अध्याय 3 हार की जीत (कहानी) सुदर्शन परीक्षा हेतु महत्वपूर्ण प्रश्न (उत्तर सहित) कक्षा 6 विषय हिंदी
परीक्षोपयोगी पघांशो की व्याख्या कीजिए—
बाबाजी भी मनुष्य ही थे। अपनी वस्तु की प्रशंसा दूसरे के मुख से सुनने के लिये उनका हृदय अधीर हो उठा।
सन्दर्भ— प्रस्तुत पघांश हमारी भाषा भारती पाठ्य—पुस्तक के पाठ 3 हार की जीत से लिया गया है। इसके लेखक प्रसिद्ध कहानीकार श्री सुदर्शन जी हैं।
प्रसंग— यहाँ पर लेखक ने बताया है कि प्रत्येक मनुष्य को अपनी वस्तु की प्रशंसा अच्छी लगती है।
व्याख्या— बाबा भारती भले ही संन्यासी थे लेकिन थे तो मनुष्य ही। अपनी चीज की तारीफ सबको अच्छी लगती है। खड्ग सिंह के मुख से अपने घोड़े की तारीफ सुनने की चाह उनके मन में जाग उठी।
वैकल्पिक प्रश्न—
(क) खड्ग सिंह कौन था?
(i) किसान था
(ii) वैघ था
(iii) कुख्यात डाकू था
(iv) पुजारी था।
उत्तर— (iii) कुख्यात डाकू था।
(ख) बाबा भारती रहते थे?
(i) कुटिया में
(ii) मन्दिर में
(iii) राजमहल में
(iv) बड़े भवन में।
उत्तर— (ii) मन्दिर में।
(ग) बाबा भारती अपने घोड़े को किस नाम से पुकारते थे।
(i) बुद्धिमान
(ii) रामू
(iii) वीर
(iv) सुलतान।
उत्तर— (iv) सुलतान
रिक्त स्थान भरिए—
(क) बाबा भारती और खड्ग सिंह अस्तबल में पहुँचे।
(ख) अब कोई गरीबों की सहायता से मुँह न मोड़ेगा।
(ग) खड्ग सिंह ने अपने को दुर्गादत्त वैद्य का सौतेला भाई बताया था।
वाक्यों को एक शब्द में लिखिए।
(i) जो दूसरों की प्रशंसा करता है।
उत्तर— प्रशंसक
(ii) जो दूसरों की निन्दा करता है।
उत्तर— परनिंदक।
शब्दों का वाक्य में प्रयोग कीजिए।
करुणा, पवित्र।
उत्तर— करुणा— रोगी व्यक्तियों की छटपटाहट परिजनों में करुणा पैदा कर रही थी।
पवित्र— पवित्र गुफा के दर्शन के लिए प्रतिवर्ष केदारनाथ जाते हैं।
महत्वपूर्ण प्रश्ननोत्तर—
(क) "विचित्र जानवर है, देखोगे तो प्रसन्न हो जाओगे" यह कथन बाबा भारती ने किससे और क्यों कहा?
उत्तर— "विचित्र जानवर है, देखोगे तो प्रसन्न हो जाओगे।" यह कथन बाबा भारती ने डाकू खड्गसिंह से कहा। बाबा भारती ने यह वाक्य इसलिए कहा कि खड्गसिंह को सुलतान को देखने की चाह थी। जो भी कोई उनके घोड़े की प्रशंसा करता, वे अति प्रसन्न होते और खुशी से उसके गुणगान करने लगते।
(ख) बाबा भारती ने खड्गसिंह से घटना को किसी के सामने प्रकट न करने के लिए क्यों कहा?
उत्तर— अपाहिज बने खड्गसिंह को बाबा भारती ने अपने घोड़े पर बैठा लिया। उसने घोड़े की पीठ पर बैठते ही लगाम को झटका देकर छीन लिया और घोड़े पर तन कर बैठ गया और घोड़े को दौड़ा लिए जा रहा है। तब बाबा ने खड्गसिंह से तेज आवाज में कहा कि वह इस घटना को किसी के सामने प्रकट न करे; क्योंकि इस घटना को जानकर कोई भी आदमी किसी गरीब पर विश्वास नहीं करेगा।
(ग) बाबा भारती की दिनचर्या क्या थी?
उत्तर— बाबा भारती गाँव से बाहर एक छोटे से मन्दिर में रहते थे और भगवान का भजन करते थे। अपने घोड़े सुलतान को अपने हाथ से खरहरा करते थे। वे खुद ही उसे दाना खिलाते थे। उस घोड़े के बिना उनका जीवित रहना असम्भव ही था।
परीक्षा हेतु महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर के बारे में जानिए।।
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I hope the above information will be useful and important.
(आशा है, उपरोक्त जानकारी उपयोगी एवं महत्वपूर्ण होगी।)
Thank you.
R F Temre
pragyaab.com
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