources Click for related information
(संबंधित जानकारी के लिए नीचे दिये गए विडियो को देखें।)
Comments